रायगढ़ । छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ प्रदेश कार्यकारिणी के आव्हान पर विगत दिवस न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं न्यायालय तहसीलदार रायगढ़ के परिसर के भीतर उपद्रवी तत्वों द्वारा नायब तहसीलदार सहित न्यायालयीन स्टाफ के साथ गाली-गलौज व मारपीट की गठना पर अपराधियों की गिरफ्तारी , अभियुक्त अधिवक्ताओं के लाइसेंस निरस्तीकरण सहित न्यायालय में 1-4 की पुलिस सुरक्षा बल एवं तहसीलदार , नायब तहसीलदारों हेतु पृथक से न्यायालय संरक्षण नियम की मांग तहत प्रदेश भर के तहसीलदार , नायब तहसीलदार शनिवार को एक दिवसीय प्रदर्शन सहित धरना हेतु रायगढ़ में उपस्थित हुए।
गौरतलब हो कि शुक्रवार को एक अधिवक्ता द्वारा कथित रूप से तहसीलदार के साथ न्यायालय में आदेश उपरांत विवाद किया गया। जिसमें बाद में उकसाने पर 150 से 200 लोगों (जिसमे अधिवक्ता भी शामिल रहे ) के द्वारा न्यायालयीन स्टाफ सहित नायब तहसीलदार विक्रांत राठौर के साथ मारपीट की घटना को अंजाम देते हुए पूरे न्यायालय में भयाक्रांत माहौल उत्तपन्न करते हुए लॉ एन्ड आर्डर की स्तिथि निर्मित की गई । वीडियो वायरल किया गया जिसमें अधिवक्ता गण न्यायालय में कानून व्यवस्था को तार-तार करते स्पष्ट दिख रहे हैं । पुलिस द्वारा अपराधियों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। प्रदेश कार्यकारिणी द्वारा उक्त घटना हेतु निंदा प्रस्ताव पारित करते हुए अवगत कराया गया कि हमारी लड़ाई विद्वान अधिवक्ताओ से नही बल्कि उनसे है जो कानून की आड़ में दलाली कर रहे हैं और पूरी कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है । अधिवक्ता संघ से आह्वान किया है कि ऐसे वकीलों का साथ न देकर व्यवस्था को दुरुस्त करने में साथ दें ।
मांग पूरी होने तक बेमियादी हड़ताल का आह्वाहन

मांग पूरा नही होने तक कलम बन्द करते हुए अनिश्चित कालीन हड़ताल की घोषणा की गई । जिससे पूरे प्रदेश में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन कार्य सहित कानून व्यवस्था की स्तिथि पूर्ण रूपेण प्रभावित होने की आशंका है।प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन , लिपिक संघ , राजस्व निरीक्षक , पटवारी राजस्व संघ , कोटवार संघ द्वारा भी उक्त घटना की नींदा करते हुए सोमवार से जिला में काम बंद सहित मांग पूरी न होने पर प्रदेश में काम बंद की घोषणा किये है।
