जिले के जंगलों में सुरक्षित नहीं वन्य संपदा ,लग्जरी सफारी में सागौन के 14 गोलों की तस्करी ,वन अमला देख वाहन छोंड़ भागे तस्कर

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले की वन संपदा को तस्करों की नजर लग गई है।वन विभाग की सुरक्षा व्यवस्था को धत्ता बताते हुए इमरती लकड़ी सागौन के 14 गोलों को हाईटेक तरीके से लग्जरी सफारी वाहन में भरकर जिले से बाहर ले जाया जा रहा था। कोरकोमा बेरियर के पास वन अमला को आता देख चालक गाड़ी छोड़ फरार हो गया है। वन विभाग ने तस्करी में प्रयुक्त वाहन को सागौन की लकड़ी सहित जब्त कर जांच शुरू कर दी है।

यहां बताना होगा कि वन विभाग जिले में न तो वन्य प्रणियों की सुरक्षा कर पा रहा है न ही वन्य सम्पदा की। एक बार फिर वन विभाग के मैदानी अमलों की मिलीभगत से तस्कर सागौन की बेशकीमती लकड़ी की तस्करी के अवैध कारोबार में जुट गए हैं। बुधवार को आर्क व्हाइट कलर की सफारी डाईकोर वाहन सीजी 11 एम 2448 के जरिए 14 नग सागौन लकड़ी(गोलों) की तस्करी करते वाहन कोरकोमा बेरियर के पास पकड़ाया है। वन विभाग के अमले की नजर पड़ने के बाद चालक लकड़ी सहित वाहन छोंड़ फरार हो गया। वन विभाग तस्करी में प्रयुक्त गाड़ी सहित लकड़ी को राजसात की कार्यवाई में जुट गया है। इस घटना के बाद भले ही वन विभाग अपनी पीठ थपथपा ले लेकिन एक बात स्पष्ट हो गया है किस तरह जंगलों से बेशकीमती लकड़ी लग्जरी वाहनों के जरिए पार कर वन्य सम्पदा को हानि एवं शासन को राजस्व की क्षति पहुंचाई जा रही है। अर्से से वन विभाग का मैदानी अमला एक ही कार्यस्थल पर सेवाएं दे रहे हैं। जिनकी तस्करों से सांठगांठ की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।

जांजगीर की है गाड़ी ,तस्कर की तलाश में जुटा विभाग

जिस सफारी डाईकोर क्रमांक सीजी 11 एम 2448 में सागौन के लकड़ी की तस्करी की जा रही थी वो गाड़ी जांजगीर जिले की है। गाड़ी के फर्स्ट ऑनर का नाम रामेश्वर प्रसाद चन्द्रा के रूप में दर्ज है। लेकिन इसकी संभावना नहीं के बराबर है कि जांजगीर का आदमी कोरबा में आकर लकड़ी की तस्करी करेगा । हालांकि जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा।

डीएफओ मैडम का गैर जिम्मेदाराना जवाब

तस्करी की इस बड़ी घटना को लेकर डीएफओ प्रियंका पांडेय से जब चर्चा की गई तो उन्होंने मीडिया को जिस तरह जवाब दिया वो वाकई हैरान करने वाला है। डीएफओ से घटना की अपडेट चाही गई तो उनका कहना था कि आपको क्या अपडेट चाहिए बताईए। आदमी लापता है ,जांजगीर की गाड़ी है ,गाड़ी का नम्बर आपको पता है । राजसात की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। ये सब आपको पता ही है। इससे आगे की स्थिति क्या होगी इसके संबंध में मीडिया को बताना संभव नहीं है। डीएफओ प्रियंका पांडेय का सवाल के जवाब के बजाय खुद सवाल दागना ,विभाग से जुड़ी खामियों ,नाकामियों ,कार्रवाई को लेकर यह पहला बयान नहीं है। इससे पहले भी कोटमेर स्टापडेम में खामियों लंबित मजदूरी भुगतान से जुड़ी खबरों के संबंध उनकी प्रतिक्रिया जिले के मुखिया कलेक्टर रानू साहू तक को नागवार लगी थी।