रांची । देवघर में 46 घंटे बाद आखिरकार रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो गया है। इस ऑपरेशन में एयरफोर्स के जांबाजों ने 47 जिंदगियों को बचा लिया लेकिन बाकी तीन लोग खुशकिस्मत नहीं थे। रेस्क्यू के दौरान ही एक महिला हेलीकॉप्टर तक पहुंचने से पहले ही फिसलकर नीचे जा गिरी। उसकी मौत हो गई। वहीं इस हदासे में जिंदा बचे लोगों ने उन घंटों को याद कर ऱोंगटे खड़े देने वाली आपबीती सुनाई है।
कई लोगों ने तो पेशाब पी कर अपनी जान बचाई
झारखंड के देवघर में परिवार के छह अन्य सदस्यों के साथ ट्रॉली में फंसे सर्वाइवर विनय कुमार दास ने कहा कि जब हम फंस गए, तो हमने पीने के लिए एक बोतल में पेशाब कर इकट्ठी कर ली, ताकी हमें अगर कुछ और समय तक पानी नहीं मिलाता तो हम इसे पीकर जिंदा रह सकें।
वहीं पर्यटक सौरभ ने बताया कि लगता था कि अब मर जायेंगे,लेकिन सेना ने हमें बचा लिया। उन्होंने बताया कि गर्मी से हालत खराब थी। प्यास से कंठ सूख रहा था। कई लोगों ने तो पेशाब पी कर अपनी जान बचाई।
शख्स ने सुनाई आपबीती
रोपवे ट्रॉली में फंसे एक ही परिवार के छह सदस्यों में से एक नीरज ने बताया कि रामनवमी पर बाबा बासुकीनाथ धाम पूजा करने के लिए गये थे। बहन अनन्या, मामी कौशल्या देवी, बहन अन्नु राज, मित्र मुन्ना, डिंपल उर्फ राकेश उनके साथ थे। पूजा करने के बाद लौट रहे थे तो मन में हुआ कि चित्रकूट पहाड़ घूम आते हैं। हम दो ट्रॉली में सभी सवार हो गये। एक में चार लोग और एक में दो लोग सवार हुए।
‘हमने ट्रॉली से रात होते और सूर्योदय होते देखा’
नीरज ने बताया कि, पहाड़ पर पहुंचने ही वाले थे कि ऊपर में ट्रॉली हिलने लगी और ऐसा लगा मानों नीचे ही गिर जाएंगे। तीन मिनट बाद अचानक ट्रॉली रुक गयी। फिर भूखे-प्यासे ट्रॉली पर 24 घंटे गुजारे। ट्रॉली पर शाम से रात होते देखी। रात में डर के मारे नींद नहीं आई। लोगों का गर्मी से बुरा हाल था, कई लोगों प्यास से तड़फ रहे थे। कई लोगों ने तो पेशाब पी कर अपनी जान बचायी। हमने ट्रॉली से रात होते और सूर्योदय होते देखा।
2 दिनों तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन
बता दें ट्रॉली में 24 घंटों तक फंसे रहने के बाद अगले लोगों उपर से पानी की गुहार लगाते दिखे। अगले दिन दोपहर साढे़ तीन बजे लगभग वायु सेना का हेलीकॉप्टर पहुंचा और सभी का रेस्क्यू करना शुरू किया. तब सांस में सांस आई। रोपवे ट्रॉली में फंसे बिहार के मधुबनी जिले के एक व्यक्ति ने कहा, ‘जब हम फंस गए तो ऐसा लग रहा था कि हम अपनी जान गंवा देंगे, लेकिन बचाव दल ने हमें बचा लिया।