जांजगीर चाम्पा । सरकार के द्वारा निम्न से उच्च पदों पर की गई नियुक्ति उपरांत प्रारम्भिक निम्न नियुक्ति से नई उच्च नियुक्ति के मध्य के वेतन के अंतर पर जारी की गई एरियर्स राशि का भुगतान के वर्षों बाद अब रिकव्हरी निकाली गई है। किए जा चुके एरियर्स भुगतान को अतिरिक्त व नियम विरुद्ध बता कर 7 दिन के भीतर राशि जमा करने संबंधी जारी आदेश ने संबंधित शिक्षकों के मध्य हड़कंप मचा दिया है।

इस कड़ी में जांजगीर-चाम्पा जिला शिक्षा अधिकारी ने जैजैपुर विकासखंड शिक्षा अधिकारी को 496 शिक्षकों से एरियर्स वसूली के निर्देश दिये हैं। बीईओ को भेजे पत्र में डीईओ ने कहा है कि पंचायत संवर्ग के कई शिक्षकों को नियम विरुद्ध अतिरिक्त राशि का भुगतान कर दिया गया है। जिन पंचायत संवर्ग के शिक्षक निम्न पद पर रहते हुए जिला व जनपद पंचायतों से अनुमति प्राप्त कर उच्च पद पर आवेदन प्रस्तुत कर नियुक्त हुए हैं, उनकी सेवा गणना निम्न पद पर कार्यअवधि से नहीं किया जायेगा। नव नियुक्ति पद पर कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से उनकी सेवाओं की गणना होगी। पत्र में कहा है गया है कि जिन शिक्षकों को अतिरिक्त भुगतान किया गया है, उन्हें 7 दिन के भीतर बैंक ड्राफ्ट, चेक या डीडी के जरिये कार्यालय में जमा कराना सुनिश्चित करना होगा।

जानें कैसे होगी रिकव्हरी
यदि किसी शिक्षक की नियुक्ति शिक्षाकर्मी वर्ग-3 के तौर पर पूर्व में हुई थी और 5 वर्ष/या अन्य वर्ष अवधि की सेवा के दौरान जनपद अथवा जिला पंचायत से अनुमति प्राप्त कर उच्च वर्ग के लिए आयोजित शिक्षक परीक्षा में शामिल होकर उत्तीर्ण किया और वह शिक्षा कर्मी वर्ग 2 अथवा 1 के लिए चयनित हो गया तो उसे नए पद का वेतन मिलना शुरू हुआ। इसके साथ ही नए वेतनमान के अनुसार शिक्षा विभाग द्वारा प्रारम्भिक वर्ग 3 की नियुक्ति अवधि से उच्च पद पर नियुक्ति अवधि के मध्य की राशि बढ़े हुए वेतन के अंतर से एरियर्स के तौर पर वितरण की गई। यह राशि लाखों में प्रति शिक्षक को प्रदाय की जा चुकी है।
कमीशन लेने वालों की मौज,शिक्षकों को लौटाने होंगे पूरी राशि
शिक्षकों के बीच से ही खबर निकली है कि उच्च पद पर नियुक्ति के बाद संबंधित गुरुजी को बढ़ा हुआ वेतन के आधार पर एरियर्स की राशि प्रदाय करने के एवज में 20 से 25 प्रतिशत कमीशन लेने का खेल भी चला। कमीशन लेने वालों ने तो ले लिया लेकिन गुरुजनों को तो पूरे पैसे लौटाने होंगे। रिकव्हरी की नोटिस के बाद शिक्षकों में हड़कंप मच गई है। देखना यह है कि रिकव्हरी की राशि वसूली जा पाएगी या फिर मामला कहीं जाकर लटक जाएगा।