जिले के अंतिम छोर पर बसे एकल शिक्षकीय प्राथमिक शाला जामपानी के शिक्षक का निजी स्वार्थ के लिए किया संलग्नीकरण , बवाल के बाद किया भारमुक्त ,शिक्षक ने नहीं दी उपस्थिति
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज़ कोरबा (भुवनेश्वर महतो )। राज्य शासन ने संलग्नीकरण की दोषपूर्ण व्यवस्था भले ही कागजों में समाप्त कर दी हो लेकिन शिक्षा विभाग में यह दूषित व्यवस्था कभी भी समाप्त नहीं होगी । आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में भी संलग्नीकरण का व्यापार चल रहा है जिले के अंतिम छोर पर बसे ग्राम पंचायत पतुरियाडाँड़ के आश्रित ग्राम जामपानी में संचालित एकल शिक्षकीय प्राथमिक शाला एक साल से शिक्षक विहीन रह गया । दो साल संलग्नीकरण के बाद डीईओ कार्यालय ने जरूर शिक्षक को भारमुक्त करवाया लेकिन पिछले 3 माह से शिक्षक ने मूल संस्था में उपस्थिति नहीं दी। जिसकी वजह से यहां अध्ययरत 14 बच्चों का भविष्य दांव पर लग गया है। बच्चे अपनी नईया खुद पार लगा रहे।
वनांचल ब्लॉक पोड़ी उपरोड़ा के अंतिम छोर पर बसे सूरजपुर जिले की सीमा से लगे ग्राम पंचायत पतुरियाडाँड़ के आश्रित ग्राम पंचायत जामपानी में राज्य गठन से पूर्व सन 2000 में प्राथमिक शाला की सौगात दी गई ।प्राथमिक शाला खुलने के बाद गांव वालों की खुशी का ठिकाना नहीं रह गया था । ग्रामीणों में इस बात को लेकर हर्ष व्याप्त था कि अब उनके बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के लिए लंबा फासला तय नहीं करना पड़ेगा। गांव में ही बच्चों को शिक्षा मिलेगी । लेकिन पिछले 2 साल से ग्रामीणों की इन उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है। कहने को तो विद्यालय में 2 सहायक शिक्षक पदस्थ किए गए थे । सहायक शिक्षक वीरेंद्र भास्कर एवं दिनेश चंद्रा की पदस्थापना इस आदिवासी बाहुल्य ग्राम में बच्चों को विद्यार्जन कराने की गई थी। लेकिन पति पत्नी के आधार पर दिनेश चन्द्रा को जांजगीर जिले के लिए स्थानांतरण मिल गया। वह चले गए अब रह गए एकमात्र शिक्षक वीरेंद्र भास्कर ,जिनके कंधों पर विद्यालय की पूरी बागडोर थी, लेकिन जिले के अंतिम छोर पर बसे इसी आदिवासी बाहुल्य ग्राम के बच्चों को बेहतर तालीम देने की जिम्मेदारी से किनारा करते हुए शिक्षक ने अपने प्रभाव के बल पर डीईओ कार्यालय के माध्यम से बीईओ कार्यालय कोरबा में अपना संलग्न करण करा लिया। तत्कालीन कलेक्टर किरण कौशल के कार्यकाल में दी हो तत्कालीन डीईओ सतीश पांडे ने यह संलग्नीकरण किया था । एकमात्र शिक्षक के संलग्नीकरण से यह स्कूल शिक्षक विहीन रह गया । जिले में तेजतर्रार कलेक्टर श्रीमती रानू साहू को जब जिले में किए गए नियम विरुद्ध संलग्नीकरण के इस खेल की जानकारी मिली तो उन्होंने ऐसे सभी शिक्षकों संलग्नीकरण समाप्त करने का निर्देश दिया जिसके तहत जुलाई -अगस्त 2021 में डीईओ कार्यालय ने संलग्नीकरण की व्यवस्था समाप्त कर सभी शिक्षकों को मूल संस्था के लिए भारमुक्त कर दिया । जिसके तहत सहायक शिक्षक वीरेंद्र भास्कर को भी बीईओ कार्यालय के माध्यम से भारमुक्त कर दिया गया है। लेकिन संबंधित शिक्षक ने आज पर्यंत मूल संस्था में उपस्थिति नहीं दी। हालांकि इस उद्दंडता की वजह से बीईओ कार्यालय पोंडी उपरोड़ा द्वारा संबंधित शिक्षक का पिछले 4 माह से वेतन रोके जाने की बात कही जा रही है लेकिन संबंधित शिक्षक के विरुद्ध इस अनुशासनहीनता के लिए आज पर्यंत निलंबन तक की कार्रवाई नहीं की जा सकी। बीईओ कार्यालय द्वारा करीब पखवाड़े भर पूर्व बंद हो चुके स्कूल प्राथमिक शाला सांभर भुंजा के एक सहायक शिक्षक होरीलाल काठले को आगामी आदेश पर्यंत तक जामपानी में अध्यापन कार्य के लिए आदेशित किया था। लेकिन आज पर्यंत श्री काठले ने भी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई । जिसकी वजह से यहाँ अध्ययनरत 14 बच्चों का भविष्य दांव पर लग लगा है। बच्चे खुद अपनी नैय्या पार लगा रहे । आलम यह है कि पिछले 2 साल में 7 बच्चे यहां से अपना टीसी कटवा कर सूरजपुर जिले में अपने नाना नानी के यहां पढ़ने चले गए हैं वही कुछ बच्चों ने नजदीकी स्कूल साल्हीगांव में दाखिला ले लिया है। निश्चित तौर पर डीईओ, बीईओ के निजी स्वार्थ की वजह से जिले के बच्चों का भविष्य दांव पर लग गया है। पूर्व में भी पोंडी ब्लाक में महज कागजों में संलग्नीकरण समाप्त कर शासन प्रशासन मीडिया की नजरों में झूठी वाहवाही बटोरने पोंडी ब्लाक अव्वल रहा है।
माध्यमिक शाला के शिक्षक पर एसडीएम मेहरबान ,कार्यालय में किया संलग्न

ग्राम पंचायत पतुरियाडाँड़ का माध्यमिक शाला भी संलग्नीकरण की दोषपूर्ण व्यवस्था से नहीं बच सका। माध्यमिक शाला में पदस्थ शिक्षक पंचायत योगेंद्र कुमार अप्रैल 2021 से एसडीएम कार्यालय पोंडी उपरोड़ा में संलग्न है खासबात यह है कि यह संलग्नीकरण स्वयं एसडीएम ने किया है। कोविड-19 के दूसरे चरण में गए संलग्न शिक्षक को कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने के बाद भी भारमुक्त नहीं किया गया। सरपंच की माने तो शिक्षक पंचायत योगेंद्र कुमार पोड़ी उपरोड़ा में निवासरत है यही वजह है कि उन्होंने वहां से 70 से 80 किलोमीटर दूर स्कूल जाकर पढ़ाने की जगह एसडीएम कार्यालय में ही अपना संलग्नीकरण कराए रखा। एसडीएम की कार्यशैली भी सुर्खियों में है जिन्होंने संबंधित शिक्षक को भार मुक्त नहीं किया। माध्यमिक शाला में कुल 36 विद्यार्थी अध्यनरत है शिक्षकों की कमी की वजह से यहां भी अध्यापन व्यवस्था प्रभावित हो रही है। 2 शिक्षकों के भरोसे सभी विषय की अध्यापन व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं चल पा रही।
हाई स्कूल के प्राचार्य आत्मानंद स्कूल में सेवाएं दे रहे
पतुरियाडाँड़ का दुर्भाग्य ही कहें कि यहां के हाईस्कूल में पदस्थ प्राचार्य भी संस्था को नहीं मिल सके । यहां कहने को प्राचार्य के पद पर राम देवांगन की पदस्थापना की गई थी। लेकिन प्राचार्य महोदय यहां गिनती के दिन ही सेवा दिए होंगे। मोरगा के शिक्षक श्री एक्का को पूर्व में संलग्न किया गया था ।अब प्राचार्य श्री देवांगन को प्रतिनियुक्ति के तहत आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल कटघोरा में सेवाएं दे रहे हैं। 36 बच्चों की इधर जो संख्या वाला हाईस्कूल भी प्राचार्य की कमी की वजह से समस्याओं से जूझ रहा है ।
सरपंच ने जनदर्शन में लगाई गुहार

पंचायत के प्राथमिक , माध्यमिक हाईस्कूल में पदस्थ शिक्षकों को संलग्नीकरण किए जाने की वजह से प्रभावित हो रही शिक्षा व्यवस्था से व्यथित सरपंच उमेश्वर सिंह आर्मो ने सोमवार को कलेक्टर जन चौपाल में गुहार लगाई। सरपंच ने बताया कि पंचायत और आश्रित गांव के स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों का अधिकारी अपने निहित स्वार्थ के लिए संलग्नीकरण कर रहे हैं। जो अत्यंत शर्मनाक है। बच्चों का भविष्य दांव पर लगा है। सभी शिक्षकों को भारमुक्त करने हमने कलेक्टर महोदया से गुहार लगाई है । आशा है जल्द ही वो सकारात्मक कार्रवाई करेंगी।
वर्जन
देनी होंगी सेवाएं नहीं तो करेंगे कार्रवाई
डीईओ कार्यालय से प्राथमिक शाला जामपानी के लिए एक सहायक शिक्षक को व्यवस्था अंतर्गत आगामी आदेश पर्यंत अध्यापन कार्य के लिए आदेशित किया गया है। माध्यमिक शाला के शिक्षक को भी कार्यमुक्त कर दिया गया है। सभी को उपस्थिति देनी होगी। आदेश की अवहेलना पर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
एल एस जोगी ,बीईओ, पोंडी उपरोड़ा