बिलासपुर । परसा कोल ब्लॉक में आधी रात हुए पेड़ों की कटाई के मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है। काम रूकवाने के लिये आवेदन पर 4 मई को अगली सुनवाई होगी।
अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव से मिली जानकारी के अनुसार, हाईकोर्ट में लगाई गए आवेदन में एक लाख से अधिक पेड़ों के कटने का खतरा बताया गया है। 7 सरकारी कम्पनी के नाम पर ब्लॉक लेकर निजी कंपनी को खदान सौंपने का आरोप लगा है। याचिकाओं में लगाये गये स्टे आवेदन और संशोधन आवेदन पर आज बहस होनी थी, लेकिन चीफ जस्टिस की खण्डपीठ के उपलब्ध न होने के कारण यह मामला जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एनके चन्द्रवंशी की खण्डपीठ में सुनवाई के लिए भेजा गया। सुनवाई के दौरान बताया गया कि राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम के नाम पर भूमि अधिग्रहण कर राजस्थान कॉलरी को भूमि सौंपी जा रही है। यह स्वयं कोल बेयरिंग एक्ट के प्रावधानों एवं सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए। कोल ब्लॉक जजमेंट के विरूद्ध है। लिहाजा परसा कोल ब्लॉक से संबंधित कोई भी कार्य आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। इस कारण पेड़ों की कटाई पर भी तुरंत रोक लगनी चाहिए।खण्डपीठ ने कहा कि अधिग्रहण को दी गई चुनौती एक गम्भीर विषय है, और इसके समाप्त होने पर वन्य एवं पर्यावरण अनुमतियां अपने आप प्रभावहीन हो जाएगी। खण्डपीठ ने राज्य सरकार को पेड़ों की कटाई पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश के साथ स्टे आवेदन पर अगली सुनवाई 4 मई तय की गई है।