कोरबा । प्रदेश पंचायत सचिव संघ छत्तीसगढ़ द्वारा मंगलवार को तिलक भवन प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता ली गई। जिसमें प्रांत अध्यक्ष तुलसी साहू ने बताया कि पंचायत सचिवों का एक सूत्रीय मांग परीक्षा अविधि पश्चात् शासकीयकरण छ.ग प्रान्त में विगत 20 वर्षों से लंबित है। प्रदेश में 10568 पंचायत सचिव अपनी सेवाएं दे रहे हैं । ग्रामीण अंचल में शासन के समस्त योजनाओं का लाभ समाज के अतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य जिम्मेदारी के साथ ईमानदारी पूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं ।
संगठन द्वारा अपनी लम्बित भाग शासकीयकरण के संबंध में दिनांक 26 दिसम्बर 2020 से 23 जनवरी 2021 तक कुल 26 दिन शासन का ध्यानाकर्शण करने हेतु गांधीवादी तरीके से शांति पूर्वक आदोदन किया था । पंचायत मंत्री टी . एस सिंहदेव जी के आश्वासन पश्चात दिनांक 23 जनवरी 2021 को हडताल स्थगित कर दिनांक 24 जनवरी 2021 को मुख्यमंत्री निवास में माननीय मुख्यमंत्री जी के समक्ष प्रदेश पंचायत सचिव संगठन के प्रतिनिधि मण्डल के साथ चर्चा में माननीय भूपेश बघेल जी मुख्यमंत्री द्वारा माह दिसम्बर 2021 में शासकीयकरण का सौगात देने का वादा किया गया था । छ.ग में त्रिस्तरीय पंचायती राज ( जिला पंचायत जनपद पंथालय / ग्राम पंचायत व्यवस्था लागु है । पंचायत राज का आधार स्तंभ ग्राम पंचायत को माना गया है । किंतु जिला / जनपद में कार्यरत कर्मचारी शासकीय सेवक है और पंचायती राज के आधार स्तम्भ माने जाने वाले ग्राम पंचायतों में कार्यरत पंचायत सचिव आज 26 वर्ष की सेवा बीत जाने के भी शासन द्वारा शासकीयकरण नहीं किया गया है । यह कि पंचायत सचिव 29 विभागों के 200 प्रकार के कार्य को जमीनी स्तर तक जिम्मेदारी के साथ ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करते हुए राज्य शासन एवं केन्द्र शासन के समस्त योजनाओं को लोकतंत्र के अंतिम व्यक्ति तक पहूचाने का अति महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम देते है ।
यह कि वर्तमान वैश्विक महामारी कोविड -19 में ग्रामीण जन की सुरक्षा हेतु कोविड से संबंधित सभी प्रकार के कार्य कोविड टेस्ट , टीकाकरण , इत्यादि महत्वपूर्ण कार्य को सफलता पूर्वक संचालन किया जा रहा है । पंचायत सचिव के मेहनत के परिणाम है कि पूरे छ.ग. में टीकाकरण कार्य 100 प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति की ओर अग्रसर है । यह कि छ.ग. शासन की अति महत्वाकांक्षी योजना एवं सभी न्याय योजना जैसे नरूवा गरुवा , घुरूवा अउ बारी के तहत ग्राम गौठान निर्माण , राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदुर न्याय योजना एवं मनरेगा के कार्यों का जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन कर रहे है । यह कि शासन / प्रशासन के दिशा निर्देश एवं पंचायत सचिवों के कड़ी मेहतन तथा कार्य के प्रति लगन एवं सच्ची निष्ठा का ही परिणाम है कि छ.ग. शासन को राष्ट्रीय पंचायत दिवस के अवसर पर 12 राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जाना इस बात का प्रमाण है । यह कि पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने हेतु छ.ग. प्रदेश के 75 सम्मानीय विधायक गण द्वारा अनुशंसा कर माननीय मुख्यमंत्री जी को अग्रेसित किया गया है । यह कि पंचायत सचिव को कार्य करते हुए 25 वर्ष से अधिक हो गया है । पंचायत सचिवों के साथ नियुक्त हुए अन्य विभाग के कर्मचारी जैसे शिक्षाकर्मी एवं वनकर्मी को शासकीयकरण किया जा चुका है । कई विभाग के कर्मचारी भृत्य / चौकीदार भी प्रमोशन पाकर सहायक ग्रेड 3 बन गये है ।
627 करोड़ आएगा वार्षिक वित्तीय भार
यह कि पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने से शासन / प्रशासन को मासिक वित्तीय भार 75 करोड तथा वार्षिक वित्तीय भार लगभग 627 करोड आयेगा जो कि नहीं के बराबर है । ज्ञात हो कि 15 वर्ष से सेवा अवधि पूर्ण कर चुके 5685 पंचायत सचिवों को 5200-20200-2400 शासकीय सेवको के सामान वेतनमान मिल रहा है । अन्य सुविधा नहीं मिल रहा है उपरोक्त परिस्थितियों को देखते हुए पंचायत सचिवों के प्रति सहानुभूति प्रगट करते हुए अविलंब शासकीयकरण किया जाये ।