ग्रामीणों की समस्या जानने पहुंचविहीन बस्तर के नक्सली इलाके में कवरेज करने गए 6 पत्रकार उफनती नदी में फंसे,घण्टों सांसत में रही जान

सुकमा। बस्तर संभाग के सुकमा जिले में 6 पत्रकारों पर उस वक्त आफत आ गई, जब वे कवरेज के लिए नक्सल इलाके में गए थे। नक्सल प्रभाव वाले एक गांव में रिपोर्टिंग कर वापस लौट रहे सुकमा के पत्रकार नदी (River) के किनारे फंस गए । नदी के तेज बहाव की वजह से एक किनारे से दूसरी ओर वो नहीं जा पा रहे थे। नदी में पानी का स्तर बढ़ता ही जा रहा था।जानकारी के बाद कुछ ग्रामीण मौके पर पहुंचे और रस्सियों का सहारे पत्रकारों का रेस्क्यू किया। इस पूरी घटना का वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है।

यहाँ बताना होगा कि बीते सोमवार को सुकमा के पोलमपल्ली थाना इलाके के अतुलपारा में जिले के पत्रकार न्यूज कवरेज करने गए हुए थे। इसी दौरान वे उफनती नदी के किनारे फंस गए।ग्रामीणों ने 4 घंटे की मसक्कत के बाद पत्रकारों का रेस्क्यू किया। गौरतलब है कि पोलमपल्ली से अतुलपारा पहुंचने के लिए न तो पक्की सड़क है और न ही नदी में किसी तरह का पुल बना हुआ है। किसानों की समस्याओं को जानने के लिए पत्रकारों ने पोलमपल्ली से अतुलपारा के बीच पड़ने वाली एक नदी को बाइक के माध्यम से पार किए थे। पत्रकारों ने बताया कि जाते वक्त दी का जल स्तर काफी कम था, लेकिन चक्रवाती तूफान गुलआब की वजह से हो रही झमाझम बारिश से कुछ ही घंटों में नदी उफान पर आ गई थी।

जलस्तर कम होने नदी किनारे ही करना पड़ा लंबा इंतजार

पत्रकारों ने बताया कि काफी देर तक एक किनारे बैठ जलस्तर कम होने का इंतजार कर रहे थे। इसके बावजूद नदी का जलस्तर कम नहीं हुआ। वहीं अतुलपारा के ग्रामीणों को पत्रकारों के फंसे होने की जानकारी मिली। इसके बाद दर्जनभर से ज्यादा ग्रामीण मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने अतुलपारा की तरफ स्थित पेड़ में एक लंबी रस्सी बांधी, फिर नदी में छलांग लगा कर तैरते हुए दूसरे किनारे पहुंचकर रस्सी को मजबूती से बांधा गया।बाद में एक-एक कर सभी पत्रकारों को सुरक्षित तरीके से नदी पार करवाया गया। गौरतलब है कि बारिश के दिनों में नदी उफान पर होती है, जिस वजह से इस इलाके में बसे दर्जनों गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट जाता है। रोज की जरूरतों को पूरा करने में भी इन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।