अधिक सीटों पर प्रवेश देकर वसूले करोड़ों, 22 स्कूलों को नोटिस

जिले के 22 निजी स्कूलों को जिला शिक्षा अधिकारी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत शासन से राशि पाने इन स्कूलों द्वारा आरटीई सीटें बढ़ाकर दर्शाई गई हैं। जांच में यह बात सामने आने के बाद अब इन पर कार्रवाई की तैयारी है। नोटिस में कहा गया है कि स्कूलों द्वारा सत्र 2014-15 से सीटों की संख्या बढ़ाकर आरटीई के तहत प्रवेश के लिए ज्यादा सीटें दर्शाई जाती रही हैं। विद्यालय द्वारा कुल जितनी सीटें दर्शाई जाती हैं, उक्त संख्या के अनुसार विद्यार्थियों का प्रवेश नहीं हुआ है। इसके कारण आरटीई की तरह प्रवेशित विद्यार्थियों की संख्या उस कक्षा में कुल प्रवेशित विद्यार्थियों की तुलना में 25 प्रतिशत से अधिक हो गई है।

रायपुर. जिले के 22 निजी स्कूलों को जिला शिक्षा अधिकारी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत शासन से राशि पाने इन स्कूलों द्वारा आरटीई सीटें बढ़ाकर दर्शाई गई हैं। जांच में यह बात सामने आने के बाद अब इन पर कार्रवाई की तैयारी है। नोटिस में कहा गया है कि स्कूलों द्वारा सत्र 2014-15 से सीटों की संख्या बढ़ाकर आरटीई के तहत प्रवेश के लिए ज्यादा सीटें दर्शाई जाती रही हैं। विद्यालय द्वारा कुल जितनी सीटें दर्शाई जाती हैं, उक्त संख्या के अनुसार विद्यार्थियों का प्रवेश नहीं हुआ है। इसके कारण आरटीई की तरह प्रवेशित विद्यार्थियों की संख्या उस कक्षा में कुल प्रवेशित विद्यार्थियों की तुलना में 25 प्रतिशत से अधिक हो गई है।

गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने 22 स्कूलों को नोटिस जारी किया है। स्कूलों द्वारा स्थिति स्पष्ट न किए जाने पर शासन द्वारा प्रदान की गई शुल्क की राशि वापस लेने के साथ अन्य कार्रवाई करने की भी तैयारी है। हालांकि जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा अब तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि कितनी अतिरिक्त राशि का भुगतान इन स्कूलों को आरटीई के अंतर्गत किया जा चुका है। डीईओ के मुताबिक इसका भी ब्योरा तैयार किया जा रहा है। इसे ऐसे समझें मान लीजिए, किसी स्कूल में 100 सीटें हैं। इनमें से 25 फीसदी अर्थात 25 सीटें आरटीई के तहत नियमत: आरक्षित हो जाएंगी। कई नए खुले स्कूल अथवा ऐसे स्कूल, जहां पढ़ाई की गुणवत्ता अच्छी नहीं है, वहां आरटीई सीटों के बाद शेष रह गईं 75 सीटें नहीं भर पाती हैं। अब इन स्कूलों द्वारा अपने यहां कुल सीटों की संख्या 100 की जगह 200 बताई जाती है, जिससे यहां 25 फीसदी के अनुपात से आरटीई सीटें 50 हो गईं। आरटीई के अंतर्गत सीटें लगभग भर जाती हैं और शासन से फीस की राशि भी मिल जाती है। अपनी सीटों को आरटीई के तहत भरने और शासन से राशि हासिल करने के लिए निजी स्कूलों द्वारा सीटें बढ़ाने यह पैंतरा अपनाया गया। अब इन स्कूलों में अध्ययनरत अधिकतर छात्र आरटीई के तहत प्रवेशित ही हैं। जांच के बाद दिया नोटिस हमने ऐसे स्कूलों की जांच की थी। इनमें से कई स्कूलों में इस तरह की जानकारी सामने आई है। उसके बाद उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जवाब आने के बाद वैधानिक कार्यवाही भी करेंगे।

– एएन बंजारा, जिला शिक्षा अधिकारी, रायपुर