कोरोना की चपेट में आया इंदिरा गांधी चिकित्सालय ,डॉक्टर सहित 11 पॉजिटिव

कोरबा । जिले में कोरोना का जाल फैलता ही जा रहा है। लगातार इसके मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। सरकारी कार्यालयों के साथ-साथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में डॉकटर सहित 11 कर्मचारी कोविड-19 की चपेट में आ गए हैं। नतीजा यह हुआ है कि यहां पर कोविड-19 से संबंधित प्रयोगशाला में कामकाज ठप हो गया है।

स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि आगामी चुनौतियों से निपटने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाई जा रही है।
वर्ष 2020 और 2021 में कोविड-19 के चलते कोरबा जिले में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जनहानि हुई और बड़ी संख्या में लोग काफी दिनों तक अस्पतालों की चारदीवारी में कैद रहे। बीमारी से उबरने के लिए लोगों ने अपनी मेहनत से कमाया हुआ काफी धन दवाओं से लेकर ऑक्सीजन पर खर्च किया। ले देकर जिंदगी जब पटरी पर लौटी और लोगों को लगा कि अब आगे सब कुछ बेहतर होगा लेकिन यह सोचना फिर से गलत साबित हुआ। कोविड-19 के पुराने और नए वेरिएंट के कारण हालात एक बार फिर से बदतर होते जा रहे हैं। समय के साथ-साथ नवीन प्रतिबंध लग रहे हैं। सरकारी कार्यालयों मैं कामकाज का स्टाइल वर्क फ्रॉम होम जैसा होने जा रहा है। इन सबके बीच संक्रमित लोगों की जांच और उन्हें उपचार देने के लिए काम करने वाला स्वास्थ्य विभाग भी महामारी की चपेट में आ रहा है। खबर के अनुसार कोरबा के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में सिविल सर्जन सहित तीन डॉक्टर 2 स्टाफ नर्स तीन कर्मचारी आइसोलेशन वार्ड में काम करने वाले दो कर्मी और वायरोलॉजी प्रयोगशाला के 4 कर्मचारी कोरोना की चपेट में आ गए हैं। एक साथ बड़ी संख्या में कर्मचारियों पर आफत आने से अस्पताल की व्यवस्था बाधित हो गई है जानकारी के अनुसार प्रयोगशाला का कामकाज ठप हो गया है। ऐसे में सबसे बड़ी दिक्कत कोरोना प्रभावित लोगों की जांच करने को लेकर निर्मित हो गई है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा समन्वय बनाने के साथ आगामी चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीति तैयार की जा रही है। कोशिश यही है कि किसी भी कीमत पर लोगों को स्वास्थ्य संबंधी मामलों में परेशान ना होना पड़े। सरकारी तंत्र इस समस्या को लेकर अपनी ओर से प्रयास कर रहा है।