कोरबा । जिले में उरगा से चाम्पा के मध्य निर्माणाधीन फोरलेन का काम कर रही ठेका कंपनी द्वारा नियमों की अनदेखी कर डायवर्टेड मार्ग का डामरीकरण नहीं कराए जाने से धूल का गुबार उड़ता रहा। मीडिया ने जनसरोकार से जुड़ी खबरों पर प्रमुखता से समाचार प्रकाशन कर ध्यानाकर्षण कराया। अब उड़ती धूल के साथ हर समय हादसे का अंदेशा वाली कच्ची डायवर्ट रोड पर डामर की परत ठेकेदार द्वारा चढ़वाई जा रही है।
फोरलेन का यह कार्य कोई 2-4 महीने का नहीं बल्कि लगभग 2 से ढाई साल का प्रोजेक्ट है। बता दें कि राष्ट्रीय राजमार्ग चाम्पा से कटघोरा तक फोरलेन सड़क के प्रथम चरण में चाम्पा से उरगा 38 किलोमीटर का निर्माण जारी है। इस मार्ग पर 56 पुल-पुलिया का निर्माण करना है जिसके लिए बगल से डामरीकृत डायवर्सन सड़क का निर्माण पहले करना है और उसके पश्चात ही पुलिया का कार्य शुरू किया जाना है। इसके विपरीत फोरलेन के निर्माण में लगी हरियाणा की ठेका कंपनी डायमंड कंस्ट्रक्शन के ठेकेदार द्वारा अपनी सुविधा देखते हुए गिट्टी वाला डायवर्सन सड़क बनाकर पुलिया का निर्माण प्रारंभ कर दिया गया है। इसके कारण डायवर्सन कच्ची सड़क से गुजरने वाले छोटे-बड़े-मध्यम वाहनों को भारी धूल का सामना करना पड़ रहा है। इस कच्चे मार्ग पर पानी का नियमित छिड़काव भी नहीं किया जा रहा है जबकि नेशनल हाइवे-149बी के एसओपी में उल्लेखित है। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट व एसओपी के अनुसार डायवर्टेड मार्ग को डामरीकरण नहीं कराया जा रहा है। गड्ढेयुक्त व अमानक स्तर के डायवर्सन मार्ग से आवागमन और छोटे-बड़े वाहनों के गुजरने से उड़ने वाली धूल का गुबार के कारण हादसों की आशंका हर समय बनी रहती है। खासकर रात के वक्त ज्यादा परेशानी हो रही है। अमानक डायवर्सन मार्ग के कारण आवागमन करने वालों का जीवन संकट में डाला जा रहा है। इस समस्या को लेकर मीडिया द्वारा प्रमुखता से समाचार प्रकाशन कर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया गया । इधर खबर के बाद विभाग और ठेकेदार की निद्रा भंग हुई और फिलहाल कोथारी के डायवर्ट रोड को डामरीकरण किया जा रहा है जिससे धूल से राहत है। वहीं अब सवाल यह कायम है कि क्या जिस मार्ग की बात उठी,उसे ही डामरीकरण किया जाएगा या फिर सभी 56 पुल-पुलिया के लिए निर्मित डायवर्ट रोड डामरीकृत होंगे । इस अनिश्चितता को दूर कर विभागीय अधिकारियों व ठेकेदार को चाहिए कि सभी डायवर्ट रोड पर ध्यान दें ताकि जनता मुसीबत में न रहे।