दिव्यांग ननंद की आजीवन सेवा करने वाली रामायण देवी नहीं रहीं

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। अंधी (दिव्यांग ) ननन्द की आजीवन निस्वार्थ सेवा कर कलार समाज में उदाहरण पेश करने वाली मनगांव (लक्ष्मण नगर )निवासी रामायण देवी कश्यप 82 वर्ष नहीं रहीं। मंगलवार की शाम उन्होंने अंतिम सांस ली ।

सहज सरल मिलनसार मृदुभाषी रामायण देवी अपने नाम अनुरूप आजीवन रामायण का पाठ करती रहीं। 20 साल की उम्र में विवाहित ननन्द को ससुराल वालों द्वारा अंधी हो जाने के कारण त्यागने के बाद रामायण देवी ने 88 साल उनकी मृत्यु पर्यन्त निस्वार्थ सेवा कर कलार समाज में अनुकरणीय उदाहरण पेश किया था। 15 जून को बड़े पुत्र एसईसीएल कर्मी झाड़ूराम कश्यप के यहाँ दीपका में उनका स्वास्थ्य खराब हो गया। अपोलो ले जाते वक्त शाम 5 बजे रास्ते में उनका निधन हो गया। अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने इसकी पुष्टि की। रामायण देवी की अंत्येष्टि दीपका स्थित मुक्तिधाम में होगी। ये अपने पीछे 2 पुत्र ,3 पुत्री ,नाती ,पोतों से भरा पूरा परिवार रोता बिलखता छोंड गईं।इनके निधन से परिजनों सहित समाज में शोक की लहर व्याप्त है ।