डॉक्टर फंदे पर झूली: सुसाइड नोट में किसी युवक का जिक्र किया और लिखा- आई लव यू, मर्जी से खुदकुशी कर रही हूं…

भोपाल/ भोपाल में BDMS महिला डॉक्टर ने फांसी लगा ली। लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस दरवाजा तोड़कर कमरे में दाखिल हुई, तब तक डॉक्टर की मौत हो चुकी थी। पुलिस को कमरे में एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें उन्होंने मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं बताया है। डॉक्टर ने सुसाइड नोट में लिखा कि वे अपनी मर्जी से खुदकुशी कर रही हैं। इसमें किसी का कोई लेना-देना नहीं है। वे यहां किराए के फ्लैट में रहकर एक प्राइवेट क्लिनिक में प्रैक्टिस कर रही थीं। रविवार शाम को क्लिनिक नहीं पहुंचने पर डॉक्टर और स्टाफ घर पहुंचा था। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ।

मूलत: सिंगरौली की रहने वाली 29 साल की सुधाश्री सोनी पिता कैलाश वर्मा ने आरकेडीएफ कॉलेज से BDMS किया था। सुधाश्री भोपाल में सागर, रॉयल विला के फ्लैट में किराए से रहती थीं। एएसपी राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि सुधाश्री शक्ति नगर में किसी डॉक्टर के पास प्रैक्टिस कर रही थीं। रविवार शाम करीब साढ़े 7 बजे तक क्लिनिक नहीं पहुंचीं, तो डॉक्टर ने उन्हें फोन लगाया। कई बार फोन लगाने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिला, तो डॉक्टर अपने स्टाफ के साथ सुधाश्री के फ्लैट पर पहुंचे। उन्होंने पड़ोसियों की मदद ली। काफी देर तक दरवाजा खटखटाया, लेकिन जवाब नहीं दिया। पड़ोसियों ने सुधाश्री के पिता से बात करने के बाद उनकी सलाह से पुलिस को बुलाया। पुलिस ने दरवाजा तोड़ा मौके पर पहुंची पुलिस ने फ्लैट का दरवाजा तोड़ा। अंदर पहुंचने पर सुधाश्री एक दुपट्‌टे के फंदे पर लटकी मिलीं। पुलिस ने शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। घटना की सूचना मिलने के बाद सुधाश्री के परिजन भी भोपाल के लिए रवाना हो गए। उनके आने के बाद ही शव का पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट मिला, लेकिन सुधाश्री ने मौत के लिए किसी को दोष नहीं दिया। उन्होंने एक जगह एक युवक का जिक्र करते हुए आई लव यू लिखा है। सोशल मीडिया पर एक्टिव, लेकिन रिजर्व नेचर की थीं पड़ोसियों ने बताया कि सुधाश्री करीब 5-6 साल से यहां पर रह रही थीं। वह रिजर्व नेचर की थीं। इतने साल रहने के बाद भी वह सामने वाले फ्लैट के लोगों तक से बात नहीं करती थीं। हालांकि, लोगों का कहना है कि सुधाश्री सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती थीं। भाई रूस में, पिता रिटायर्ड टीचर पड़ोसियों ने बताया कि सुधाश्री का एक भाई रूस में है। पिता रिटायर्ड टीचर हैं। सुधाश्री सुबह करीब 9.30 बजे क्लिनिक चली जाती थीं। दोपहर में 2 बजे आने के बाद शाम को फिर क्लिनिक जाती थीं। रात को आ जाती थीं। माता-पिता भी दो-तीन महीने में एक बार आया-जाया करते थे। वे भी किसी से ज्यादा बात नहीं करते थे। पड़ोसियों ने बताया कि उन्होंने आज तक किसी से नहीं कहा कि उनकी बेटी अकेली रहती है, ख्याल रखना। पूरा परिवार रिजर्व नेचर का था।