कोरबा। जिले में एक बार फिर भू विस्थापित उग्र हो गए ।गुरुवार को बड़ी संख्या में एकत्रित होकर सुबह से रेलवे ट्रैक पर बैठ गए । प्रदर्शनकारियों ने मालगाड़ी रोक दी है। इसके चलते एनटीपीसी को होने वाला कोयला परिवहन ठप हो गया ।पुलिस और प्रबंधन के साथ प्रदर्शनकारियों की लंबी वार्ता के बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ।
यहां बताना होगा कि रोजगार का वादा पूरा नहीं करने से आक्रोशित 35 भू -विस्थापित परिवारों ने सैकड़ों ग्रामीणों के साथ गुरुवार को बड़ी संख्या में एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन किया । सुबह से रेलवे ट्रैक पर बैठ गए । प्रदर्शनकारियों ने मालगाड़ी रोक दी इससे एसईसीएल को फिर करोड़ों रुपयों का नुकसान उठाना पड़ा है। तीन घंटे तक चक्का जाम से उत्पादन ठप हो गया। सूचना मिलने पर पुलिस और प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंची। कोरोना संक्रमण और धारा 144 के नाम पर प्रदर्शनकारियों को रोकने की प्रशासन ने काफी कोशिश की, लेकिन उनकी संख्या के आगे नाकाम साबित हुई। इस दौरान प्रदर्शनकारियों की तहसीलदार के साथ तीखी बहस भी हुई।घण्टों समझाईश के बाद प्रदर्शनकारी वहां से हटने के लिए तैयार हुए ।
पूरा विवाद रोजगार, मुआवजे और पुनर्वास से जुड़ा हुआ है। साल 1978-2004 के बीच कोयला खनन के लिए हजारों किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई थी। किसानों से कई वादे भी किए गए। वादे पूरे नहीं हुए तो किसान इसको लेकर रोजगार एकता संघ और छत्तीसगढ़ किसान सभा के बैनर तले पिछले 3 माह से धरना दे रहे हैं। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि साल 2004 की पुनर्वास नीति के अनुसार सभी प्रभावित किसानों को स्थाई नौकरी दी जाए।
एनटीपीसी वादा कर रोजगार नहीं दे रही
ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी जमीन एनटीपीसी प्रबंधन ने रेल लाइन के लिए अधिग्रहित कर ली। उस वक्त कहा गया था कि भू स्वामियों को रोजगार भी उपलब्ध कराया जाएगा, लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी ऐसा आज तक नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि एसईसीएल प्रबंधन ने प्रभावितों को ठेका देने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। एनटीपीसी की ओर से भी कई बार प्रबंधन को पत्र व्यवहार किया गया, लेकिन वे इसकी अनदेखी कर रहे हैं।
खदान में 4 किमी अंदर तक घुस गए थे प्रदर्शनकारी,फहराया था तिरंगा
इससे पहले बुधवार को भी कुसमुंडा, गेवरा, दीपका और कोरबा के सैकड़ों भूविस्थापित को हाथ में तिरंगा और बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की फोटो लेकर रैली निकालकर खदान में पहुंचे थे। इस दौरान कुसमुंडा खदान में 4 किमी तक अंदर सतर्कता चौक तक पहुंच गए। वहां रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष राधेश्याम कश्यप और छत्तीसगढ़ किसान सभा के कोरबा जिला अध्यक्ष जवाहरसिंह कंवर ने मिलकर तिरंगा फहराया था ।