कोरबा । कोयला, बिजली और उद्योगों वाले ऊर्जाधानी में सड़क की समस्या दूर होने का नाम नहीं ले रही। इनमें दर्री की ओर जाने वाली मुख्य सड़क भी शामिल है। आश्वासन के डामर में लिपटी यह सड़क शुक्रवार को हुई बारिश में नाला में तब्दील हो गई। हास्य का विषय बन चुके इस दर्री बराज की सड़क को लेकर तरह-तरह के कमेंट्स भी लोग कर रहे हैं। कोई मछली पालन तो कोई नाव चलाने की बात कर रहा है तो निगम के नेता प्रतिपक्ष आमरण अनशन पर बैठने वाले हैं।
नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दर्री डेम की सड़क अति शीघ्र बनवाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि विगत 3 वर्षों से दर्री डेम की सड़क पूरी तरीके से टूट चुकी है। कई बार जिला प्रशासन एवं नगर निगम को उक्त विषय में पत्राचार भी किया गया। भारतीय जनता पार्टी द्वारा पार्षदों के साथ उक्त सड़क को बनवाने हेतु दर्री डेम के किनारे धरना प्रदर्शन भी किया गया था। अधिकारियों के द्वारा बार-बार यही आश्वासन दिया गया कि अतिशीघ्र इसका निर्माण करा दिया जाएगा। पत्राचार करने के उपरांत अधिकारियों ने यहां तक कहा कि इसका टेंडर हो चुका है जल्दी कार्य हो जाएगा, यह सुनते 3 वर्ष बीत चुके हैं। उक्त कार्य हेतु ना तो जिला प्रशासन ना ही नगर निगम, ना तो पीडब्ल्यूडी विभाग और ना तो एरिगेशन विभाग द्वारा रूचि ली जा रही है। सड़क पर कई बार दुर्घटनाएं भी घटित हो चुकी हैं। पूरे कोरबा जिले की सड़कें खराब है कोरबा टापू बन चुका है। दर्री डेम के ऊपर की यह सड़क लगभग 1 किलोमीटर लंबाई की क्यों नहीं बनाई जा रही है, समझ से परे है। उक्त सड़क को बनाने के लिए हितानंद एवं अन्य सामाजिक, राजनीतिक संगठनों के द्वारा भी मांग की जा चुकी है तथा धरना प्रदर्शन किया जा चुका है। यदि जल्द ही उक्त सड़क का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया तो नगर निगम के सभी 30 भाजपा पार्षदों के साथ भूख हड़ताल पर बैठेंगे।