बिना वजन दौड़ रहीं हैं ओव्हरलोड कोयला लदी वाहन ,माइनिंग वे ब्रिज खराब ,खनिज विभाग बेखबर

कोरबा। एसईसीएल की दीपका व गेवरा कोल परियोजना से कोयला लेकर निकलने वाले भारी वाहन चालकों को इन दिनों काफी परेशान होना पड़ रहा है। सरईश्रृंगार स्थित खनिज विभाग का कांटाघर बंद होने की स्थिती में बिना तौल के ही चालक कोयला लेकर अपने गंतव्य की ओर रवाना हो रहे है। कांटाघर किन कारणों से बंद है, इसका जवाब देने वाला भी मौके पर कोई नहीं है। ऐसे में ओव्हरलोड भारी वाहनों के वजन की जानकारी नहीं हो रही है।

खनिज विभाग के अधिकारियों का स्थानांतरण होने के बाद हरदीबाजार स्थित सरईश्रृंगार कांटाघर में ताला लटक गया है। खनिज विभाग का कांटाघर बंद होने की स्थिति में खदानों से कोयला लेकर तौल कराने वाले वाले चालकों को काफी परेशान होना पड़ रहा है। तौल नहीं होने की स्थिति में उन्हें घंटो इंतजार करना पड़ रहा है। यहां सबसे बड़ा सवाल यह हैं, कि ओव्हरलोडिंग रोकने के लिए ही खनिज विभाग ने कांटाघर बनाया है। ऐसे में अगर कांटाघर बंद रहता है और कोई ट्रक चालक निर्धारित मात्रा से अधिक कोयला लेकर चला जाता है, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। गेवरा और दीपका खदान से रोजाना सैकड़ों की संख्या में भारी वाहन कोयला लेकर अपने गंतव्य को रवाना होते हैं, लेकिन कांटाघर के बंद होने से बिना तौल के ही रवाना हो रहे है।