कोरबा। विज्ञान और अत्याधुनिक चिकित्सा पद्यति के दौर में भी पूजा- पाठ से बच्चे पैदा होने के झांसा में एक निगम कर्मी आ गया। संतान की चाह में उसने 3 लाख 83 हजार रुपये गंवा दिए। 2 साल बाद इस ठगी का राज खुला।पुलिस ने आरोपी के विरूद्ध धारा 34, 420 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ कर दी है।
मामला बालको थाना क्षेत्रांतर्गत रजगामार पुलिस चौकी के ग्राम करूमौहा का है। यहाँ निवासरत चैन सिंह यादव 51 वर्ष नगर पालिक निगम में राजस्व उप निरीक्षक है व उसके कोई संतान नहीं हैं। 21 सितंबर 2019 को शाम के वक्त उसके घर खाना पकाने के लिए लकड़ी लेने रमेश यादव निवासी डोंगरीपारा जशपुर पहुंचा था। परिचय मांगने पर अपने साथी भगत सिंह पैकरा 55 वर्ष निवासी ग्राम मनोरा जशपुर के साथ आना बताया। बातों में ही परिचय बढ़ा तब रमेश यादव ने अपने साथी भगत सिंह को गुरु बताते हुए चैन सिंह को जानकारी दिया कि जमीन-जायदाद के लिए हुए विवाद में तंत्र-मंत्र से चाची को खत्म करा दिया था। यह पाप होने उपरांत प्रायश्चित के लिए मड़वारानी, चंद्रहासिनी, सर्वमंगला देवी का दर्शन करने निकला है। रमेश ने यह भी बताया कि जिनके शादी के 15-20 साल बाद भी बच्चे नहीं हुए है उनका भी बच्चा हमारे पूजा-पाठ से हो गया है। इस भरोसे पर चैन सिंह ने पूजा के लिए हामी भरी। घर आकर पूजा-पाठ शुरू करने उपरांत रमेश और भगत ने घर में बुरी नजर लगना और तंत्र-मंत्र करवाने से घर-संसार बर्बाद हो सकने का भय दिखाकर बचने के लिए बुरी आत्मा को घर से बाहर निकालने की बात कही। चैन सिंह से रात 11 से 2 बजे के मध्य गड्ढा खुदवाने पर वहां से मिट्टी का लोटा निकला। जिसके द्वारा लोटा गाड़ा गया था, उसके द्वारा 3 लाख 51 हजार मंत्र से बांधना बताकर चैन सिंह के घर के बाहर जलाकर छुटकारा पाने के लिए उतने ही मंत्र का जाप कराने की सलाह दिया। पूजा करने के लिए चैन सिंह को रिश्तेदारों से कुछ दिन के लिए पैसा लेने और 7 दिन तक उस पैसे को अपने घर में रखकर पूजा करने की बात कही और इन सबके एवज में 32 हजार 300 रुपए खुद के लिए मांगा जिससे मंदिर बनवाने का झांसा दिया। इस तरह चैन सिंह ने अपने रिश्तेदार राधे किशन यादव, दिलेश्वर सिंह ठाकुर, रामभगत यादव से रुपए उधार लिया और खुद का 2 लाख 33 हजार रुपए मिलाकर कुल 3 लाख 83 हजार 300 रुपए एकत्र कर रमेश और भगत सिंह को दिया। रमेश और भगत ने 6 अगस्त 2019 को रात के वक्त संदूक में रुपए को सफेद कपड़ा में बांधकर चावल और नारियल के साथ रखकर ताला लगा दिया और कहा कि 7 दिन तक पूजा करना है। संदूक की चाबी अपने साथ ले गए और आने पर सामने ही ताला खोलने की बात कही। सारी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद दोनों वापस नहीं आए तब चैन सिंह ने तकादा बढ़ने पर संदूक खोला तो रुपयों की जगह कागज नजर आया। 5 अक्टूबर 2019 से 6 अगस्त 2021 के मध्य हुई ठगी के मामले में पुलिस ने रमेश यादव व भगत सिंह पैकरा के विरूद्ध धारा 34, 420 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की है।