नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में देश के सभी राज्यों के चीफ जस्टिस और मुख्यमंत्रियों के साथ एक जॉइंट कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस कांफ्रेंस में सभी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस तथा केंद्र सरकार में कानून मंत्री किरण रिजिजू समेत कई अन्य लोग भी शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में मुख्यमंत्रियों और चीफ जस्टिस का यह दूसरा ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस था इससे पहले 2016 में प्रधानमंत्री ने इस तरह के कांफ्रेंस को संबोधित किया था।
स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने की जरूरत
कॉन्फ्रेंस में चीफ जस्टिस और मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा हमें कोर्ट में स्थानीय भाषाओं को ज्यादा अहमियत देने की जरूरत है। स्थानीय भाषाओं को अहमियत देने से देश के आम नागरिकों को भी न्याय व्यवस्था में विश्वास बढ़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहा मैं सभी मुख्यमंत्रियों और हाईकोर्ट के जजों से यह अपील करता हूं कि देश में अंडर ट्रायल करीब 3.5 लाख कैदियों के मसले को जल्द सुलझाया जाए।
कार्यक्रम में बोले कानून मंत्री किरण रिजिजू
केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने मुख्यमंत्री और चीफ जस्टिस कॉन्फ्रेंस का शुरुआत करते हुए कहा कि यह कॉन्फ्रेंस जुडिशरी और सरकार के बीज कंस्ट्रिक्टिव बातचीत तथा ईमानदारी का एक मौका है। इस तरह के कॉन्फ्रेंस से लोगों को न्याय दिलाने में और अधिक मदद मिलेगी।
बड़ी आबादी के लिए कोर्ट के फैसले को समझ पाना मुश्किल :मोदी
पीएम मोदी विज्ञान भवन में चीफ जस्टिस और मुख्यमंत्रियों की दूसरी ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोर्ट के फैसलों को लेकर एक बड़ा बयान दिया। पीएम ने कहा बड़ी आबादी के लिए कोर्ट के फैसले को समझ पाना काफी कठिन हो जाता है।कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी पहुंचे जहां उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना का अभिवादन किया साथ ही अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान, दिल्ली सीएम अरविन्द केजरीवाल से मुलाकात भी की।
पीआईएल का हो रहा गलत इस्तेमाल – सीजेआई
चीफ जस्टिस और मुख्यमंत्रियों के कार्यक्रम में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई ) एनवी रमना ने कहा कि जनहित याचिका का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। मौजूदा वक्त में अफसरों को डराने तथा प्रोजेक्ट को रोकने के लिए व्यक्तिगत तौर पर भी लोग पीआईएल का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। आज पीआईएल कॉरपोरेट विरोधियों तथा राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ टूल बन कर रह गया है। चीफ जस्टिस ने आगे कहा कोर्ट को न्याय का मंदिर कहा जाता है ऐसे में सभी अदालतों को लोगों का स्वागत करना चाहिए तथा कोर्ट के अपेक्षित आभा और गरिमा होनी चाहिए।