सुरक्षा के नाम पर सफेद हाथी साबित हो रहा हुल्ला पार्टी,हाथियों ने बनिया में फिर तोड़ा मकान

लाखों रुपए ख़र्च करने के बाद भी महफूज नहीं हो सके ग्रामीण

कोरबा । हाथियों से ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए कोलकाता से बुलाए गए हुल्ला पार्टी सफेद हाथी साबित हो रहा है। कटघोरा वन मंडल के पसान रेंज में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा अकेले पसान रेंज में हाथियों ने 23 दिन के भीतर 10 मकानों को तोड़ दिया। साथ ही 23 एकड़ खेत में लगे धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है। स्थाई समाधान के अभाव में ग्रामीण हलाकान हैं।

हाथियों के दल को गांव में घुसने से रोकने के लिए हुल्ला पार्टी नाकाम साबित हो रही। पार्टी के आने के बाद अनुमान लगाया जा रहा था कि मकान की तोड़फोड़ से राहत मिलेगी लेकिन उत्पात बढ़ गया है। हाथियों का दल 3 टुकड़ियों में बंट गया है। दल में शामिल हाथी कभी भी किसी गांव में घुसकर फसल और मकान को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वर्तमान में 27 हाथियों का बड़ा झुंड बनिया के निकट जंगल में है। सोमवार की देर रात को इस दल ने दो घरों को तोड दिया। झुंड किस ओर रूख करेंगे इस बात सही समय पर जानकारी नहीं मिलने नुकसान को रोकना संभव नही। ग्रामीणों की माने तो हुल्ला पार्टी में 11 सदस्य हैं। अलग अलग दल में बंटे हाथियों को नियंत्रित करने के लिए सदस्य पर्याप्त नहीं हैं। हाथी ना केवल फसल और मकान को नुकसान पहुंचा रहे बल्कि घर में रखे रसद सामाग्री को भी चट कर रहे हैं। विभाग की ओर से प्रभावितों को स्कूल अथवा सामुदायिक भवन में ठहराने की औपचारिकता निभाई जा रही है। भोजन की व्यवस्था नहीं किए जाने कारण प्रभावित ग्रामीण रिश्तेदारों के घर शरण लेने पर मजबूर हैं। ग्रामीणों की माने तो रात में ही हाथी एक गांव से निकटवर्ती दूसरे गांव में पहुंच जाते हैं। इससे सूचना देने में देरी होती है और हाथी घर को तोड़ने में कामयाब हो जाते हैं।

हुल्ला पार्टी पर माह में 2 लाख से अधिक खर्च

हुल्ला पार्टी पर वन विभाग की ओर से प्रतिदिन सात हजार रूपए खर्च की जा रही है। माह भर का खर्च दो लाख दस हजार रूपए पड़ता है। बीते वर्ष भी हुल्ला पार्टी दल को बुलाया गया था। खर्च अधिक होने से ग्रामीणों को उनके हाल पर छोड़ कर चले गए थे। हाथी अभी भी निकट के जंगल में विचरण कर रहे है। लगातार नुकसान से ग्रामीण हलकान होने के साथ दहशत के साए में जीवन बसर करने को मजबूर हैं। पसान रेंज में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा।