कोरबा -रायपुर । राजस्व कर्मियों का बेमियादी हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रहा ।कलेक्टोरेट सहित तहसील कार्यालयों में तालाबंदी की स्थिति निर्मित रही ।जिले में जहां धरना स्थल आईटीआई चौक रामपुर में तहसील एवं कलक्ट्रेट के राजस्व कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया वहीं राजधानी रायपुर के बूढ़ातालाब में कनिष्ठ अधिकारी कर्मचारी संघ के बैनर तले तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार ने जमकर आक्रोश जताया।

यहाँ बताना होगा कि शुक्रवार 11 फरवरी को रायगढ़ जिले के तहसील कार्यालय में वहां के स्टाफ के साथ हुए मारपीट में बीच-बचाव कर रहे नायब तहसीलदार के साथ वकीलों ने मारपीट कर दी थी । मारपीट की इस घटना के बाद मारपीट करने वाले वकीलों की गिरफ्तारी और कड़ी कार्रवाई को लेकर छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ लामबंद है इसी का परिणाम है कि सोमवार से घटना के विरोध में प्रदेश भर में तहसीलदार नायब तहसीलदार सहित तहसील के स्टाफ काम बंद हड़ताल पर हैं । प्रदेशव्यापी इस हड़ताल के बाद मंगलवार को रायगढ़ पुलिस ने मारपीट की घटना में शामिल चौथे अधिवक्ता दीपक मोड़क को गिरफ्तार कर लिया । हालांकि पांचवा अधिवक्ता अभी भी फरार हैं। अधिवक्ताओं की लगातार की जा रही गिरफ्तारी के विरोध में अधिवक्ता भी सड़क की लड़ाई लड़ने उतर आए हैं।मंगलवार को अधिवक्ताओं ने राजस्व न्यायालय का बहिष्कार कर दिया । वहीं दूसरे दिन मंगलवार को भी राजस्व कर्मियों का 4 सूत्रीय मांगों को लेकर जिला मुख्यालय से लेकर राजधानी में विरोध प्रदर्शन जारी रहाजिले में हां धरना स्थल आईटीआई चौक रामपुर में तहसील एवं कलक्ट्रेट के राजस्व कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया वहीं राजधानी रायपुर के बूढ़ातालाब में कनिष्ठ अधिकारी कर्मचारी संघ के बैनर तले तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार ने जमकर आक्रोश जताया। सैकड़ों की संख्या में नायब तहसीलदार तहसीलदार इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।

जनता हो रही परेशान ,नहीं हो रहा काम
अधिवक्ता राजस्व अधिकारी कर्मचारियों के वर्चस्व की लड़ाई में आम जनता पिस रही है। जनता के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। सीमांकन ,बटांकन ,फौती ,नामांतरण को लेकर दूरदराज से पहुंचे लोग भटक रहे। हड़ताल की वजह दफ्तरों में सन्नाटा पसरा है। इसे लेकर शासन भी चिंतित नजर आ रही है जानकारों की मानें तो जल्द ही अधिवक्ताओं और कनिष्ठ अधिकारी कर्मचारियों के बीच चल रहे विवाद का पटाक्षेप कर लिया जाएगा ताकि आम जनता को अधिक परेशानियों का सामना ना करना पड़े।
