पहली बारिश ने खोली गुणवत्ता की पोल,बहा गुरसियां -जटगा सड़क ,कुसमुंडा मार्ग कीचड़ गढ्ढों से अटा ,आवागमन बना जानलेवा

एसईसीएल एवं प्रशासनिक अदूरदर्शिता का खामियाजा भुगत रहे लोग,प्रक्रियाओं में बीता दिए एक साल

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । जिले में पिछले 2 दिनों में हुई झमाझम बारिश ने सड़क एवं पुल -पुलियों को व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है। गुरसियां से जटगा 18.80 किलोमीटर मार्ग दमऊकुंडा के पास तेज बहाव में कट गया है ।वहीं सर्वमंगला से कुसमुंडा तक का मार्ग गढ्ढों में गुम हो गया है। लीलागर नदी सहित कई नदी नाले उफान पर है। जिसकी वजह से जिलेवासी उक्त मार्गों से जद्दोजहद कर आवागमन कर रहे हैं।

यहाँ बताना होगा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क 2 योजना के तहत पोंडी उपरोड़ा विकासखण्ड के ग्राम जटगा से गुरसियां तक 18.80 किलोमीटर सड़क तैयार किया गया है। साढ़े 5 किलोमीटर चौड़ी (इंटर मीडिएट ) सड़क को 13 करोड़ 19 लाख की लागत से मेसर्स किशन एंड कंपनी ने मई 2019 में सड़क तैयार किया गया था। रविवार को हुई झमाझम बारिश में सोमवार को दमऊकुंडा के पास सड़क बह गया। करीब 5 मीटर तक बहे सड़क की वजह से सोमवार को आवागमन बाधित रहा।मंगलवार शाम तक वैकल्पिक व्यवस्था के तहत मिट्टी फील कर सड़क को आवागमन योग्य बनाए जाने की बात अधिकारियों द्वारा कही जा रही है।लेकिन तेजी बारिश होने पर मरम्मत किया हुआ हिस्सा पुनः बह जाएगा। मामले में ग्रामीणों का आरोप है कि सडक़ बनाते समय गुणवत्ता एवं तकनीकी मापदंडों का ठेकेदार ने नजरअंदाज कर दिया ।जिसकी वजह से मानसून की पहली बारिश करोड़ों की सड़क बहा ले गई। वहीं विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पोंडी ब्लॉक में घटना दिवस को रिकार्ड 187 मिलीमीटर झमाझम मूसलाधार बारिश की वेग नहीं झेल सका।

200 करोड़ की सड़क दो साल में बनेगी,मरम्मत की अनदेखी से जलमग्न हुआ कुसमुंडा सर्वमंगला मार्ग

यहाँ बताना होगा कि 2 दशक पूर्व सर्वमंगला चौक से कुसमुंडा तक एसईसीएल द्वारा पक्की सड़क तैयार की गई थी । टू लेन इस मार्ग का उपयोग एसईसीएल द्वारा अपने खदानों के कोयला परिवहन के लिए सर्वाधिक रूप से किया जा रहा है । 5.5 किलोमीटर लंबी इस सड़क में पिछले दो साल से यातायात व्यवस्था चरमराई हुई है । दरअसल कुसमुंडा खदान क्षेत्र गेवरा स्टेशन का फाटक बंद होते ही मालवाहक वाहनों की लंबी कतार लग जाती है । जिसकी वजह से टू लेन मार्ग वन- वे बन जाता है । वन -वे मार्ग में ही अन्य वाहनों का परिचालन जारी रहता है । लिहाजा यात्री बसों से लेकर दोपहिया वाहन चालक आए दिन जाम में फंस जाते हैं । मार्ग के एक किनारे में जहां नहर है ,वहीं दूसरे किनारे पर गढ्ढे व पेंड पौधे हैं । जिसकी वजह से लोग घण्टों तक जाम में फंस जाते हैं । संकरी सड़क व बाजू से रास्ते नहीं होने के कारण जाम खुलने में घण्टों लग जाता है । आए दिन इस तरह के जाम लगने के कारण लोगों कर साथ साथ छात्र छात्राओं को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है । कभी कभी एम्बुलेंस भी जाम में फंस जाते हैं। इस समस्या को देखते हुए जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में कई मर्तबा लोगों ने सड़क पर उतरकर सड़क के लिए प्रदर्शन किया था । इस मार्ग का सर्वाधिक उपयोग एसईसीएल द्वारा किया जा रहा है ।लिहाजा जिला प्रशासन ने एसईसीएल को फोरलेन सड़क बनाने की जिम्मेदारी दी थी । इंडस्ट्रियल सड़क कॉरिडोर सड़क निर्माण योजना के तहत यह कार्य किया जाना था। इसके अलावा कोयलांचल क्षेत्र की दो और सड़कों को संवारने की जिम्मेदारी दी गई थी । सर्वमंगला से तरदा 8 किलोमीटर एवं तरदा से हरदीबाजार 13.2 किलोमीटर सड़क तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी । इसके लिए सर्वमंगला से कुसमुंडा एक फेस में फोरलेन तो दूसरे फेस में सर्वमंगला से तरदा -हरदीबाजार तक 21 .2 किलोमीटर सड़क एक फेस में तैयार की जाएगी । इस तरह 3 सड़कों का 2फेस में निर्माण करने एसईसीएल ने राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल एवं कलेक्टर की पहल पर 200 करोड़ रुपए की प्रतिबद्धता राशि देने की सहमति जताई थी । राशि मिलने के बाद क्रियान्वयन एजेंसी लोक निर्माण विभाग ने सभी सड़कों के लिए अगस्त 2020 में ही संयुक्त टेंडर लगाया था । यह कार्य नागपुर की फर्म एमएमएस को मिला है । मार्च 2023 तक सड़क तैयार किया जाना है। लेकिन अब तक रिटेनिंगवाल ,साईड में नहर का चौड़ीकरण ,तरदा की तरफ जीएसबी का कार्य ही हो सका है। बरसात में कार्य लगभग ठप्प रहेगा। बरसात के बाद ही शेष बचे कार्य जीएसबी ,डीएलसी एवं पीक्यूसी होगा । इस तरह कंक्रीटयुक्त सड़क के लिए अभी डेढ़ से 2 साल का वक्त लगेगा।

समय पर मरम्मत नहीं किए जानलेवा बना है मार्ग

सड़क निर्माण कार्य में बहुत विलंब हो चुका है। नगर निगम एसईसीएल की पाईप शिफ्टिंग ,वायर शिफ्टिंग,पेड़ों की कटाई एवं अतिक्रमण हटाने में वक्त लगा। वर्तमान में यह मार्ग गहरे गड्ढों एवं कीचड़ से सराबोर हो गया है। एसईसीएल सड़क बनने तक मरम्मत के लिए डेढ़ करोड़ का टेंडर लगाया है। लेकिन प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो सकी है। जिसकी वजह से कोयलांचलवासियों को शहर तक आवागमन के लिए गढ्ढों एवं कीचड़ से अटे मार्ग में जान हथेली पर लेकर आवागमन करना पड़ रहा है।

वर्जन

बरसात के बाद तेजी से होगा काम ,मरम्मत का लगा है टेंडर

बरसात में मिट्टी कार्य संभव नहीं है। बरसात के बाद प्राथमिकता से निर्माण कार्य कराया जाएगा।एसईसीएल द्वारा मरम्मत कार्य के लिए टेंडर लगाया गया है।

ए.के.वर्मा ,ईई पीडब्ल्यूडी