जनपद पंचायत कोरबा का मामला,प्रेस वार्ता में उपाध्यक्ष ने दी सफाई ,शाम होते ही पुत्र का ऑडियो वॉयरल
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । जनपद पंचायत उपाध्यक्ष कोरबा का सरपंच संघ द्वारा बहिष्कार किए जाने एवं पुत्र पर सरपंच सचिवों से शिकायत एवं जांच का भय दिखाकर भयादोहन करने के मामले में अब एक और नाटकीय मोड़ आ गया है। जनपद उपाध्यक्ष कोरबा श्रीमती कौशिल्या वैष्णव ने प्रेस वार्ता लेकर इस बात का खुलासा किया है उनके द्वारा ब्लॉक के 5 ग्राम पंचायतों में हुई वित्तीय गड़बड़ी की शिकायत कर जांच कराई जा रही है। जांच प्रक्रिया को प्रभावित करने कार्यवाई से बचने सरपंचों द्वारा उनके व उनके पुत्र के विरुद्ध झूठी शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। उन्होंने सरपंच संघ के अध्यक्ष मूलभूत की राशि अप्राप्त होने के संदर्भ में शिकायत करने के नाम पर सरपंचों से ब्लैंक लेटर पैड पर हस्ताक्षर कराने का भी गम्भीर आरोप लगाया है।
प्रेस वार्ता में जनपद उपाध्यक्ष श्रीमती कौशिल्या वैष्णव ने बताया कि उनके द्वारा गत पंचवर्षीय कार्यकाल में सरपंच संघ के अध्यक्ष कुल सिंह कंवर एवं उपाध्यक्ष जनार्दन सिंह कंवर के विरुद्ध वित्तीय अनियमितता की शिकायतें की गई थी । जिसमें लाखों करोड़ों रुपए शासकीय राशि का गबन करने का उल्लेख था। इसके लिए जांच कमेटी भी बनी हुई है। लेकिन जांच शुरू होने से पूर्व ही तिलकेजा की दस्तावेज गायब हो गई है। सरपंच कुलसिंह सचिव एन पी डहरिया द्वारा आलमारी का ताला तोड़कर अज्ञात चोरों द्वारा चोरी किए जाने की मनगढ़ंत कहानी बनाई गई। उरगा थाना को भी इसकी सूचना दी गई। जहां पुलिस की मिलीभगत से जांच प्रक्रिया ही आगे नहीं बढ़ी। उपाध्यक्ष श्रीमती वैष्णव ने बताया कि इस जांच,कार्यवाई से बचने के लिए सरपंच संघ के अध्यक्ष उपाध्यक्ष द्वारा भोले भाले आदिवासी सरपंचों से हस्ताक्षर करवाकर उनके व उनके पुत्र आशुतोष वैष्णव के विरुद्ध भयादोहन की शिकायत की गई है। जबकि उनके द्वारा किसी भी तरह से राशि की मांग नहीं की गई है। उनकी छवि धूमिल करने षड्यंत्र पूर्वक शिकायत की गई है।जो निंदनीय है। जनपद उपाध्यक्ष ने ग्राम पंचायत तिलकेजा,लबेद रजगामार ,सिमकेंदा,कुदुरमाल ,ग्राम पंचायत उरगा की जांच कराए जाने की मांग की है। जिससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन चोर कौन कोतवाल है।
बेटे पर कामकाज में हस्तक्षेप के सवालों पर घिर गईं उपाध्यक्ष
प्रेस वार्ता में जनपद उपाध्यक्ष श्रीमती कौशिल्या वैष्णव उस समय घिर गईं जब पत्रकारों ने उनके पुत्र आशुतोष वैष्णव पर उनके पद का दुरुपयोग कर उनके कार्यक्षेत्र में हस्तक्षेप करने ,सरपंच सचिवों को धमकाने सम्बन्धी आरोपों को लेकर सवाल दागे।इस सवाल के जवाब देते समय कुछ पल के लिए वो आवेशित हो गई थीं उनका कहना था कि ये सब उनके पुत्र को फंसाने की साजिश है । पुत्र केवल उनको लाने जे जाने में सहयोग करता है कार्य में कोई हस्तक्षेप नहीं करता।बाद में उपाध्यक्ष महोदया ने बड़े ही अनोखे अंदाज में अपनी बात रखी कि सरकार महिला जनप्रतिनिधियों को ड्राईवर दे ताकि हम अपने पुरुष सगे संबंधियों को अपने दौरे व कामकाज के लिए ले जाने पर विवश न हों। वहीं जब उनसे यह सवाल किया गया कि पँचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा निर्वाचित महिला पँचायत पदाधिकारी के कामकाज में सगे सम्बन्धियों के हस्तक्षेप को प्रतिबंध कर दिया गया है। भाटा पारा -बलौदाबाजार जिलों में इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने सीईओ जिला पँचायत द्वारा आदेश प्रसारित कर दिया गया है । क्या आप महिला जनप्रतिनिधि होने के नाते इसका समर्थन कर कोरबा में भी इस आदेश का पालन सुनिश्चित कराने का समर्थन करती हैं तो एक पल के लिए वो बगले झांकने लगी थीं बाद में उन्होंने कहा हां मैं भी इसका समर्थन करूंगी। चाहूंगी कि ऐसा आदेश प्रसारित हो ।
पुत्र का धमकी भरा ऑडियो वॉयरल
जनपद उपाध्यक्ष के पुत्र आशुतोष वैष्णव का एक ऑडियो वॉयरल हो रहा है। जिसमें वो सरपंच संघ के उपाध्यक्ष उरगा सरपंच जनार्दन सिंह कंवर को उनके विरुद्ध की गई शिकायत के लिए धमका रहे हैं। ऑडियो में सबसे पहले उपाध्यक्ष पुत्र जनार्दन सिंह कंवर को चाचा कहकर संबोधित करते हुए लगाए गए आरोपों के लिए जमकर खरी खोटी सुना रहे हैं। ऑडियो में आपसी सबंध स्थानीय निवासी होने के बाद भी शिकायत करने को लेकर भड़ास निकाली जा रही है। ऑडियो में जहाँ जनार्दन सिंह 50 हजार रुपए मांगने की बात कह रहे हैं तो वहीं उपाध्यक्ष पुत्र आशुतोष वैष्णव इस बात से साफ इंकार कर प्रमाण देने व उनके ऊपर ही पंचायत के 26 लाख के काम भाजपा नेताओं से करवाकर 1 लाख 10 हजार रुपए का कमीशन डकारने का आरोप लगा रहे हैं। आडियो में ही दोनों एक दूसरे को चुनाव जिताने व हराने की बात कहकर उलझते हुए सुने जा सकते हैं। बाद में सम्बन्धों का हवाला देकर फिर शांत हो जाते हैं।