वेतन विसंगति को लेकर शिक्षक कर रहे हड़ताल, दांव पर लगा बच्चों का भविष्य ,कहीं बच्चे खेल रहे तो कहीं खुद ही बने खेवनहार

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज़ कोरबा(भुवनेश्वर महतो )। वेतन विसंगति को लेकर सहायक शिक्षकों का आंदोलन 11 दिन भी जारी रहा। वहीं आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में शिक्षकों के हड़ताल का खास असर पड़ रहा है । हसदेव एक्सप्रेस की पड़ताल में पोंडी उपरोड़ा विकासखंड के वनांचल ग्राम के स्कूलों में दयनीय स्थिति नजर आई । किसी स्कूलों में बच्चे खुद पड़ते नजर आए तो कुछ स्कूलों में बच्चे खेलते नजर आए । ग्रामीण अंचल के अधिकांश बच्चों को यह भी नहीं पता कि उनके शिक्षक कहां गए हैं शीघ्र ही शासन शिक्षकों का हड़ताल समाप्त नहीं करवाती है तो आकांक्षी जिले में शामिल आदिवासी बाहुल्य कोरबा के बच्चों की शिक्षा व्यवस्था दांव पर लग जाएगी।

यह बताना होगा कि वेतन विसंगति की मांग को लेकर सहायक शिक्षक पंचायत पिछले 11 दिनों से बेमियादी हड़ताल पर हैं । राजधानी रायपुर में शिक्षक चरणबद्ध रूप से अपने आंदोलन को तेज कर रहे हैं। शासन पर दबाव बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं । वहीं आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में शिक्षकों के हड़ताल का खासा असर पड़ रहा है हसदेव एक्सप्रेस की टीम ने मंगलवार को पोंडी उपरोड़ा विकासखंड के दूरस्थ वनांचल ग्राम सिरमिना ,छिंदिया ,दमहामुड़ा सहित उससे लगे अन्य स्कूलों की व्यवस्थाओं का जायजा लिया जहां लचर स्थिति नजर आई। सबसे पहले प्राथमिक शाला सिरमिना पहुंचे। यहां स्कूल के बाहर बच्चे खेलते हुए नजर आए ।प्रधान पाठक के कक्ष में 3 बालिकाएं नजर आई जो रजिस्टर में बच्चों की उपस्थिति दर्ज कर रही थीं। समीपस्थ कक्ष में जाने पर बच्चों के स्कूल बैग नजर आए लेकिन कक्ष में महज 3 बालिकाएं ही नजर आई वह भी वह भी खेल रही थीं। प्रधान पाठक के कक्ष में मौजूद तीन बालिकाओं ने बताया कि विद्यालय में 2 शिक्षक पदस्थ हैं दोनों हड़ताल में हैं । शासकीय प्राथमिक शाला छिंदिया पहुंचने पर स्थिति और गंभीर नजर आई यहां बच्चों को यह भी नहीं पता कि उनके शिक्षक हड़ताल पर गए हैं बच्चों ने बताया कि शिक्षक अपने घर गए हैं और खाना बनाने वाली रसोइया दीदी ने स्कूल खोला है। शासकीय प्राथमिक शाला दमहामुड़ा में सभी बच्चे बिना शिक्षक के अध्यापन करते हुए नजर आए बच्चे कड़ाके की ठंड होने की वजह से बाहर धूप में दरी बिछाकर अध्यापन कार्य कर रहे थे बच्चों ने बताया कि यहां एक शिक्षक पदस्थ हैं लेकिन वह हड़ताल पर हैं। पिछले डेढ़ 2 सालों से कोविड-19 की वजह से स्कूलों में ऑफलाइन अध्यापन का कार्य पूर्ण तरह प्रभावित रहा है ऐसे में सहायक शिक्षकों का यह हड़ताल बच्चों के लिए बेहद ही नुकसानदेह साबित हो सकता है शासन प्रशासन को इस दिशा में त्वरित निर्णय लेना होगा ताकि बच्चों का भविष्य दांव पर ना लगे।