सहजता से मिल रहे स्वरोजगार,द्वारे पहुंच रहा अस्पताल ,अब पिकनिक स्पॉटों का भी होगा उद्धार ,रानू के हाथों में कमान,बढ़ गई कोरबा की शान ,प्रशासनिक व्यवस्था पूरे प्रदेश में बना नजीर

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में अब ग्रामीणों के लिए खुल गए रोजगार के द्वार सहजता से मिल रहा स्वरोजगार, द्वारे पहुंच रहा अस्पताल। चुस्त प्रशासन के साथ अब बेजार पड़े पिकनिक स्पॉटों का भी होगा उद्धार। मिलनसार मुखिया के समक्ष जनता भी बेबाकी से रख पा रही है फरियाद,प्राथमिकता से निराकरण होने की वजह से जता रही आभार।

जी हां आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले की कुछ ऐसी तस्वीर पिछले करीब 4 माह से बनी हुई है। 8 जून 2021 को कोरबा कलेक्टर का पदभार ग्रहण करने के साथ ही साथ आईएएस श्रीमती रानू साहू ने मापदंड एवं अपनी प्राथमिकताएं तय कर दी थी। उन प्राथमिकताओं में जिले के विकास को लेकर जादुई छड़ी से बड़े बड़े इन्सफ्रास्ट्रक्चर खड़े करने के दावे नहीं थे,वरन जिले के अंतिम छोर पर बसे व्यक्तियों तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने की प्रतिबद्धता थी। छत्तीसगढ़ की मिट्टी (परिवेश )में पली बढ़ीं मूलतः गरियाबंद की बेटी रानू साहू ने शिक्षा ,स्वास्थ्य एवं स्वरोजगार पर बल देते हुए जिले को विकास की राह पर ले जाने की बात कही थी। जिस पर प्राथमिकता के साथ उन्होंने काम करना शुरू कर दिया है। मिलनसार मुखिया मिलने से जहां जिलेवासी काफी सहजता के साथ अपनी मांग एवं समस्या रख रहे हैं। उसी तर्ज पर कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने प्राथमिकता के साथ जरूरतमंदों के फरियाद का निराकरण कर कोरबा को अग्रिम पंक्ति में ला खड़ा किया है।

अब अस्पताल भी पहुंच रहा द्वार

अगर कोई कहे कि शहरों की तर्ज पर अस्पतालों में मिलने वाली चिकित्सकीय सुविधाएं व चिकित्सक ग्रामीणों के द्वार तक पहुंच जाए तो लोग इसे महज खयालाती पुलाव कहेंगे। पर कलेक्टर रानू साहू के प्रयासों की बदौलत यह धरातल पर उतर आई है। 3 सितंबर को करतला विकासखण्ड के ग्राम कोथारी में जिला स्तरीय मेगा हेल्थ कैम्प का आयोजन कर 63 गांव के 2200 से अधिक मरीजों का जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में आईएमए सहित अपोलो अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने सेवाएं दी थी। चिकित्सकों की टीम द्वारा किया फोटो फोबिया सहित गम्भीर बीमारी की भी पहचान की गई थी। चिन्हांकित मरीजों के ऑपरेशन का खर्च भी शासन वहन कर उन्हें नवजीवन प्रदान करेगा। इस पुनीत आयोजन की तारीफ करने से विपक्ष के रामपुर विधायक व पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर भी खुद को नहीं रोक पाए। उन्होंने भी इस तरह के मेगा हेल्थ कैम्प की सोंच आयोजन को सराहा था। यह कारवां केवल एक शिविर से ही नहीं थमा । छत्तीसगढ़ की बेटी होने के नाते छत्तीसगढ़ियों की पीड़ा कलेक्टर रानू साहू ने स्वयं महसूस की । कलेक्टर की मंशानुरूप जिलेवासियों के द्वार तक चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने ब्लाक स्तरीय मेगा हेल्थ कैम्प सतत रूप से जारी है। जो बरसात में ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रही है। कोरोना की तीसरी चरण को रोकने के सारे प्रबंध कलेक्टर के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग ने कर लिए हैं।

शिक्षा गुणवत्ता सुधारने फिर चलेगा वनांचलों में विशेष कोचिंग

कलेक्टर रानू साहू ने शिक्षा के क्षेत्र में अपना विजन क्लियर कर दिया है। उन्होंने शिक्षा विभाग को शिक्षा गुणवत्ता सुधारने बेहतर परीक्षाफल देने योजनाबद्ध तरीके से काम करने का निर्देश दिया है। आने वाले समय में वनांचल क्षेत्र सहित कमजोर रिजल्ट वाले हाईस्कूलों में बच्चों के लिए विशेष कोचिंग अभियान शुरु करने की भी प्रतिबद्धता कलेक्टर श्रीमती साहू ने जताई है ताकि कोरबा शिक्षा के क्षेत्र में भी बेहतर परिणाम हासिल कर अग्रिम पंक्ति में रहे। यही नहीं शिक्षकों को भी विशेष कोचिंग दी जाएगी।

परिवेश आधारित स्वरोजगार से जोड़े जा रहे ग्रामीण

स्वरोजगार के क्षेत्र में भी कोरबा में बेहतर कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर रानू साहू ने वनांचल क्षेत्रों में निवासरत ग्रामीणों को उन्हीं के परिवेश में स्वरोजगार से जोड़ने की दिशा में कार्य करना शुरू कर दिया है। कोसापालन एवं वनोपज संग्रहण एवं इससे आधारित उद्योग इसमें प्रमुख हैं। इसके लिए रेशम एवं वन विभाग पूरी संजीदगी से कार्य कर रहे हैं। जल्द ही पहाड़ी कोरवा बाहुल्य क्षेत्र में कलेक्टर रानू साहू की चौपाल लगेगी।

संवरेगा फूटहामुड़ा परसाखोला, मिलेगी नई पहचान ,बढ़ेगी गांवों की शान

पर्यटन केंद्र के रूप में सतरेंगा पूरे प्रदेश सहित देश में पहचान बना चुका है। पर्यटन केंद्र के रूप में सतरेंगा को संवारने के बाद संस्कृति एवं पर्यटन विभाग की संचालक रह चुकीं कलेक्टर रानू साहू ने जिले के अन्य पिकनिक स्पॉट को भी संवारने का संकल्प लिया है। ताकि जिलेवासी शहर के नजदीक में ही सैर सपाटे का आनंद उठा सकें। इससे न केवल उन क्षेत्रों को एक बेहतर पहचान मिलेगी वरन ग्रामीणों /ग्राम पंचायतों के लिए आय का स्रोत सृजित होगा। बेजार पड़े बेला पँचायत के फुटहामुड़ा एवं परसखोला को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी। झोराघाट को भी डेवलप किया जाएगा।

प्रशासनिक व्यवस्था में स्थापित किए अनुकरणीय मापदंड

प्रशासनिक व्यवस्था में भी कलेक्टर रानू साहू ने अलग ही मापदंड स्थापित किए हैं।कार्य एवं वक्त के प्रति पाबंद कलेक्टर रानू साहू ने हर तरह की खामियों ,अनियमितताओं से जुड़ी सूचनाओं खबरों पर स्वतः संज्ञान लेकर जांच कमेटी बैठाई एवं आवश्यक कार्यवाई सुनिश्चित की । इसके दायरे में कुछ राजस्व अधिकारी भी आए तो उन्होंने उनके विरुद्ध भी आवश्यक अनुशासनात्मक कार्यवाई करने में तनिक देर नहीं लगाई।युवा अधिकारियों पर भी रानू साहू भरोसा जता रही हैं,और अधिकारी भी आगे बढ़कर नई जिम्मेदारी का पूरी संजीदगी एवं लगन के साथ निर्वहन कर भरोसे पर खरा उतर रहे हैं। समय पर राजस्व कार्यों का संपादन कर कोरबा को अग्रिम पंक्तियों में रखने की बदौलत कलेक्टर रानू साहू के नेतृत्व में कोरबा की छवि बेहतर प्रशासन के तौर पर प्रदेश में एक अनुकरणीय उदाहरण बन चुकी है।