घेराव के दौरान बैरिकेड पलटकर कर कार्यकर्ता और नेता आगे बढ़े
रायपुर। धर्मांतरण के मुद्दे पर मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता कई कार्यकर्ताओं के साथ सड़कों पर उतरे। सभी मुख्यमंत्री निवास घेराव करने के लिए निकले थे। जय श्री राम के नारे लगाते हुए धर्मांतरण करने वालों के खिलाफ पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और सांसद सुनील सोनी आगे बढ़। बूढ़ा तालाब के बुढ़ेश्वर मंदिर के पास पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़कर, उसी पर चढ़कर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने धर्मांतरण के खिलाफ जमकर नारे लगाए।
इसके बाद सप्रे स्कूल के पास भी पुलिस के साथ भाजपा के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई। पार्षद मृत्युंजय दुबे बैरिकेड पर चढ़कर आगे जाने की कोशिश करते रहे और पुलिस उन्हें खींचती रही। इस दौरान पुलिस और पार्षद समर्थकों के साथ झूमाझटकी भी हुई।रैली निकालकर मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करते पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और सांसद सुनील सोनी का रास्ता सप्रे स्कूल के पास पुलिस ने रोक लिया। इससे नाराज होकर इन नेताओं ने सड़क पर धरना दे दिया। नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे भी सड़क पर बैठकर नारे लगाती नजर आईं। मौके पर मौजूद जिला प्रशासन के अधिकारियों ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए प्रदर्शनकारियों को आगे जाने की इजाजत नहीं दी।सभी को स्कूल कैंपस में बनी अस्थाई जेल में ले जाया गया। यहां 500 से अधिक प्रदर्शनकारियों ने गिरफ्तारी दी। सांसद सुनील सोनी, विधायक बृजमोहन अग्रवाल को भी यहीं गिरफ्तार कर लिया गया। कुछ देर बाद सभी को छोड़ा गया। पिछले कुछ महीनों में प्रदेश के सरगुजा, बस्तर और रायपुर, दुर्ग संभाग में धर्म परिवर्तन कराने की घटनाएं सामने आई हैं। गत माह रायपुर के पुरानी बस्ती थाने में इसी बात के विवाद पर एक पादरी को हिंदू संगठनों और भाजपा के कार्यकर्ताओं ने जूते से पीटा था। इसके बाद थानेदार को बदला गया, शहर के एसएसपी भी हटा दिए गए। तीन कार्यकर्ताओं को गैर जमानती धाराओं में गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया गया है। यही वजह है कि धर्मांतरण के मुद्दे पर भाजपा का आक्रामक रूप राजधानी की सड़कों पर देखने को मिला।
कानून-व्यवस्था बिगड़ी तो भुगतना होगा अंजाम, जनता परेशान
मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि रायपुर राजधानी के अलावा आसपास के इलाकों में धर्मांतरण की गतिविधियां बढ़ गई है। स्थिति यह है कि लोग धर्मांतरण करने वालों की पिटाई कर रहे हैं। अगर सरकार ने धर्मांतरण के मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया तो आगे कानून व्यवस्था की बिगड़ी हुई स्थिति भुगतनी होगी। जनता इस मुद्दे से बेहद परेशान हैं और आने वाले दिनों में अगर सरकार धर्मांतरण की घटनाओं पर रोक नहीं लगाती तो जनता सरकार की हवा-पानी गोल कर देगी।