छत्तीसगढ़ पुलिस को शाबासी मिली, बुजुर्ग के मायूस चेहरे पर यूं लौटाई खुशियां

धनतेरस के दिन 10 हजार रुपए कहीं खो गए थे, कुछ भले इंसान पुलिसकर्मियों ने रुपये खोकर हताश हो चुके बुजुर्ग की मदद कैसे की, विस्तार से पढ़िए-

कोटा (बिलासपुर)। धनतेरस पर बुजुर्ग के खोए हुए धन वापस दिलाकर पुलिस ने उनकी खोई हुई मुस्कान लौटा दी। रतनपुर पुलिस की इस पहल की सराहना हो रही है। कहते हैं बद अच्छा, बदनाम बुरा। पुलिस के साथ भी कुछ कुछ यही कहानी है। पुलिस की छवि इस कदर बिगड़ चुकी है कि आसानी से लोगों का भरोसा उन पर नहीं दिखता। लेकिन रतनपुर पुलिस ने जिस तरह से अपना मानवीय पक्ष दिखाया, उससे एक बार फिर इस धारणा को बदलते देखा गया। रतनपुर के स्टेट बैंक में सुनार पारा निवासी 68 वर्षीय बुजुर्ग शत्रुघ्न सोनी पैसा जमा कराने पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि वे जांजगीर-चांपा में रहने वाले अपने बेटे के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करना चाह रहे थे। अधिक उम्र होने और हड़बड़ी की वजह से उनके 10,000 रुपए कहीं गिर गए। बताया जा रहा है कि शत्रुघ्न सोनी की पत्नी कैंसर पीड़ित हैं, इसलिए उनके लिए एक-एक रुपए महत्वपूर्ण है। ऐसे में 10000 रुपए की बड़ी रकम का गिर जाना, उनके लिए वज्रपात की तरह था। जब वे अपने गिरे हुए पैसे ढूंढने बैंक पहुंचे, उसी वक्त वहां रतनपुर थाना से एएसआई हेमंत, प्रधान आरक्षक नुवास और आरक्षक रामलाल सोनवानी भी पहुंचे थे, जिन्हें बुजुर्ग शत्रुघ्न सोनी की परेशानी का पता चला तो उन्होंने तुरंत सक्रियता दिखाई और कुछ ही देर में उनके खोए हुए 10000 रुपए मिल गए। अपने पैसे वापस पाकर बुजुर्ग की बांछें खिल गई। वहीं उन्होंने पुलिस का भी आभार व्यक्त किया है।