डायल 112 की टीम फिर बनी देवदूत ,600 मीटर तक चारपाई में उठा प्रसव पीड़िता को पहुंचाया अस्पताल ,बचाई जान

कोरबा । संकट की घड़ी में डायल 112 की टीम एक बार फिर एक प्रसव पीड़िता के लिए देवदूत बनकर पहुंची। जब खराब रास्तों की वजह से वाहन ने 600 मीटर पहले ही टीम का साथ छोंड दिया पर टीम ने हौसला नहीं छोंडा। दुर्गम रास्तों में 6 मीटर पैदल चलकर चारपाई पर प्रसव पीड़िता को लाकर वाहन तक पहुंचाया। समय अस्पताल पहुंचाकर जान बचाई।

हसदेव अरण्य क्षेत्र में स्थित ग्राम पंचायत पतुरियाडांड सुदूर वनांचल क्षेत्र में है, जो चारों ओर से जंगल, पहाड़ और नदी-नालों से घिरा हुआ है। गांव तक सड़क भी नहीं बनी है। इससे गांव में रहने वालों को परेशानी होती है। ऐसा ही कुछ बुधवार सुबह गांव के हसल राम मंझवार की गर्भवती पत्नी सुमित्रा बाई 20 के साथ हुआ, जिसे प्रसव के लिए दर्द उठा।परिजन ने मितानिन के जरिए डायल 112 को सूचना दी। बांगो से 112 की टीम रवाना हुई। गांव तक 112 की ईआरवी पहुंचना आसान नहीं था। ऐसे में 112 वाहन का चालक नीरज पांडे और आरक्षक महेंद्र कुमार चंद्रा गांव से 6 सौ मीटर दूर वाहन रोककर हसल राम के घर तक पहुंचे, जहां गर्भवती के परिजन के साथ मिलकर उसे खाट में ही उठाकर ले गए। दुर्गम रास्ता पार कर वे सही सलामत वाहन तक पहुंचे, फिर उसे स्वास्थ्य केंद्र मोरगा लेकर गए, जहां डॉक्टर ने कमजोरी व हिमोग्लोबिन की कमी देख हायर सेंटर ले जाने को कहा। परिजन वहां से उसे लेकर 60 किमी दूर लेकर कटघोरा अस्पताल पहुंचे, जहां सुमित्रा बाई को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।