प्लांट्स को देनी होगी उत्पादित फ्लाईएश की मात्रा, परिवहन करने वाले वाहन, निपटान के तरीकों के बारे में पूरी जानकारी
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज रायगढ़। राखड़ निपटान (प्रबंधन)में फैल हो रहे रायगढ़ के दो पॉवर प्लांट्स की जमीनी हकीकत हसदेव एक्सप्रेस द्वारा उजागर करने के बाद रायगढ़ कलेक्टर रानु साहू ने कड़ा रुख अपनाया है। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने मंगलवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिले के पॉवर प्लांट्स के प्रतिनिधियों की फ्लाईएश निपटान के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक ली। उन्होंने सभी प्रतिनिधियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि फ्लाईएश का समुचित निपटान पॉवर प्लांट्स की जिम्मेदारी है। उन्हें गाईड लाईन्स के अनुसार निर्धारित स्थानों और तरीकों से ही फ्लाईएश का निपटान करना है, ऐसा नहीं किए जाने पर नियमानुसार कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

यहां बताना होगा कि छत्तीसगढ़ के सबसे जहरीली प्रदूषित शहरों की सूची में सिरमौर रायगढ़ में कुछ इकाईयों द्वारा एनजीटी के निर्देशों सुप्रीमों कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही थी।गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में औद्योगिक संयंत्रों से उत्सर्जित राखड़ के उपयोगिता की तो रायगढ़ जिले के दो इकाइयों की राखड़ उपयोगिता का दायरा 50 फीसदी से भी कम रहा। पुसौर तहसील के छोटे भंडार में संचालित मेसर्स रायगढ़ इनर्जी जनरेशन लिमिटेड की राखड़ उपयोगिता महज 39 प्रतिशत रही। 600 मेगावाट की इस इकाई से 9 लाख 70 हजार 517 मीट्रिक टन फ्लाई ऐश का उत्सर्जन हुआ जिसमें से 3 लाख 78 हजार 828 मीट्रिक टन फ्लाई ऐश की उपयोगिता सुनिश्चित की जा सकी। 5 लाख 91 हजार 689 मीट्रिक टन राखड़ की उपयोगिता सुनिश्चित नहीं की जा सकी। इस प्लांट्स के विरुद्ध पर्यावरण विभाग को ग्राम टिमरलगा के लातनाला में फ्लाई ऐश प्रवाहित किए जाने की शिकायतें मिली थी। जिसके परिपालन में 29 सितम्बर 2021 को सहायक अभियंता छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल रायगढ़ प्रतिभा टोप्पो एवं रसायनज्ञ हिमश्वेता खाखा ने मौके पर पहुंचकर खसरा नंबर 1936 का निरीक्षण किया था। जिसके तहत व्यापक पैमाने पर निरीक्षण के दौरान गम्भीर खामियां पाई गई थी।जिसमें फ्लाई ऐश के ऊपर मिट्टी की परत बिछाना नहीं पाया गया। फ्लाई ऐश जमीन से लगभग 2 मीटर ऊपर पाया गया। उक्त स्थल के समीप से लातनाला गुजरती है ,जिसमें गढ्ढों का जमाव जल ओवर फ्लो होने से लातनाला में मिलता है ,जिससे जल प्रदूषण होने की संभावनाएं पाई गई थी। उक्त स्थल से जल बहाव के रोकथाम हेतु बंड का अभाव पाया गया था।
इसी तरह मेसर्स लारा थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट (एनटीपीसी लिमिटेड ) की राखड़ उपयोगिता 47 .52 फीसदी रही। कुल 1600 मेगावाट की इस इकाई से 32 लाख 34 हजार 173 मीट्रिक टन फ्लाई ऐश का उत्सर्जन हुआ जिसमें से 15 लाख 36 हजार 830 मीट्रिक टन फ्लाई ऐश की उपयोगिता सुनिश्चित की जा सकी। 16 लाख 97 हजार 343 मीट्रिक टन राखड़ की उपयोगिता सुनिश्चित नहीं की जा सकी।रायगढ़ की आबोहवा को प्रदूषित कर रहे लापरवाह पॉवर प्लांट्स की करतूत को हसदेव एक्सप्रेस ने 25 सितंबर के अंक में प्रमुखता से जारी कर जिला प्रशासन शासन का ध्यान आकृष्ट कराया था। जिसके बाद कलेक्टर श्रीमती रानु साहू ने मंगलवार को बैठक लेकर पॉवर प्लांट्स के सभी प्रतिनिधियों को उनके प्लांट में प्रतिदिन उत्पादित फ्लाईएश की मात्रा, निपटान के लिए परिवहन करने वाले वाहनों की जानकारी तथा किस विधि द्वारा फ्लाईएश का निपटान संबंधित प्लांट द्वारा किया जा रहा है, इसकी पूरी जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है। उन्होंने इसकी मॉनिटरिंग के लिए एक कमेटी गठित करने के निर्देश पर्यावरण अधिकारी को दिए। बैठक में कलेक्टर श्रीमती साहू ने प्लांट प्रतिनिधियों से कहा कि जिले में फ्लाईएश के समुचित तरीके से निपटान नहीं किए जाने की लगातार शिकायतें आ रही है। यह पॉवर प्लांट्स को सुनिश्चित करना है कि उनके यहां उत्पादित फ्लाईएश का सही तरीके से निपटारा हो। उन्होंने कहा कि उत्पादित किए जा रहे फ्लाईएश के साथ उसे निपटान के लिए किन वाहनों से भेजा जा रहा है यह जानकारी देनी होगी। संबंधित वाहन में जीपीएस लगा हुआ हो, जिससे उसकी ट्रेकिंग की जा सके। फ्लाईएश का निपटान यदि भूमि भराव के द्वारा किया जा रहा है तो उसके लिए एनओसी प्राप्त निर्धारित जगहों पर ही उसे डंप किया जाए। परिवहन के दौरान वाहन निर्धारित क्षमता में ही फ्लाईएश पूरी तरीके से ढंककर ले जाए। भूमि भराव पूर्ण होने के पश्चात उसके ऊपर उपजाऊ मिट्टी की परत भी बिछानी है तथा वहां प्लांटेशन भी करना है। भूमि भराव के अलावा यदि फ्लाईएश का उपयोग ईंट निर्माण के लिए भी किया जा रहा है तो उसकी भी पूरी जानकारी देनी होगी, साथ ही बताना होगा कि संबंधित एजेंसीज के पास फ्लाईएश ईंट निर्माण के लिए सारी अनुमतियां है। उन्होंने कहा कि फ्लाईएश के निपटान पर लापरवाही करने पर प्लांट्स, ट्रांसपोटर्स के ऊपर नियमानुसार प्रति टन के हिसाब से पेनाल्टी लगाया जाएगा।
बैठक में पर्यावरण अधिकारी एस.के.वर्मा, सहायक अभियंता पर्यावरण श्री पिस्दा सहित पॉवर प्लांट्स के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।