हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । भगवान को प्रेम की डोर से बांधा जा सकता है बाकी संसार की कोई चीज नहीं जो उन्हें बांध सके। माता यशोदा के ममता की डोर और सुदामा के अटूट भक्ति प्रेम में ही तारणहार बंधे। इसलिए ईश्वर को पाने जीवन में अटूट भक्ति प्रेम का होना नितांत आवश्यक है।
उक्त बातें भाठीकुंडा से पधारे पंडित श्री राम रक्षित तिवारी ने समलाई मंदिर दीपका बस्ती में स्व .श्रीमती संतोषी मिश्रा की स्मृति में तिवारी परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत महापुराण कथा के पांचवे दिवस कथा प्रसंग के दौरान श्रोताओं से कही। कथाव्यास श्री रामरक्षित तिवारी ने रुक्मणी कृष्ण विवाह ,श्री कृष्ण के द्वारिका प्रस्थान ,राजा मुचुकुंद के वध सहित अन्य कथा प्रसंगों का श्रोताओं को रसपान कराया। संगीतमय श्रीमद भागवत कथा महापुराण का श्रवण करने बड़ी संख्या में श्रोतागण पहुंच रहे हैं। कथा आयोजनकर्ता पंडित श्री जगन्नाथ तिवारी ,श्रीमती सरिता तिवारी ,श्री धरम तिवारी,श्रीमती ज्योति तिवारी एवं श्रीमती लाल बाई ने सभी दीपकावासियों को कथा में शामिल होकर अपने जीवन को धन्य बनाने का आग्रह किया है।

