भुइयाँ ने फिर रुलाया,समान नाम वाले गांवों में,समिति के आईडी में किसानों का नाम गायब ,किसान पंजीयन ,रकबा संशोधन हो रहा प्रभावित

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। एकीकृत किसान पोर्टल में धान खरीदी के लिए पंजीयन की नई व्यवस्था किसानों के लिए सिरदर्द बन गई हैं। भुइयाँ में आई तकनीकी खराबी दुरुस्त कर लिए जाने के दावों के बाद भी समिति के आईडी में खसरा नम्बर डालने पर भी समान नाम वाले गांवों में किसानों का नाम प्रदर्शित नहीं हो रहा। कई समितियों के आईडी खसरा नम्बर गायब दिखा रहा है। किसान पंजीयन मियाद के दो दिवस पूर्व तक निर्मित इस समस्या से नवीन पंजीयन एवं रकबा में संशोधन कराने वाले किसान परेशान हैं।

यहाँ बताना होगा कि इस साल शासन ने धान ,साग सब्जी,दलहन ,तिलहन सहित समस्त प्रकार के पंजीयन के लिए एकीकृत पोर्टल में पंजीयन की व्यवस्था शुरू की है। लेकिन इस व्यवस्था को शुरू करने से पूर्व आवश्यक तैयारियां नहीं की गई।भुइयाँ सहित एनआईसी में तमाम तरह की तकनीकी दिक्कतों ने नवीन किसान पंजीयन ,रकबा संशोधन की परेशानी बढ़ा दी है। समितियों से प्राप्त जानकारी अनुसार । एक समान नाम वाले गांवों जैसे नवापारा ,पंडरीपानी ,नवागांव में किसान पंजीयन व रकबा संशोधन जटिल हो गया है। भुइयाँ से खसरा लेकर जब समिति के आईडी एकीकृत पोर्टल में डालते हैं तो किसान का नाम वास्तविक ग्राम में न प्रदर्शित होकर ब्लाक के ही समान ग्राम वाले गांव में प्रदर्शित हो रहा। लेकिन दिक्कतें यह आ रही है किसानों का समान नाम वाले ग्राम से सत्यापन नहीं हो सकता। भुइयाँ पोर्टल में एंट्री के दौरान लापरवाही से दूसरे समान नाम के गांव में किसानों का नाम चढ़ गया है। जिसकी वजह से यह दिक्कतें आ रही है। भुइयाँ में लाख सुधार के बाद भी अंतिम में यह दिक्कतें बनी हुई है।

आरएईओ सत्यापन के बाद नहीं कर रहे चेक

एक और दिक्कत आरएईओ द्वारा सत्यापन के कार्य में लापरवाही या संजीदगी नहीं दिखाने की वजह से निर्मित हो रही है। आरएईओ सत्यापित करने के बाद समिति के आईडी में उसे नहीं देख रहे सीधे समिति को सत्यापन पूर्ण प्रतिवेदन भेज दे रहे,जबकि समिति के आईडी में सत्यापन अपूर्ण प्रदर्शित हो रहा। कई समितियों के भुइयां से खसरा गायब होने की खबरें भी सामने आ रही है।

एनआईसी रिपोर्ट नहीं कर रहा अपडेट ,अब तक 4 हजार 568 नए पंजीयन

अब तक जिले में 4 हजार 568 पंजीयन की जानकारी सामने आ रही है। बताया जा रहा है इनमें नवीन पंजीयन के अलावा रकबा संसोधन वाले किसान भी शामिल हैं। एनआईसी द्वारा रिपोर्ट अपडेट नहीं करने की वहज से वास्तविक पंजीयन की स्थिति 10 नवंबर के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी। उल्लेखनीय है गत वर्ष 31 हजार पंजीकृत किसान थे। लिहाजा इस साल नए पंजीयन से इन आंकड़ों में बढ़ोत्तरी तय है।