दुर्ग । भिलाई के सुपेला थाना अंतर्गत पांच रास्ता निवासी सोनू सिंह (25) पिता राजेश सिंह ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। सोनू ने एक महीने पहले रामनगर मुक्तिधाम के पास की एक लड़की से प्रेम विवाह किया था। इसके बाद लड़की के पिता ने प्रेम विवाह को मानने से इनकार कर दिया और उसे अपने साथ ले गया। इसी गम में सोनू ने गुरुवार देर शाम अपने घर में फांसी लगा ली।
सोनू के पिता राजेश सिंह ने बताया कि उसका बेटा 22 साल की एक लड़की से प्रेम करता था। डेढ़ महीने पहले वह लड़की को लेकर बिहार के गोपालगंज जिले के अपने पैत्रक गांव लड़इली भाग गया था। वहां उसने आर्य समाज में लड़की के साथ शादी कर ली। इधर, लड़की के पिता ने वैशाली नगर थाने में लड़की की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। लड़की के ही दुपट्टे से लगाई फांसी सोनू एक महीने तक लड़की के साथ गांव में रहा। इसके बाद उसे लेकर भिलाई अपने घर आ गया। लड़की के पिता को उनके लौटने का पता चला तो उन्होंने वैशाली नगर थाने में शिकायत की और पुलिस के साथ आकर लड़की को ले गया। फिर बेटी को भेजने से मना कर दिया। इसके बद से सोनू अपने पिता से कहता था कि वह उस लड़की के बिना नहीं रह पाएगा। उसने गुरुवार को लड़की के दुपट्टे से से ही फांसी लगा ली। राजेश ने बेटी के पिता से शादी के लिए की थी बात राजेश सिंह का कहना है उसका बेटा सोनू लड़की के गम में काफी दुखी था। वह बार-बार मरने की बात करता था। इसके चलते उसने लड़की के पिता से दोनों की शादी कराने की बात भी की थी।
अंतरजातीय विवाह होने के चलते लड़की का बाप तैयार नहीं हुआ
वैशाली नगर पुलिस पर गलत कार्रवाई करने का आरोप राजेश सिंह का कहना है कि लड़का और लड़की दोनों बालिग थे। लड़की ने पुलिस के सामने थाने में यह बोला भी था कि वह सोनू के साथ रहना चाहती है। इसके बाद भी वैशाली नगर पुलिस ने जबरदस्ती लड़की को उसके पिता के साथ भेज दिया। राजेश का कहना है कि यदि लड़की की मर्जी पुलिस मानती और दोनों को साथ रहने देती तो आज उसका बेटा जिंदा होता।
काम पर जाना कर दिया था बंद
सोनू इडली व दोसा का मिस्त्री था। शादी व्याह या अन्य प्रोग्राम में वह कैटर्स के साथ जाता था। लड़की के चलते जाने से वह इतने गम में था कि उसने काम पर जाना भी बंद कर दिया था। वह दिन भर अपने आपको कमरे में बंद रखता था और मोबाइल में लड़की और अपने विवाह व अन्य पलों की तस्वीरें देखता रहता था। दादा ने पोता की लव मैरिज की थी स्वीकार राजेश सिंह का कहना है कि सोनू ने अपने पैत्रक गांव जाकर लड़की से शादी की थी। उसकी दूसरे कास्ट में शादी करने के बाद भी सोनू के दादा ने पोता बहू को स्वीकार कर लिया था। उनके पास दोनों एक महीना रहे भी। जब सोनू वहां लौटा तो दादा ने उसे व बहू को 60 हजार रुपए विदाई भी दी थी।