जांजगीर चाम्पा । बोर के गहरे गड्ढे में फंसे राहुल को निकालने के लिए अब तक आजमाए गए सारे प्लान फेल होते दिख रहे हैं। जिला प्रशासन और रेस्क्यू टीम ने अब ऐसे में एक युवक को गड्ढे में नीचे उतारने का प्लान बनाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि NDRF की टीम का एक जवान बोर के गड्ढे में उतरकर निकालने की कोशिश कर रहा है। उल्लेखनीय है कि बोर में फंसे राहुल ने पिछले 10 घंटे से कुछ भी नहीं खाया है। बताया जा रहा है कि मासूम राहुल की तबियत लगातार बिगड़ती जा रही है। वहीं गड्ढे में फंसा राहुल पिछले कुछ समय से कोई मूवमेंट भी नहीं कर रहा है। राहुल के एक्टिव नहीं होने को लेकर प्रशासन के अफसरों में चिंता घर करती जा रही है। जिला प्रशासन के सारे प्रयास विफल होने और रेस्क्यू की राह में लगातार आ रहे रोड़ों के चलते घटनास्थल पर हड़कंप की स्थिति निर्मित है।
मासूम राहुल को बोरवेल में फंसे पूरे चार दिन यानी 96 घंटे गुजर चुके हैं। उसे बचाने की हर कोशिश हो रही है। बचाव कार्य एक पल के लिए नहीं थमा है। बताया गया है कि राहुल की हालत बिगड़ रही है, लेकिन निगरानी कर रहे चिकित्सकों ने कहा कि उसकी धड़कन सामान्य है। कलेक्टर ने बताया कि उसने कल से कुछ नहीं खाया है।
ऐसे में राहुल के परिजनों के अलावा प्रशासनिक अफसरों और रेस्क्यू में दिन-रात लगी टीम के सदस्यों के चेहरों पर भी चिंता की लकीरें साफ-साफ दिखने लगी हैं। हालांकि अभी तक उम्मीद किसी ने नहीं छोड़ा है। अब देखना होगा कि बोर के गड्ढे में ही सीधे उतरकर राहुल को निकालने के प्रयास क्या रंग लाता है।बताया गया है कि रेस्क्यू टीम राहुल से केवल डेढ़ फीट की दूरी पर है। बनाई गई टनल के भीतर लाइम स्टोन होने के कारण समय लग रहा था। टीम ने इसे तोड़ा और आगे बढ़ने पर एक और चट्टान बाधा बन गई।रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एनडीआरएफ के कमांड इन चीफ वर्धमान मिश्रा को चोट लगी है। मौके पर ही उनका उपचार किया गया।

खुदाई का बदला गया एंगल
दरअसल राहुल तक पहुंचने के लिए टनल तैयार करने के बाद खुदाई की दिशा थोड़ी बदली गई है। पहले तय किए गए एंगल में चट्टान बाधा बन रही थी। टनल के अंदर एक स्ट्रक्चर बनाया जा रहा है। इसे बल्लियों से सपोर्ट दिया जा रहा है। राहुल को लोकेट करने के लिए वीएलसी (विक्टिम लोकेशन कैमरा) का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही जहां राहुल है उसके नीचे के पत्थर को वाइब्रेटर से चिकना किया जा रहा है, ताकि राहुल को निकालने के दौरान उसे चोट न लगे।

सीएम ने कहा- हर गतिविधि पर बारीकी से नज़र रखी जा रही
मुख्यमंत्री ने कहा कि बोरवेल में फंसे राहुल को सकुशल बाहर निकालने के लिए जिला प्रशासन की पूरी टीम अलर्ट मोड पर है। हर गतिविधि पर बारीकी से नज़र रखी जा रही है। उन्होंने कहा मामला संवेदनशील है इसलिए रेस्क्यू टीम पूरी सावधानी से आगे बढ़ रही है। चट्टानों का मुकाबला हम अपने फौलादी इरादों से कर रहे हैं।

शुक्रवार दोपहर 2 बजे बोरवेल में गिरा था राहुल
यहां बताना होगा कि छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले के पिहरिद गांव का राहुल साहू, लगभग 11 साल, पिता लाला साहू रोज की तरह दोपहर में घर के पीछे अपनी ही बाड़ी में खेल रहा था। शुक्रवार दोपहर 2 बजे के बाद से उसका कुछ पता नहीं चला है। परिजन भी इस बात से बेखबर थे। उन्हें इस बारे में तब पता चला, जब घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए। उस दौरान राहुल के रोने की आवाज आ रही थी। गड्ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है। बोरवेल का गड्ढा 80 फीट गहरा है। बच्चामूक- बधिर है और मानसिक रूप से कमजोर है। राहुल अपने मां-बाप का बड़ा बेटा है वहीं भाई उससे 2 साल छोटा है। पिता की गांव में बर्तन की दुकान है।
कॉरिडोर बनाकर पहुंचाया जाएगा अपोलो अस्पताल बिलासपुर
जैसे ही राहुल बोर के गड्ढे ने निकाला जाएगा उसे अस्पताल तक ले जाने की पूरी तैयारी हो गई है। राहुल को बाहर लाते ही एंबुलेंस से बिलासपुर ले कर जाया जाएगा। जहां अपोलो अस्पताल में उसे भर्ती किया जाएगा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर राहुल को रेस्क्यू के बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर ले जाने का काम पूरा हो गया है। अब बस उसके बाहर आने का इंतजार है। इसे लेकर मेडिकल टीम को अलर्ट कर दिया गया है।