पूर्व जिला पंचायत सीईओ ने 1 जुलाई को शासन के आदेश का कड़ाई से पालन कराने जारी किया था आदेश ,पंचायती राज अधिनियम के तहत सदस्यों पर क्या होगी कार्रवाई
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। पंचायती राज संस्थाओं में पदस्थ निर्वाचित महिला पंचायत पदाधिकारियों के कामकाज संचालन के दौरान उनके पति/ सगे-संबंधियों के हस्तक्षेप पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद एक बार फिर जिले में उक्त आदेश का माख़ौल उड़ाया जा रहा है। निर्देश का सख्ती से पालन कराने की बजाय जिम्मेदार अधिकारियों का उदारवादी रवैया उल्लंघन की बड़ी वजह बनी हुई है।गुरुवार को जिला पंचायत के कृषि स्थाई समिति की बैठक में दो सदस्यों के पति शामिल हुए। जिसके बाद अधिकारियों के समझ व रवैये पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।

यहाँ बताना होगा कि प्रदेश के ग्रामीण पंचायतों में महिला पंचायत पदाधिकारियों की भागीदारी हेतु 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। निर्वाचित महिला पंचायत पदाधिकारियों को पंचायतों के काम-काज यथा नियोजन ,क्रियान्वयन ,पर्यवेक्षण ,नियंत्रण आदि में स्वयं निर्णय लेने के संबंध में सक्षम बनाने के लिए भारत सरकार पंचायतीराज मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा यह लेख किया गया है कि पंचायत के कामकाज के संचालन के दौरान पंचायत कार्यालय परिसर के भीतर महिला पंचायत पदाधिकारियों को उनके कोई भी सगे संबंधी /,रिश्तेदार पंचायत के किसी भी कार्य में हस्तक्षेप /दखलअंदाजी नहीं करेंगे। किसी विषय पर किसी भी पदाधिकारी /कर्मियों को महिला पंचायत पदाधिकारी की ओर से निर्णय लेकर सुझाव/निर्देश नहीं देंगे। सीईओ जिला पंचायत कुंदन कुमार ने उक्त निर्देश का उल्लेख करते हुए समस्त जनपद सीईओ ,सरपंच सचिवों को 1 जुलाई 2021 को आदेश जारी कर आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के साथ ही साथ ग्राम पंचायतों को उक्त निर्देशों से अवगत कराने की बात कही थी। आदेश के उल्लंघन पर संबंधित महिला पंचायत पदाधिकारियों के विरुद्ध पंचायत राज अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाई की चेतावनी दी गई थी ।बावजूद इसके उक्त आदेश की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है। गुरुवार को जिला पंचायत के कृषि स्थायी समिति की बैठक उपसंचालक कृषि के कार्यालय में सभापति गणराज सिंह कंवर की अध्यक्षता में हुई। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिवकला कंवर, उपसंचालक कृषि एके शुक्ला, उद्यान विभाग, जल संसाधन विभाग, विद्युत विभाग, क्रेडा विभाग, रेशम विभाग, विकासखण्ड स्तरीय अधिकारी, जिला विपणन अधिकारी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के नोडल अधिकारी सहित समिति के अन्य सदस्यगण मौजूद रहे। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष के पति छत्रपाल सिंह कंवर, सदस्य नीलिमा धृतलहरे के पति लखन धृतलहरे, गोदावरी राठौर के पति प्रमोद राठौर भी उपस्थित रहे। जिला पंचायत सदस्य नीलिमा के पति लखन तो अधिकारियों के साथ वाली कुर्सी में बैठे रहे और उनके बगल में सदस्य प्रीति कंवर थीं।

जनपद पोंडी में किया गया था पालन ,सदस्यों की नाराजगी के बाद उपाध्यक्ष पति को दिखाया गया था बाहर का रास्ता
उक्त आदेश का भले जिला पंचायत में अभी कड़ाई से पालन सुनिश्चित नहीं हो सका हो लेकिन जनपद पंचायतों में इसका असर देखने को मिल चुका है । 18 अगस्त 2021 को जनपद पंचायत पोंडी उपरोड़ा में सामान्य सभा की बैठक में उक्त आदेश का इस तरह कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया गया कि जनपद उपाध्यक्ष श्रीमती रामप्यारी जाखड़ के पति प्रकाश जाखड़ को बैठक से वापस निकलना पड़ा था । खास बात यह रही कि आपत्ति जनपद सीईओ ने नहीं बल्कि स्वयं जनपद सदस्यों ने जताई थी । घण्टों इसको लेकर हंगामे की स्थिति निर्मित रही। हालांकि अंततः शासन के नियमों के आगे उपाध्यक्ष पति ने बैठक से बाहर निकलना ही उचित समझा। तब जाकर सामान्य सभा की कार्यवाही शुरू हो सकी थी ।