कोरबा । सरकारी कर्मचारी घोषित करने सहित विभिन्न 6 सूत्रीय मांगों को लेकर लंबे समय से प्रयासरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं के द्वारा एक बार फिर आंदोलन का बिगुल फूंका गया है। 7 दिवसीय आंदोलन का आगाज 10 दिसंबर से कर दिया गया है। विभिन्न संगठनों के साझा मंच के बैनर तले कार्यकर्ता व सहायिकाओं द्वारा पहली बार दिन-रात का प्रदर्शन किया जा रहा है जो 16 दिसंबर तक चलेगा।इस कड़ी में सोमवार को आंदोलनकारियों ने थाली-घण्टी और ढोल बजाकर सरकार को नींद से जगाने प्रदर्शन किया। अलग-अलग तरह से सरकार का ध्यानाकर्षण कराया जा रहा है।
अगले क्रम में कार्यकर्ता व सहायिकाओं के द्वारा 14 दिसंबर मंगलवार को विधानसभा का घेराव किया जाएगा। इस बीच आज प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री एवं कोरबा जिले के रामपुर क्षेत्र के भाजपा विधायक ननकीराम कंवर ने भी कार्यकर्ताओं के समर्थन में पंडाल पर पहुंच कर समर्थन देते हुए संबोधित भी किया। उन्होंने कल से विधानसभा परिसर में बापू की प्रतिमा के पास भूख हड़ताल पर बैठने का ऐलान किया है। उन्होंने इनकी मांगों को जायज ठहराते हुए पूरा करने की मांग सरकार से की है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के आंदोलन को शिक्षाकर्मी संघ, सहायक ग्रेड-3, रसोईया संघ, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ, मजदूर संगठन सीटू सहित अन्य कर्मचारी संगठनों का भी सहयोग प्राप्त हो रहा है। राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब में प्रदेश भर से 20 हजार से अधिक की संख्या में कार्यकर्ता व सहायिकाओं का जमावड़ा हुआ है। विधानसभा घेरने और आंदोलन को तेज करने के लिए प्रदेश भर से कार्यकर्ता व सहायिकाओं के पहुंचने का सिलसिला भी जारी है।
इन मांगों को लेकर कर रहे प्रदर्शन
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित करने तथा कुशल श्रमिक मानकर कलेक्टर दर पर वेतन देने, मध्य प्रदेश की तरह मानदेय व अन्य सुविधाएं देने, प्रदेश के भीतर आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिका के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती पर प्रतिबंध लगाया जाकर पद की पूर्ति कार्यकर्ताओं से ही करते हुए आयु में शिथिलीकरण कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इसका लाभ देने, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पूर्ण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता में तब्दील करने, कोविड-19 में सेवा दे रहे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का 5 लाख रुपये अनिवार्य रूप से बीमा करने तथा विभागीय/पोषण ट्रैकर कार्यों को ऑनलाइन करने हेतु कार्यकर्ताओं को अनिवार्य रूप से मोबाइल प्रदान करने तथा समय-समय पर मोबाइल रिचार्ज कराने हेतु रिचार्ज भत्ता देने की मांग रखी गई है। जब तक यह सुविधा प्रदाय नहीं किया जाता है तब तक ऑनलाइन कार्य करने हेतु किसी प्रकार का दबाव ना बनाया जाए।