किसान से धोखे से ब्लैंक चेक हासिल कर खाते से केसेसी लोन के 3 लाख पार करने वाला आरोपी 6 महीने बाद गिरफ्तार
,राशि खर्च कर चुका किसान कैसे लौटाएगा कर्ज

कोरबा । किसान से धोखे से ब्लैंक चेक हासिल कर खाते से केसीसी लोन के 3 लाख पार करने वाला शातिर ठग आख़िरकार शिकायत के 6 महीने बाद जांजगीर जिले के जैजैपुर से गिरफ्तार हो गया है । लेकिन आरोपी द्वारा रकम खर्च कर लिए जाने के बाद लोन की रकम वापस नहीं होने से किसान अब भी परेशान है।

रजगामार के पीड़ित किसान मनीराम राठिया ने 6 महीने पहले इसकी शिकायत पुलिस से की थी। अपने शिकायती पत्र में लिखा है कि उसके पास मौजूद उसके स्वामित्व की जमीन पर लोन स्वीकृत कराने के लिए बालको निवासी एजेंट महेंद्र चंद्रा उसके घर आया। महेंद्र चंद्रा ने केसीसी लोन स्वीकृत भी करा लिया। इसके एवज में सारे कागजात और सारी प्रक्रिया चंद्रा खुद ही बैंक जाकर पूरी करता था।
मीडिया ने खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना में लिया था, अब जाकर ठगी के मुख्य आरोपी महेंद्र चंद्रा को जांजगीर-चांपा जिले के जैजैपुर से गिरफ्तार किया गया है। ठगी किए गए रकम को आरोपी खर्च कर चुका है। पुलिस ने ठगी की धाराओं के तहत कार्रवाई जरूर की है, लेकिन किसान को रकम वापस नहीं मिल सकेगी। ऐसे में बड़ा सवाल यह भी है कि किसान के नाम पर लिए गए इस लोन के राशि की भरपाई कैसे होगी।

इस तरह की ठगी

किसान ने बताया कि उसके नाम पर कुल 4 लाख रुपए का लोन स्वीकृत हुआ। जिसके एवज में 10 हजार रुपए कमीशन देने की बात हुई थी। 18 दिसंबर 2021 को किसान के खाते में लोन की स्वीकृत राशि में से 3 लाख रुपये बैंक में डाले गए थे। किसान को इस बात की जानकारी मिली, जिसके कुछ दिन बाद ही चंद्रा किसान को लेकर बैंक गया था। बैंक से लोन मिलने के एवज में ब्लैंक चेक भी जमा कराए गए थे। इसी ब्लैंक चेक में से एक चेक को धोखे से महेंद्र चंद्रा ने अपने पास रख लिया। इसमें अपने भाई का नाम भरकर बैंक से 3 लाख रुपए निकाल लिए।

बैंक की भूमिका है संदिग्ध

इस शिकायत के 6 महीने बाद अब जाकर ठगी करने वाले महेंद्र चंद्रा को पुलिस ने गिरफ्तार कर रिमांड पर जेल भेज दिया है, सवाल यह भी है कि लोन के एवज में ब्लैंक चेक हितग्राही द्वारा बैंक जमा कराता है। अब इस ब्लैंक चेक में से एक चेक एजेंट चंद्रा ने किस तरह हासिल किया। यह जांच का विषय हो सकता है। लेकिन पुलिस ने सिर्फ एजेंट को ही गिरफ्तार किया है। जबकि इस मामले में बैंक की भूमिका भी संदेह के दायरे में है।

आरोपी खर्च कर चुका राशि नहीं लौटाई जा सकेगी वापस

इस तरह के मामलों में अक्सर ठगी की रकम बरामद नहीं हो पाती। मौजूदा मामले में भी यही हुआ है। किसान से ठगी करने वाले महेंद्र चंद्रा ने धोखाधड़ी करते हुए खाते से 3 लाख रुपए निकाल लिए पैसे निकालने के बाद 6 महीने के दौरान वह इसे खर्च कर चुका है। पुलिस ने ठगी की रकम बरामद नहीं की है। रामपुर चौकी प्रभारी कृष्णा साहू का कहना है कि “ठगी के आरोप में महेंद्र चंद्रा को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन रकम बरामद नहीं हो पाई है। इसे आरोपी खर्च कर चुका है। इसलिए रकम वापस नहीं कराई जा सकेगी। मामले में अभी और भी जांच की जा रही है।