प्लास्टिक का बताने नुकसान ,युवा रोहन पैदल नाप रहा हिंदुस्तान ,16 राज्य का सफर पूराकर पहुंचा छत्तीसगढ़ ,बोले उद्देश्य सुन चंबल के डाकू ने दिए एक हजार ,बाइक में बिठाकर घाटी कराया पार

जगदलपुर। प्लास्टिक के नुकसान के प्रति देशवासियों को जागरूकता का संदेश देने नागपुर का एक युवा साल 2020 से भारत देश की पदयात्रा पर निकला हुआ है। 16 राज्यों की यात्रा पूरी कर अब छतीसगढ़ पहुंचा है। यह युवक के पदयात्रा का 17वां राज्य है। युवक ने लगभग 10 हजार किमी पैदल और 40 हजार किलोमीटर का सफर लिफ्ट मांगकर अब तक का सफर तय किया है।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर पहुंचने के बाद युवक का कांग्रेसियों समेत शहर वासियों ने स्वागत किया। युवक ने बताया है कि, जागरूकता के लिए भारत के सभी राज्यों की यात्रा करने का लक्ष्य रखा है।युवक रोहन अग्रवाल नागपुर के कामटी का रहने वाला है। रोहन ने बताया कि 25 अगस्त 2020 को अपनी यात्रा शुरू की थी। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, गोवा, पांडुचेरी, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश समेत 16 राज्यों में पद यात्रा पूरी कर छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया है। इस यात्रा में कई जगह लोगों ने मदद की तो कई जगह सड़क के किनारे या फिर जंगल में पेड़ों के नीचे रात गुजारी है। भूख लगती तो पानी पीकर गुजरा कर लेता था। लेकिन फिर भी हिम्मत नहीं हारी। क्योंकि देश को प्लास्टिक से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करने का जुनून सवार था।

यात्रा के दौरान आई कठिनाई पर हौसला नहीं हारा

रोहन को अपनी इस यात्रा के दौरान रास्तों में कई कठिनाई भी आई। लेकिन उसने उन कठिनाइयों का डट कर सामना किया। पिछले डेढ़ सालों में अब तक 10 हजार किलोमीटर पैदल चल चुका है। साथ ही 40 किमी की यात्रा इसने लिफ्ट लेकर की है। जिन शहरों में रुकता वहां के सार्वजनिक जगहों पर खड़ा होकर लोगों को प्लास्टिक के नुकसान के बारे में बताता है। लोगों को संदेश देता है कि प्लास्टिक का उपयोग कम करें तो देश में स्वच्छता भी बरकरार रहेगी। रोहन ने बताया कि देश को शांति और प्यार का संदेश भी देता हूं। लोगों को बताता हूं कि भारत देश विविधता में एकता वाला है। लेकिन यहां धर्म, जाति, समुदाय के नाम पर लड़ाई चल रही है। मैं लोगों को समझाता हूं कि विविधता में कितनी खूबसूरती है।

चंबल में डाकू का दिल पिघला ,दिए एक हजार ,बाइक से कराया घाटी पार

चंबल घाटी में डकैत के साथ हुआ था सामना, उसने एक हजार रुपए दिए
रोहन ने बताया कि चंबल घाटी में जब वह पैदल यात्रा कर रहा था तो उसका सामना एक डकैत से हुआ। वह गन दिखाकर कहता है कि बैग में जो भी सामान है उसे दे दो। रोहन ने कहा कि मैं बहुत डर गया था। डकैत को समझा रहा था कि बैग में कुछ खास समान नहीं है। बस कपड़े और जरूरत के थोड़े बहुत सामान हैं। डकैत एक ही बातों पर अड़ा रहा कि सामान दे दो वरना जान से मार दूंगा। फिर मैंने कहा कि मुझे 2 मिनट अपनी बात रखने का मौका दो। जब मैंने उसे अपने लक्ष्य के बारे में बताया तो वह खुश हो गया और खुश होकर उसने मुझे बदले में एक हजार रुपए दिए। खाना भी खिलाया। फिर अपनी बाइक में बिठाकर चंबल घाटी को पार करवाया।

भारत भ्रमण के बाद करेगा विदेश यात्रा

रोहन ने कहा कि छत्तीसगढ़ के बाद ओडिशा, बिहार, झारखंड, सिक्किम समेत बचे हुए राज्यों की यात्रा पूरी करनी है। वहां के लोगों को भी जागरूक करना है। पूरे भारत देश का भ्रमण करने के बाद विदेश यात्रा पर निकलने का लक्ष्य रखा है। रोहन ने बताया कि बांग्लादेश, थाईलैंड म्यांमार, वियतनाम, चाीन, हॉन्गकॉन्ग, रसिया समेत अन्य देशों का भ्रमण करूंगा और वहां के लोगों को भी जागरूक करूंगा।