काउंटर डिलीवरी के नाम पर उपभोक्ताओं से खुलेआम लूट ,सिलेंडर से भी गैस की चोरी :भारत गैस मानिकपुर में 294 सिलेंडर जब्त ,खाद्य निरीक्षकों की कार्रवाई से मचा हड़कंप

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज़ कोरबा। काउंटर डिलीवरी के नाम पर उपभोक्ताओं से होम डिलीवरी जैसे चार्ज लिया जाना एवं सिलेंडर से गैस चोरी करना मानिकपुर भारत गैस एजेंसी को भारी पड़ गया। शिकायत के आधार पर खाद्य निरीक्षकों ने भौतिक सत्यापन में यह गड़बड़ी पकड़ी । इस दौरान 294 सिलेंडर सिलेंडर जब्त किया गया है प्रकरण आगामी कार्रवाई के लिए कलेक्टर खाद्य शाखा के सुपुर्द कर दिया गया है। खाद्य विभाग की इस कार्रवाई से गैस एजेंसी संचालकों में हड़कंप मचा है।

यह बताना होगा कि शहर में पिछले कुछ समय से उपभोक्ताओं द्वारा मानिकपुर भारत गैस एजेंसी के खिलाफ कार्यालय कलेक्टर खाद्य शाखा को शिकायतें मिल रही थी जिसमें होम डिलीवरी की तर्ज पर काउंटर डिलीवरी में भी प्रति सिलेंडर डिलीवरी चार्ज लिए जाने की शिकायत की गई थी।

मानिकपुर स्थित भारत गैस एजेंसी का गोदाम

उक्त शिकायतों को गंभीरतापूर्वक लेते हुए खाद्य अधिकारी जे के सिंह ने खाद्य विभाग की संयुक्त जांच टीम गठित की थी खाद्य निरीक्षक सुशील कुमार टंडन एवं शुभम मिश्रा ने सोमवार को शिकायतों के आधार पर मानिकपुर स्थित भारत गैस एजेंसी का भौतिक सत्यापन किया जिसमें मौके पर उपभोक्ताओं से प्रति सिलेंडर 29 डिलीवरी चार्ज लिया जाना पाया गया ।

रिकार्ड की जांच करते खाद्य निरीक्षक श्री टंडन श्री मिश्रा

साथ ही भौतिक सत्यापन में खाली और भले भरे सिलेंडर की मात्रा भी कम पाई गई। खाद्य निरीक्षकों ने द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस(प्रदाय और वितरण विनियमन) आदेश, 2000 में निहित प्रावधानों के तहत
294 सिलेंडर जब्त कर गैस एजेंसी प्रबंधक के सुपुर्द कर दिया है। प्रकरण आगामी कार्रवाई के लिए कलेक्टर खाद्य शाखा के सुपुर्द कर दिया गया है। खाद्य विभाग की इस कार्रवाई से गैस एजेंसी संचालकों में हड़कंप मचा है।

तो जिले के सभी गैस एजेंसियों की जांच हो…

जिस तरह मानिकपुर स्थित भारत गैस एजेंसी कोरबा में काउंटर डिलीवरी के नाम पर भी उपभोक्ताओं से चार्ज लिए जाने एवं खाली और भरे सिलेंडर की मात्रा कम पाए जाने का गंभीर प्रकरण प्रकाश में आया है उसने कहीं न कहीं गैस एजेंसी संचालकों की करतूत को उजागर कर दिया है। निश्चित तौर पर जिले के अन्य गैस एजेंसी में भी इस तरह की जांच की आवश्यकता महसूस की जा रही है ,ताकि इस तरह की गड़बड़ी की संभावनाओं पर अंकुश लगाकर उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की जा सके। सामान्यतः उपभोक्ताओं के पास इतना समय नहीं रहता या वे इस विवाद में नहीं पड़ना चाहते कि उन्हें चंद रुपयों के लिए कार्यालय कलेक्टर खाद्य शाखा में लिखित शिकायत करने जाना पड़े। लेकिन खाद्य विभाग की यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह समय-समय पर जिले के गैस एजेंसियों की आवश्यक जांच कर शासन द्वारा निर्धारित नियमों का पालन सुनिश्चित कराएं।