हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । सरकारी राशन खुले बाजार में बेचने वाले सावधान हो जाएं,अगर अब आप सरकारी राशन बेचते नजर आए तो आपको आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत 7 साल की जेल
की हवा खानी पड़ेगी। यहीं नहीं राशन कार्ड भी निरस्त होगा।सरकारी राशन खुले बाजार में बिकने को लेकर राज्य शासन अब सख्त हो गई है। इस कार्रवाई के लिए राज्य शासन ने राजपत्र में भी संशोधन कर दिया है। जिले में भी खाद्य निरीक्षकों ने निगरानी रखना शुरू कर दिया है ।
संशोधित नियमानुसार अब सरकारी राशन जिसमें चावल, शक्कर, केरोसीन जैसे खाद्य पदार्थ शामिल है, उसे केवल हितग्राही ही इस्तेमाल कर सकेंगे। इसे बाजार में न तो कोई हितग्राही या संस्था बेच सकता है और न ही किसी को दे सकता है। संशोधन में खरीदते पाए जाने पर दुकानदारों पर भी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।
खाद्य विभाग का कहना है कि इसके लिए खाद्य निरीक्षक को निगरानी करने के लिए कहा गया है। बता दें कि शासन को लगातार सरकारी राशन को खुले बाजार में बिकने की शिकायत मिल रही थी। कई मामले सामने आने के बाद राज्य सरकार ने नियमों में संशोधन किया है।जिले में 450 पीडीएस दुकान संचालित हैं। इनमें 2 लाख 80 हजार से अधिक राशन कार्ड धारी हितग्राही हैं। जिसके माध्यम से करीब 7 लाख सदस्यों के लिए प्रतिमाह डेढ़ लाख क्विंटल से अधिक खाद्यान्न नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से पीडीएस दुकानों में भंडारण किया जाता है। करोड़ों रुपए के ये खाद्यान्न गरीबों के जीविकोपार्जन की राह आसान करने उन्हें चिंता मुक्त दो वक्त का भोजन प्रदान करने के लिए दिया जाता है। लेकिन लंबे अर्से से सरकारी खाद्यान्न को हितग्राहियों द्वारा बाजार में बेचने की शिकायत मिल रही थी। इनमें ज्यादातर ऐसे हितग्राही हैं जो धनाढ़्य हैं लेकिन स्थानीय पार्षदों व सरपंच सचिवों से सांठगांठ कर फर्जी दस्तावेज प्राप्त कर राशन कर बनवा लिए हैं। अब देखना यह होगा कि शासन का यह आदेश महज कागजी औपचारिकता मात्र साबित होती है या फिर सरकारी खाद्यान्न की बिक्री करने वालों पर कार्रवाई की गाज गिरेगी।
वर्जन
खाद्य निरीक्षक करेंगे निगरानी
शासकीय खाद्यान्न को बाजार में बेचना प्रतिबंधित है। इसके लिए अब कड़े नियम लागू कर दिए गए हैं।ऐसे हितग्राहियों के राशन कार्ड निरस्त होंगे साथ ही 7 साल तक जेल भी हो सकती है। समस्त खाद्य निरीक्षकों को निगरानी का निर्देश दिया है।
जे .के.सिंह ,खाद्य अधिकारी