तीसरे अधिवक्ता की गिरफ्तारी के बाद भड़के अधिवक्ता: रायगढ़ में घेरा एसपी कार्यालय ,की जमकर नारेबाजी ,तहसील कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर जताया आक्रोश

रायगढ़ । तहसील कार्यालय रायगढ़ में हुए मारपीट का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा। अधिवक्ताओं की गिरफ्तारी के विरोध में आज रायगढ़ के सैकड़ों वकीलों ने एसपी कार्यालय का घेराव कर जमकर विरोध प्रदर्शन किया । अधिवक्ताओं ने तहसील कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। दोनों पक्षों के विरोध प्रदर्शन से जहां जनता परेशान हो रही है वही पुलिस प्रशासन के लिए भी लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बनाए रखना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है ।

यहाँ बताना होगा कि शुक्रवार 11 फरवरी को रायगढ़ जिले के तहसील कार्यालय में वहां के स्टाफ के साथ हुए मारपीट में बीच-बचाव कर रहे नायब तहसीलदार के साथ वकीलों ने मारपीट कर दी थी । मारपीट की इस घटना के बाद मारपीट करने वाले वकीलों की गिरफ्तारी और कड़ी कार्रवाई को लेकर छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ लामबंद है इसी का परिणाम है कि आज घटना के विरोध में प्रदेश भर में तहसीलदार नायब तहसीलदार सहित तहसील के स्टाफ काम बंद हड़ताल पर रहे । प्रदेशव्यापी इस हड़ताल के बाद आज रायगढ़ पुलिस ने मारपीट की घटना में शामिल जितेंद्र शर्मा नामक अधिवक्ता को सुबह जांजगीर के डभरा से गिरफ्तार किया था । इसके बाद दोपहर के वक्त तीसरे वकील कोमल साहू को पुलिस ने उड़ीसा से गिरफ्तार किया है । अधिवक्ताओं की लगातार की जा रही गिरफ्तारी के विरोध में अब रायगढ़ जिले के अधिवक्ता भी सड़क की लड़ाई लड़ने उतर आए हैं। सैकड़ों की संख्या में अधिवक्ताओं ने सोमवार को एसपी कार्यालय का घेराव कर जमकर नारेबाजी की। अधिवक्ताओं ने तहसील कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार और तहसीलदारों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए इसे बंद करने की मांग को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिला और पुरुष अधिवक्ता शामिल थे । रायगढ़ तहसील कांड का अंत क्या होगा यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन एक तो बात है कि जिस तरह से तहसीलदारों ने एकजुटता दिखाकर पुलिस और प्रशासन पर दबाव बनाया है उसे देखकर अब अधिवक्ता भी एकजुट होकर अपने वकीलों के बचाव में सड़क पर उतर आए हैं हालांकि इन सब में आम जनता पिस रही है जनता के कार्य प्रभावित हो रहे हैं जिसे लेकर शासन भी चिंतित नजर आ रही है जानकारों की मानें तो जल्द ही अधिवक्ताओं और कनिष्ठ अधिकारी कर्मचारियों के बीच चल रहे विवाद का पटाक्षेप कर लिया जाएगा ताकि आम जनता को अधिक परेशानियों का सामना ना करना पड़े।