राजस्व मंत्री के जिले में राजस्व विभाग को 32 करोड़ का नुकसान पहुंचाने वाले भूमाफिया अब जाएंगे सलाखों के पीछे! तरदा -हरदीबाजार बाईपास सड़क के मुआवजा प्रकरण के दोषियों पर एफआईआर करने कलेक्टर ने एसपी को लिखा पत्र ,मचा हड़कंप

13 गांवों में भू -अर्जन का मामला ,जिम्मेदारों में मचा हड़कम्प
प्रतिबंध के बावजूद कर डाली थी 153 रजिस्ट्री,168 नामांतरण,कलेक्टर ने शासन को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजा था जांच प्रतिवेदन

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। प्रदेश के राजस्व मंत्री के जिले में हरदीबाजार -तरदा बाईपास सड़क के लिए जमीन अधिग्रहण के मुआवजा प्रकरण में कूटरचना और एक ही भूमि के हिस्से का बटांकन कर बार बार खरीदी बिक्री कर शासन को करोड़ों रुपए के राजस्व की क्षति पहुंचाने वाले भू -माफिया जल्द सलाखों के पीछे होंगे। कलेक्टर श्रीमती रानु साहू ने राज्य शासन के निर्देश के बाद भू -माफियाओं पर एफआईआर दर्ज करने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा है। इस हाई प्रोफाईल प्रकरण में अब पूरी निगाह पुलिस की वैद्यानिक कार्रवाई पर टिकी होंगीं।

यहाँ बताना होगा कि इंडस्ट्रीयल सड़क कॉरिडोर निर्माण योजना के तहत कोयलांचल क्षेत्र की 3 सड़कों का निर्माण किया जा रहा है।26.7 किलोमीटर लंबी एक फेस सर्वमंगला से तरदा 8 किलोमीटर ,तरदा से हरदीबाजार 13 .2 किलोमीटर एवं सर्वमंगला से कुसमुंडा 5 .5 किलोमीटर शामिल है। सर्वमंगला से कुसमुंडा मार्ग को फोरलेन तो शेष दोनों सड़कों को टू लेन तैयार किया जाना है। इसके लिए एसईसीएल ने200 करोड़ रुपए की प्रतिबद्धता राशि दे दी है। पीडब्ल्यूडी को सड़क निर्माण का क्रियान्वयन एजेंसी नियुक्त किया गया है ।गत वर्ष टेंडर भी फाईनल कर कार्य शुरू कर दिया गया है। नागपुर की फर्म एमएमएस यह कार्य कर रही है। मार्च 2023 तक एक फेस में तीनों सड़क को तैयार किया जाना है। यह कार्य शुरू ही हुआ था कि गत वर्ष जिले में पदस्थ हुईं कलेक्टर रानु साहू के संज्ञान में जुलाई 2021 में बड़ी गड़बड़ी सामने आई। यह गड़बड़ी हरदीबाजार से तरदा मार्ग 13 .2 किलोमीटर में सामने आया । पीडब्ल्यूडी ने इस मार्ग के अंतर्गत आने वाले 13 गांव के भू -अर्जन के लिए प्रस्ताव दिया था। इनमें कटकीडबरी ,नवापारा ,मुड़ापार,मुढाली,गांव के भू -अर्जन का प्रस्ताव 30 दिसंबर 2020 को तो दर्री ,भर्राकुड़ा,मौहाडीह ,अखरापाली ,गंगदेई बिरदा का प्रस्ताव 31 दिसंबर को तो सराईसिंगार ,रंगबेल तथा भलपहरी का प्रस्ताव 14 जनवरी 2021को भेजा गया था। इसके पूर्व अक्टूबर 2020 से उक्त 13 गांवों में भूमि के क्रय -विक्रय ,नामांतरण एवं बंटवारे पर कलेक्टर द्वारा प्रतिबंध लगा दी गई थी। लेकिन इसके बावजूद नियम कायदों की परवाह न करते हुए उपपंजीयक हरदीबाजार ने 115 तो उप पंजीयक कोरबा ने 38 रजिस्ट्री कर दी। वहीं पंजीयन के बाद 168 रजिस्ट्री भी किए गए। इसकी शिकायत शहर के प्रतिष्ठित समाजसेवी केदारनाथ अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से की थी। जिसके तहत कलेक्टर को जांच कर प्रतिवेदन भेजने के आदेश दिए गए थे। कलेक्टर ने जांच कर आवश्यक कार्यवाई की अनुशंसा सहित प्रतिवेदन राज्य शासन को सितंबर 2021 में ही भेज दी थी। कलेक्टर ने प्रकरण में दोषियों पर कार्रवाई करने एसीएस सीएम के साथ एसीएस गृह एवं जेल विभाग को पत्र लिखा था। प्रकरण में सरकार की तरफ से जल्द वैद्यानिक कार्रवाई का इंतजार किया जा रहा था। हसदेव एक्सप्रेस न्यूज ने भी 24 सितंबर 2021 को प्रमुखता से उक्त खबर को उठाया था। आखिरकार उप सचिव छतीसगढ़ शासन मुख्यमंत्री सचिवालय ,मंत्रालय ,महानदी भवन केपिटल काम्प्लेक्स ,नवा रायपुर अटल नगर रायपुर की ओर से प्रकरण में दोषियों पर विधि सम्मत कार्रवाई की हरी झंडी दे गई। जिसके बाद कलेक्टर श्रीमती रानु साहू ने आदेशानुसार प्रकरण में त्वरित कार्रवाई करते हुए भू –
-माफियाओं पर एफआईआर दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई करते हुए कार्रवाई से अवगत कराने पुलिस अधीक्षक कोरबा को पत्र लिखा है। इस हाई प्रोफाईल प्रकरण में अब पूरी निगाह पुलिस की वैद्यानिक कार्रवाई पर टिकी है।

इस तरह पहुंचाया नुकसान

हरदीबाजार-तरदा बाईपास सड़क बनाने के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई थी। भू-माफियाओं द्वारा एक ही जमीन को छोटे छोटे हिस्सो में बटांकन कर कई बार बेचने, भूमि अधिग्रहण के मामले में अनियमितता और मुआवजा प्रकरणों में नियमों की अनदेखी की कई शिकायतें कलेक्टर को मिली थी। शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने इसकी जांच कराई थी। जांच में सामने आया है कि भूमि अधिग्रहण के मामलों में भू-राजस्व संहिता व अधिग्रहण नियमों की भारी अनदेखी की गई है। नियमों के विरुद्ध 5 हजार स्क्वेयर फ़ीट से कम रकबे का अधिग्रहण दिखाकर बढ़े मुआवजे के प्रकरण स्वीकृत किये गए है इसके साथ ही ऐसे कई खसरों की भूमि को भी अधिग्रहित किया गया है, जो बाईपास सड़क सीमा में नहीं आती है। भू- मफ़ियाओं द्वारा अधिग्रहण के नियमों के उल्लंघन और मुआवजा प्रकरण में अनियमितता से शासन को राजस्व हानि पहुँचाने का प्रयास किया गया । जांच के दौरान लोक निर्माण विभाग द्वारा जिन खसरा नम्बरों पर प्रतिबंध लगाया गया है उन्हीं खसरों पर खरीदी बिक्री व नामांतरण किया गया है ।
सरईसिंगार ,भर्राकुड़ा,अखरापाली में सर्वाधिक 112 बटांकन हुए हैं। इन गांवों में वर्गमीटर की दर अन्य गांवों से अधिक है। इस तरह भू -खंडों का बटांकन कर कॉलोनाइजर एक्ट का उल्लंघन किया गया है। केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड रायपुर के मूल्यांकन के आधार पर उक्त भूखंडों के आधार पर उक्त भूखंडों के क्रय विक्रय और नामांतरण करने के मुआवजे की राशि 1.9 करोड़ और बाद में 35 .15 करोड़ आंका गया है। इससे सरकार को 18 गुना अर्थात 32 करोड़ का वित्तीय भार आएगा।