रामपुर के ईदगाह में बकरीद की नमाज के बाद दुआओं के उठे हाथ
रामपुर। रामपुर में ईद-उल-अजहा यानी बकरीद मनाई गई । मीठी ईद के ठीक दो महीने बाद बकरीद आती है।रामपुर के ईदगाह में रविवार की सुबह बकरीद की नमाज के लिए अदा की गई। नमाज के बाद सभी ने गले मिलकर एक-दूसरे को बधाई दी। सूर्योदय होते ही ईदगाह की ओर लोगों के कदम बढ़ते चले गए। सुबह 7 बजे तक ईदगाह में खुतबा पढ़ाया और नमाज अदा करने का सिलसिला जारी रहा। इसके बाद कुर्बानी की रस्म अदा की गई।
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रामपुर के आसपास के तमाम ईदगाह में बकरीद की नमाज अदा की गई। सभी ने एक दूसरे से गले मिलकर स्वस्थ रखने की दुआ की। पिछले दो सालों से कोरोना को लेकर बकरीद की नमाज सार्वजनिक रूप से समूह में अदा नहीं की गई थी लेकिन इस बार लोगों ने एक दूसरे के साथ मिलकर सैकड़ों की संख्या में नमाज में शामिल हुए और नमाज के बाद एक दूसरे के गले मिलकर बकरीद की मुबारकबाद दी। अकीकतमंदों ने नमाज अदा की और देश में शांति, अमन चैन की दुआ मांगी। बड़े हो या बच्चे सभी गले मिलकर एक दूसरे को ईंद की मुबारकबाद देते नजर आये।
मौलाना गुलशनवर ने कुर्बानी के महत्व पर प्रकाश डाला और विश्व कल्याण के लिए सराहनीय कदम उठाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हमारे अंदर भी एक जानवर छिपा है। जो हमें गलत रास्ते पर ले जाता है। क्रोध, लोभ, ईष्र्या आदि सभी बुराइयों का जड़ यही है। बकरीद पर हमें अपने भीतर छिपे जानवर की भी कुर्बानी देना चाहिए। नेकी पर चलने वाले बंदे ही अल्लाह को पसंद होते हैं। कुरान ए पाक से मिलने वाले संदेशों को अपने जीवन में आत्मसात करने से अल्लाह खुश होते हैं। मौलाना ने ईदगाह में नमाज अदा करने के साथ ही ईद के फर्ज भी समझाया। लोगों को अमन चैन, भाईचारिगी और मोहब्बत से रहने का पैगाम दिया। इस बार खास तौर पर दूसरों की भावनाओं का ख्याल रखें।
बकरीद की नमाज एवं कार्यक्रम को सफल बनाने में मौलाना गुलशनवर, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय आयोग के कोरबा जिलाध्यक्ष फिरोज खान, साहिल खान(गाजी) इसहाक सिद्दीकी, अकरम सिद्दीकी, इकबाल सिद्दीकी, सुल्तान खान, इरशाद, गुलजार खान, अफजल खान, रहीम खान, अल्ताफ, वसीम, इब्राहिम, सज्जाद खान, अमीन, गोलू, जेठू, अमजद खान, अशरफ खान, लतीफ अंसारी, मजीद खान, सलीम खान, फरीद खान, आरजू, हफिज खान, दरबार खान, इनायत, अझरू खान खाना आदि मुस्लिम समाज के लोग शामिल थे।