रामपुर विधायक का गृह ग्राम पंचायत 3 माह से सचिव विहीन ,विकास कार्य ठप्प ,जिला पंचायत प्रस्ताव दबाकर बैठा,भड़के ननकीराम

पूर्व गृहमंत्री ने कहा पंचायत विकास के कार्य बाधित हो रहे,सीईओ तत्काल लें संज्ञान

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । पूर्व गृहमंत्री व रामपुर विधायक ननकीराम कंवर का गृह ग्राम पंचायत सलिहाभांठा पिछले 3 माह से सचिव विहीन है। जिला पंचायत सीईओ को जनपद सीईओ द्वारा सचिवों के स्थानांतरण व प्रभार के लिए प्रस्ताव दिए जाने के पखवाड़े भर बाद भी पहल नहीं हुई। यहाँ तक कि रामपुर विधायक श्री कंवर द्वारा जिला पंचायत सीईओ को पत्र लिखे जाने के 12 दिन बाद भी सचिव की पदस्थापना नहीं की गई। जिला पंचायत की अनदेखी से सचिव के अभाव में बाधित हो रहे पँचायत विकास के कार्यों को लेकर श्री कंवर ने नाराजगी जताई है।

यहाँ बताना होगा कि करतला विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम पंचायत सलिहाभांठा प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री व रामपुर विधायक ननकीकराम का गृह ग्राम पंचायत है। साथ ही यह पूर्व सांसद स्व.डॉ.बंशीलाल महतो का गृह ग्राम है। लेकिन पिछले 3 माह से यह पंचायत सचिव विहीन है। बैठक व ग्राम सभा की समस्त कार्यवाही की जिम्मेदारी पंचायत के प्रशासनिक प्रमुख सचिव की होती है। सचिव की मौजूदगी में ही ग्राम विकास के लिए कार्ययोजना तैयार कर प्रस्ताव पारित किए जाते हैं। लेकिन सचिव विहीन होने की वजह से सलिहाभांठा का समस्त विकास कार्य ठप्प हो गया है। विभिन्न विकास कार्यों के लिए आया फंड सचिव के अभाव में आहरित नहीं हो पा रहा है। दरअसल सलिहाभांठा के सचिव चैनु राम बिंझवार का तबादला जामपानी कर दिया गया है। लेकिन यहाँ न तो सचिव की पदस्थापना की गई न तो प्रशासनिक व्यवस्था के तहत किसी और को प्रभार दिया गया। पंचायत के सरपंच श्रीमती प्रभा रामप्रसाद कंवर ने इस समस्या से जनपद सीईओ को मिलकर अवगत कराया । जनपद सीईओ आर एस मिर्झा ने सीईओ जिला पंचायत कोरबा को 14 अगस्त को ही दो सचिवों के स्थानांतरण संबंधी प्रस्ताव भेज दिया है। जिसके तहत पकरिया के सचिव हरिप्रसाद कंवर का कराईनारा तो कराईनारा के सचिव का पकरिया स्थानांतरण करते हुए सलिहाभांठा का अतिरिक्त प्रभार दिया जाना है। दरअसल दोनों सचिव पिछले 10 साल से एक ही जगह पदस्थ हैं। प्रशासकीय कार्यों ,सुविधा एवं ग्राम पंचायत के कार्यों में कसावट लाने इनके स्थानांतरण का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। लेकिन आज पर्यन्त आदेश जारी नहीं की गई । इसी प्रस्ताव के संदर्भ का हवाला देते हुए क्षेत्रीय विधायक श्री कंवर ने भी जिला पंचायत सीईओ को 17 अगस्त को प्रस्ताव भेजा था। लेकिन दुर्भाग्य ही कहें कि आज पर्यन्त जिला पंचायत ने सुध नहीं ली। जिससे पूर्व गृहमंत्री श्री कंवर खासे नाराज हैं। उन्होंने कहा है कि जिला पंचायत की लेटलतीफी व कार्यशैली सही नहीं है । वे इस संदर्भ में पुनः अधिकारियों से बात करेंगे।

जिला पंचायत सीईओ तक समय पर नहीं पहुंचती प्रकरण

सूत्रों की माने तो जिला पंचायत में एक ऐसे अधिकारी हैं जिनके टेबल से होकर तमाम फाइलें गुजरती हैं। ये अधिकारी फाइलों को तभी आगे बढाते हैं जब वो उनकी व्यवस्था में फिट होते हैं।
बताया जा रहा है कि उच्च अधिकारियों तक इनकी शिकायतें पहुंच चुकी है बावजूद कांग्रेस शासनकाल में इस तरह भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारियों को पनाह मिल रही हैं। शिकायतें फाईलों में ही दबकर रह जाती हैं।सूत्रों की मानें तो जिला पंचायत सीईओ तक कई महत्वपूर्ण प्रकरण समय पर नहीं पहुंच पा रहे।

पंचायत मंत्री के दौरे का इंतजार

कोरबा जिला पंचायत पिछले दो सालों में पूरे प्रदेश में सुर्खियों में रहा है। चाहे वो कागजों में शौचालय तैयार करने का मामला हो या फर्जी जियो टैगिंग कर पीएम आवास बनाने का। 14वें ,15वें वित्त के पंचायतों की राशि के दुरुपयोग से लेकर सचिवों के स्थानांतरण निलंबन के मामले में भी सुर्खियों में रहा है। जिसे देखते हुए पंचायत मंत्री टी एस सिंहदेव के कोरबा दौरे के आगमन की आवश्यकता महसूस की जा रही है। अर्से से उनका कोरबा आगमन नहीं हुआ है। प्रदेश में ढाई ढाई साल के सीएम के फार्मूले को लेकर सियासी घमासान के पटाक्षेप होने के बाद ही कोरबा के इस इंतजार का अंत होगा।

वर्जन

जिला पंचायत सीईओ लें संज्ञान ,तत्काल पदस्थापना करें

सचिव की पदस्थापना में इतना वक्त लगना सही नहीं है। जिला पंचायत सीईओ इसे तत्काल संज्ञान में लें। पंचायत का विकास कार्य पर प्रभावित नहीं होना चाहिए। हम जल्द अधिकारियों से इस संदर्भ में चर्चा करेंगे।

ननकीराम कंवर,विधायक रामपुर विधानसभा व पूर्व गृहमंत्री छत्तीसगढ़ शासन