कोरबा एसडीएम को कलेक्टर के आदेशों की नहीं है परवाह ,सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहे पीड़ित परिवार के यहाँ दस दिन बाद भी नहीं दी दस्तक ,व्यथित परिवार ने वीडियो सन्देश जारी कर आत्मदाह की दी चेतावनी

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। एसडीएम कोरबा हरिशंकर पैकरा व उनके मातहत अमले को कलेक्टर के निर्देशों की परवाह नहीं । कलेक्टर जन चौपाल में दिए गए निर्देश के 1O दिन बाद भी एसडीएम राजस्व एवं पुलिस की संयुक्त टीम के साथ सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहे पीड़ित परिवार के यहां नहीं पहुँचे। व्यथित परिवार ने वीडियो संदेश जारी कर अपनी व्यथा पुनः मीडिया के सामने रखी है। हुक्का पानी बंद होने से पीड़ित परिजनों ने शीघ्र पहल नहीं होने पर पुत्री के विवाह समयावधि 8 मई से पूर्व सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी दी है ।

यहां बताना होगा कि करतला विकासखंड के ग्राम पंचायत रोगदा निवासी हेमलाल पटेल पिता स्व. पन्डू पटेल पिछले 8 वर्षों से अपने पट्टे में मिली भूमि खसरा नम्बर 269 रकबा 0.105 हेक्टेयर पर बनाए गए तालाब में मछली पालन कर अपने परिवार का जीविकोपार्जन करते आ रहा है लेकिन यह कार्य ग्रामवासियों को नागवार गुजर रहा है। ग्राम वासियों ने सरपंच पर दबाव बनाते हुए हेमलाल पटेल की निजी तालाब को शासन की मनरेगा योजना अंतर्गत दिए जाने का दबाव बनाया। आजीविका के लिए एक मात्र साधन होने की वजह से हेमलाल ने इसे शासन को देने से इंकार कर दिया। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने हेमलाल पटेल का सामाजिक बहिष्कार कर पिछले 3 माह से हुक्का पानी बन्द कर दिया है। बकायदा को चेतावनी दी गई हेमलाल पटेल के परिवार को राशन एवं अन्य सामान देने पर कड़ाई से अर्थदंड वसूला जाएगा। जिसकी वजह से ग्रामीणों ने परिवार का हुक्का पानी बन्द कर दिया है। सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहे हेमलाल को 8 मई को होने वाली अपनी छोटी पुत्री के विवाह की चिंता सताई जा रही है । दबंगों ने ग्रामीणों को शादी में शरीक नहीं होने की चेतावनी दे रखी है। लिहाजा न्याय की आस लेकर हेमलाल ने 19 मार्च 2022 को थाना प्रभारी उरगा को लिखित शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई । लेकिन यहां भी उन्हें न्याय नहीं मिला ।परेशान हेमलाल पटेल ने 12 अप्रैल को कलेक्टर जनचौपाल में न्याय की गुहार लगाई । उन्होंने पुत्री के साथ पहुंचकर कलेक्टर को बताया कि उनका पूरा परिवार सामाजिक बहिष्कार एवं हुक्का पानी बन्द होने से दाने दाने का मोहताज हो गया है। रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए दूसरे गांव जाना पड़ रहा है। ग्रामवासियों ने बातचीत भी बन्द कर दी है। हेमलाल ने कहा है कि उनके परिवार के साथ किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटने पर ग्रामवासी रोगदा जिम्मेदार होंगे।प्रकरण को गम्भीरतापूर्वक लेते हुए कलेक्टर श्रीमती रानु साहू ने जनचौपाल में ही जांच के आदेश दिए थे । उन्होंने एसडीएम कोरबा हरिशंकर पैकरा को तत्काल पुलिस ,राजस्व व जनपद पंचायत के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर गांव में जाकर मामले की पूरी जांच कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। लेकिन 10 दिन गुजरने के बाद भी आज पर्यंत टीम पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाना तो दूर झांकने तक नहीं पहुंची। इस तरह एसडीएम कोरबा ने सीधे सीधे कलेक्टर के आदेश को ही नजरअंदाज कर दिया। इधर पीड़ित परिवार ने वीडियो संदेश जारी कर पुनः अपनी व्यथा सुनाई है। हेमलाल पटेल व उनकी बुजुर्ग माताजी ने भावुक वीडियो संदेश के माध्यम से कलेक्टर के निर्देश के बाद भी आज पर्यंत जांच के लिए टीम के नहीं पहुंचने पर निराशा जताई । साथ ही कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं।

तो कैसे होगी मेरी पोती की शादी ,नहीं सुनेंगे पुकार तो करेंगे आत्मदाह

जारी वीडियो संदेश में एक रोगदा निवासी बुजुर्ग महिला ने बताया कि उनका पुत्र हेमलाल पटेल पट्टे में मिली भूमि में तालाब बनाकर मछलीपालन जीविकोपार्जन करते आ रहा है । लेकिन जब उसके पुत्र ने तालाब को मनरेगा योजना अंतर्गत सुपुर्द (शासकीयकरण ) करने से इंकार किया तो परिवार को बहिष्कृत कर हुक्का पानी बंद कर दिया गया है। वीडियो सन्देश में महिला कलेक्टर से जांच के लिए त्वरित टीम भेजने का आग्रह कर रही है। साथ ही यह कहती नजर आ रही है उनसे सबने बातचीत बन्द कर दिया है उसकी पोती की शादी कैसे होगी। शीघ्र पहल नहीं करने पर पीड़ित परिवार ने आत्मदाह की चेतावनी दी है।

एसडीएम से नहीं संभल रहा अनुविभाग ,कलेक्टर के भरोसे पर नहीं उतरे खरा

जिस भरोसे के साथ तहसीलदार से पदोन्नत होकर जिले में पदस्थ हुए युवा डिप्टी कलेक्टर हरिशंकर पैकरा को कलेक्टर श्रीमती रानु साहू ने सीनियर डिप्टी कलेक्टर ,संयुक्त कलेक्टर पर तरजीह देते हुए एसडीएम कोरबा बनाया था,वो उनके भरोसे व उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। पिछले कुछ महीनों से कोरबा अनुविभाग अपनी कार्यशैली को लेकर सुर्खियों में रहा। चाहे जनचौपाल में लंबित राजस्व मामलों ,लंबित मुआवजा का मामला हो जिले में नियम विरुद्ध अनुमति देकर शासकीय तालाब को राखड़ से पाटने ,ब्लैक स्मिथ कंपनी,लैंको को मनमाने तरीके से राखड़ फिलिंग की अनुमति का मामला हो है प्रकरण में राजस्व विभाग की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगे। अब तो हद ही हो गई एसडीएम को स्वयं कलेक्टर के आदेश निर्देश के पालन की परवाह नहीं रही। इससे जनचौपाल के प्रति जनमानस में अविश्वास की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।