कोरबा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा अवैध रेत, मुरुम, मिट्टी, उत्खनन व परिवहन नहीं होने देने के लिए जिम्मेदारी तय कर देने के बाद भी अवैध उत्खनन व परिवहन जारी है। किसी व्यक्ति के निजी भूमि को खनिज विभाग की बिना अनुमति खोदकर मुरुम का उपयोग राख पाटने वाले स्थल के ऊपर फिलिंग के लिए किया जा रहा है।

यह नजारा कोरबा अनुविभाग के अंतर्गत करतला विकासखंड के ग्राम सरगबुंदिया में दिखा जहां एक निजी भूमि से बिना अनुमति मुरुम का उत्खनन व परिवहन में एक जेसीबी और पांच ट्रैक्टर लगाकर मुरुम निकाला जा रहा है। पाया गया कि मुरुम का अवैध उत्खनन एवं परिवहन कर सरगबुंदिया हायर सेकंडरी स्कूल के पीछे मैदान में अज्ञात ठेेकेदार/व्यक्ति के द्वारा फेंकवाए गए राखड़ के ऊपर डाला जा रहा है।इसकी सूचना जब बरपाली तहसीलदार आराधना प्रधान को दी गयी तब उन्होंने सरगबुंदिया के पटवारी प्रशांत दुबे से संपर्क कर मामला कौन से तहसील का है, क्लीयर करने के लिए कहा। सरगबुंदिया पटवारी प्रशांत दुबे से संपर्क करने पर मौके में जाने के बाद उक्त भूमि को पहंदा पटवारी अर्थात कोरबा विकासखंड का बताया गया। उसके थोड़े देर बाद वहाँ से ट्रैक्टर और जेसीबी को मौके से हटवा कर कहा गया कि यह भूमि सरगबुंदिया पटवारी हल्का नंबर 05 की ही है। पटवारी द्वारा यह भी कहा गया कि निजी भूमि में उत्खनन किया जा रहा था जिसमे भूमि स्वामी को बरपाली तहसील पेशी के लिए भेज दिया गया है। तहसील कार्यालय में पता किया गया तो तहसीलदार आराधना प्रधान द्वारा इस मामले में बिना कार्यवाही किये समझाइस देकर भूस्वामी को वापस भेज देना बताया गया।
अवैध खनन में लगे वाहन,कार्यशैली पर लगे प्रश्नचिन्ह
अवैध खनन व परिवहन में लगे ट्रैक्टर व जेसीबी अथवा इनके चालक पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई और न ही मौके से मुरुम की जब्ती बनाई गई। समय पर सूचना मिलने के बावजूद बिना अनुमति के मुरुम का अवैध उत्खनन व परिवहन करने वालों पर कार्यवाही ना करने से कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह तो लगता है। बिना अनुमति के मुरुम का अवैध उत्खनन की सूचना जिला खनिज अधिकारी एवं एसडीएम कोरबा हरिशंकर पैकरा को भी दिया गया लेकिन इन्होंने देखते हैं, किसी को भेजते हैं कहकर टाल दिया। पिछले दिनों भी ग्राम पुरैना में अवैध मुरुम उत्खनन की खबर पर भी कोई खास कार्यवाही नहीं की गई। खनिज संसाधनों का अवैध दोहन के मामले में जिम्मेदार अधिकारियों से लेकर कोरबा अनुविभाग के अधिकारी द्वारा भी टाल-मटोल का रवैया अपनाए जाने से कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। बता दें कि इससे पहले एसडीएम के निर्देश पर नायब तहसीलदार के द्वारा रेत के कई वाहन सूचनाओं पर पकड़े गए तो इस तरह के मामलों में दरियादिली समझ से परे है और यदि कार्रवाई होती है तो बताना भी जरूरी नहीं समझते, ना फोन उठाने की जहमत उठाते हैं।