यूक्रेन में युद्ध के हालात के बीच छत्तीसगढ़ के छात्रों रहवासियों की वापसी के लिए मदद की कवायद शुरू ,दिल्ली में बना हेल्प डेस्क ,हेल्पलाइन नम्बर जारी

रायपुर। युद्ध के मुहाने पर खड़े यूक्रेन में फंसे छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों और लोगों के लिए मदद की कोशिश शुरू हो गई है। राज्य सरकार ने नई दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ भवन में यूक्रेन मामलों के लिए एक हेल्पडेस्क शुरू किया है। इसके लिए गणेश मिश्रा को संपर्क अधिकारी बनाया गया है।

मुख्यमंत्री सचिवालय के अफसरों ने बताया, गणेश मिश्रा नई दिल्ली के छत्तीसगढ़ भवन से अपनी मदद संबंधी गतिविधियों का संचालन करेंगे। उनसे लैंडलाइन 01146156000 और मोबाइल नंबर 9997060999 से संपर्क किया जा सकता है। यूक्रेन हेल्पडेस्क का एक फैक्स नंबर 01146156030 भी जारी किया गया है। उत्तर प्रदेश रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था, यूक्रेन में फंसे प्रदेश के लोगों को निकालने के लिए सरकार विदेश मंत्रालय के लगातार संपर्क में हैं।
अफसरों ने बताया, भारत सरकार ने कीव से भारतीयों को निकालने के लिए एयर इंडिया के विशेष विमानों को शेड्यूल किया है। सरकार की कोशिश है कि विदेश मंत्रालय और यूक्रेन की राजधानी कीव स्थित राजनयिकों के जरिए छत्तीसगढ़ के लोगों को भी उन विमानों से भारत लाएं।
20 फरवरी को भारतीय दूतावास ने एक एडवाइजरी जारी की थी। इसमें कहा गया है कि लगातार बढ़ रहे तनाव और अस्थिरता को देखते हुए जिनका यूक्रेन में रुकना जरूरी नहीं है, उन्हें और सभी भारतीय छात्रों को अस्थाई रूप से यूक्रेन छोड़ देना चाहिए। छात्रों को आपस में संपर्क बनाए रखने को कहा गया है।

अभी सरकार को नहीं मालूम वहां कितने लोग

राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी इस मुद्दे पर कोई बयान देने को तैयार नहीं हैं। बताया जा रहा है, सरकार को अभी तक यह भी नहीं मालूम है कि यूक्रेन में छत्तीसगढ़ के कितने लोग हैं। उनमें से कितने विद्यार्थी हैं और वे किन-किन शहरों में फंसे हुए हैं। फिलहाल मंगलवार से शुरू हुए हेल्पडेस्क पर मदद के फोन आने पर ही डीेटेल मिलने की उम्मीद है।

इधर प्रदेश में अभिभावक परेशान हैं

इधर प्रदेश भर में वे अभिभावक परेशान हैं, जिनके बच्चे यूक्रेन में फंस गए हैं। जांजगीर में शिक्षक संतोष तंबोली ने बताया कि उनकी बेटी और भांजी यूक्रेन के कीव में मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं। वे लौटना चाहते हैं, लेकिन कोई फ्लाइट नहीं मिल रही है। टिकट कई गुना महंगा हो गया है। अकलतरा के राजकुमार पटेल ने बताया, उनकी बेटी भी यूक्रेन में पढ़ रही है। अभिभावकों का कहना है, कोरोना लॉकडाउन में जिस तरह राज्य सरकार दूसरे राज्यों से विद्यार्थियों को लाई थी, उसी तरह इन बच्चों की वापसी की व्यवस्था करे। अभिभावकों का कहना है, सरकार अगर रियायती दर पर फ्लाइट की सुविधा मुहैया कराए तो भी बड़ी मदद मिल जाएगी।