Success Story Indore: खेतिहर मजदूर पिता ने बोए सपने, बेटे ने एम्स पहुंचकर काटी प्रतिभा की उपज

Success Story Indore, । पिता खेतिहर मजदूर। ऊपर से अनुसूचित जाति का पिछड़ापन और अशिक्षा का अभिशाप। साथ में गरीबी की जन्मजात विरासत। हालात ऐसे नहीं कि बेटे को किसी बड़े स्कूल में पढ़ा सकें, फिर भी उसे काबिल बनाने के सपने बोए। पिता को पता नहीं था कि सपनों की यह बुआई क्या पैदा करेगी? पर बेटे ने प्रतिभा के दम पर अंकों की ऐसी उपज पैदा की कि डॉक्टर बनने एम्स रायपुर पहुंच गया। नीट की परीक्षा में उसने 83.61 फीसद अंक हासिल किए।

इंदौर जिले की सांवेर तहसील के संजय नगर गांव का विजय दिवानिया गांव का पहला ऐसा लड़का बन गया है जो डॉक्टर बनेगा। पिता कैलाश दिवानिया और मां चंद्रकला दिवानिया कहती हैं, विजय हमारे लिए कुलदीपक बनकर आया है।

हमको तो कुछ नहीं पता कि वह कौन-सी पढ़ाई कर रहा था, लेकिन हमने हमेशा उसका उत्साह बढ़ाया। अभावों के बीच रहकर भी उसने डॉक्टर बनने की कठिन राह चुनी। विजय को नीट के कुल 720 अंकों में से 602 अंक मिले हैं। वैसे तो विजय अनुसूचित जाति वर्ग से है, लेकिन उसके अंक इतने हैं कि उसने सामान्य वर्ग के कटऑफ से भी कहीं अधिक अंक अर्जित किए।

कक्षा 10वीं की परीक्षा उसने 86 फीसद अंकों के साथ उत्तीर्ण की तो सबकी नजर विजय पर गई। राज्य शासन की सुपर-100 योजना में उसका चयन भोपाल के सुभाष स्कूल में हो गया। यहां रहकर उसने 11वीं और 12वीं की पढ़ाई की। इसके साथ ही डॉक्टर बनने के लिए राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेस टेस्ट (नीट) दी। पहले प्रयास में विजय का चयन नहीं हो पाया तो भी उसने हार नहीं मानी। दूसरे प्रयास के दौरान वह गांव में ही रहा और अपने बनाए नोट्स के आधार पर फिर जोर-शोर से पढ़ाई की। दोबारा नीट की परीक्षा दी और इस बार उसने अद्भुत सफलता हासिल की।

शादियों में वेटर का काम भी किया, अब आया पहला स्मार्ट फोन

पिता पर बोझ न बनने के लिए विजय ने पढ़ाई के साथ आसपास के गांवों में रसूखदारों की शादियों में वेटर का काम भी किया। इससे जो पैसे मिलते, वह किताबों में लगाता। विजय की प्रतिभा के साथ ही गरीबी के बारे में जब अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर को पता चला तो उन्होंने मदद की। विजय की जरूरत को देखते हुए उसे स्मार्ट फोन दिलाया और एम्स रायपुर के लिए उसकी पहली फीस के रूप में 40 हजार रुपये भी जमा कराए। विजय का कहना है, वह डॉक्टर बनकर अपने ही गांव में क्लीनिक खोलकर लोगों की सेवा करना चाहता है।