कोरबा। जिले सहित छत्तीसगढ़ प्रदेश के समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के द्वारा अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर 7 दिवसीय सामूहिक अवकाश के साथ धरना आंदोलन शुरू कर दिया गया है। शुक्रवार 10 दिसंबर से इसका आगाज हुआ है और 16 दिसंबर तक दिन-रातआंदोलन में डटे रहेंगे।

छत्तीसगढ़ प्रदेश आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता सहायिका संघ एवं अन्य संगठनों के साथ मिलकर किए जा रहे इस आंदोलन के जरिए साझा मंच से अपनी मांगों को दोहराया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित करने तथा कुशल श्रमिक मानकर कलेक्टर दर पर वेतन देने, मध्य प्रदेश की तरह मानदेय व अन्य सुविधाएं देने, प्रदेश के भीतर आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिका के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती पर प्रतिबंध लगाया जाकर पद की पूर्ति कार्यकर्ताओं से ही करते हुए आयु में शिथिलीकरण कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इसका लाभ देने, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पूर्ण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता में तब्दील करने, कोविड-19 में सेवा दे रहे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का 5 लाख रुपये अनिवार्य रूप से बीमा करने तथा विभागीय/पोषण ट्रैकर कार्यों को ऑनलाइन करने हेतु कार्यकर्ताओं को अनिवार्य रूप से मोबाइल प्रदान करने तथा समय-समय पर मोबाइल रिचार्ज कराने हेतु रिचार्ज भत्ता देने की मांग रखी गई है। जब तक यह सुविधा प्रदाय नहीं किया जाता है तब तक ऑनलाइन कार्य करने हेतु किसी प्रकार का दबाव ना बनाया जाए।
इस आंदोलन में कोरबा सहित प्रदेश के सभी जिलों से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का जमावड़ा राजधानी रायपुर में हुआ है। इस अवधि में प्रदेश के समस्त आंगनबाड़ी केंद्र बंद रखे जाकर सभी तरह की सेवाओं को बाधित रखा गया है। बूढ़ा तालाब में साझा मंच के बैनर तले दिन और रात का यह ऐतिहासिक आंदोलन निर्णायक होगा।