रायगढ़, – रायगढ़ जिले के खरसिया क्षेत्र में स्थित SKS पावर जनरेशन छत्तीसगढ़ लिमिटेड बिंजकोट, दर्रामुड़ा में कम्पनी स्थित है जो सरकारी मानदंडों का पालन सही तरीके से नहीं कर रही है। फैक्ट्री चिमनी के माध्यम से हवा में प्रदुषण को फ़ैलाने में किसी प्रकार कि कमी नहीं कर रही है।
SKS के कल-कारखानों की चिमनियों से उठते धुएं व नालों में बहती केमिकल युक्त गंदगी भी प्रदूषण को बढ़ाने का काम कर रही है। पर्यावरण को दूषित व जहरीला बनाने में चिमनियों से चौबीसों घंटे निकलते धुएं का जबरदस्त हाथ है। क्षेत्रवासी चिमनियों से निकलते धुएं के साये में जी रहें हैं। चिमनियों में प्रयुक्त होने वाले कोयले कार्बन मोनोआक्साइड गैस उगलते हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे अधिक हानिकारक है।
चिमनियों से निकलते धुओं के प्रभाव से आस-पड़ोस की जमीनें भी बंजर तो हो ही रही है साथ ही जो फसल लगी है वो भी बर्बाद हो जा रही है। लोग भी प्रदूषण से त्रस्त है। प्रदूषण का आलम यह है कि फैक्ट्री से 2 किलोमीटर के दायरे में बसे ग्रामीणों के घर, भूमि, खेत, कुआं, तालाब आदि काले धुंए के परत से ढंक गए हैं। किसानों के खेत प्रदूषण के कारण बंजर होते जा रहे हैं। इन चिमनियों की मार मानव जीवन के साथ-साथ प्रकृति पर भी पड़ रही है। पेड़-पौधे तो सूखते ही हैं, बच जाते हैं उन पर भी फल-फूल नहीं लगते। पेड़ पौधे प्रदूषण के कारण दम तोड़ रहे है। वहीं पुराने वृक्ष पर भी धुंए की काली परत काबिज हो गई है। घरों के आंगन व छतों पर काले धुंए का परत 24सो घण्टों फैली रहती है। SKS के चिमनियों से निकल रहे धुंए के प्रदूषण से कई ग्रामीण विभिन्न गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं।
क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का कहना है कि फैक्ट्री संचालक द्वारा प्रदूषण नियंत्रण कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। प्रशासन को इन सब विषय की जानकारी है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है ऐसा क्यों हो रहा है यह समझ से परे है। फैक्ट्री प्रबन्धन की नजर में इंसान की जान की लगता है कोई कीमत नहीं। एसकेएस उद्योग के रसूख के सामने प्रशासन भी कमजोर साबित हो रही है।
आप देख सकते हैं कारखानों से निकलने वाली धुओं से आसपास का वातावरण को बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। सबसे प्रदुषित जिलों में रायगढ़ का नाम क्यों आता है इसका उदाहरण आप देख सकते है। कारखानों से निकलने वाले धुंए को देखकर आप ये बात जान जाएंगे।
कोरोना संक्रमण काल में SKS पावर जनरेशन छत्तीसगढ़ लिमिटेड बिंजकोट दर्रामुड़ा कम्पनी से बेखौफ होकर चिमनी से धुआं निकाला जा रहा है। लगातार चौबीसों घंटे पावर प्लांट के चिमनीयों के धुएं ग्रामीण हलाकान व परेशान हैं। पिछले 9 महीने से लोग कोरोना वायरस से परेशान हैं तो वहीं प्लांट से निकलने वाली धुओं से भी त्रस्त हैं। SKS पावर प्लांट के धुआं से क्षेत्र के आसपास में बसे गांवों मे अनेक प्रकार की बिमारियां हो रही है केमिकल युक्त पानी नालों में भी छोड़ा जा रहा है। इस विषय पर पहले भी न्यूज हमने प्रमुखता से प्रकाशित किया है लेकिन प्रशासन है कि SKS प्लांट पर नकेल नहीं कस रही है।
पत्रकार अधिकारियों को फोन पर संपर्क कर इस विषय पर जानकारी लेने की कोशिश करते हैं तो फोन उठाना भी अधिकारी जरूरी नहीं समझते और जानकारी देने से बचते नजर आते हैं।
क्षेत्र के बीडीसी प्रतिनिधि दया राम राठिया से इस विषय पर सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि
“इस विषय पर प्लांट के जिम्मेदार अधिकारियों से हमने कई बार चर्चा करने की कोशिश किया। लेकिन प्लांट वाले किसी बात को ध्यान नहीं देते, लगता है इनको प्रशासन का सह मिल रहा है.