हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । आदिवासी विकास विभाग द्वारा जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफटी) से आश्रम छात्रावासों में प्रदाय किए गए करोड़ों के आरओ प्लस यूवी टेक्नोलॉजी युक्त वॉटर प्यूरिफिकेशन सिस्टम,इन्वर्टर आदि सामग्री के गारंटी अवधि में खराब होने संबंधी सवालों पर कलेक्टर संजीव झा ने दो टूक लहजे में कहा है कि अगर गारंटी अवधि में उपकरण खराब हुए हैं तो बनाना पड़ेगा। कलेक्टर के इस बयान के बाद संबंधित फर्मों में हड़कम्प मच गया है
यहां बताना होगा कि आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में किस कदर आदिवासी विकास विभाग ने डीएमएफ की राशि का बंदरबाट किया है सीएम के आगमन की घड़ी नजदीक आते ही परत दर परत उसकी पोल खुलती जा रही। हसदेव एक्सप्रेस की पड़ताल में जहां वनांचल प्री मेट्रिक बालक छात्रावास अजगरबहार में प्रदाय किए गए गुणवत्ताहीन इन्वर्टर के खराबी की दास्तां स्वयं स्टॉफ ने बेबाकी से बयां की थी ।वहीं
शहर सहित करतला, कुदमुरा ,के छात्रावासों में प्रदाय किए गए आरओ प्लस यूवी टेक्नोलॉजी युक्त वॉटर प्यूरिफिकेशन सिस्टम भी दम तोड़ चुका है। सालों से खराब आरओ प्लस यूवी टेक्नोलॉजी युक्त वॉटर प्यूरिफिकेशन सिस्टम की वजह से बच्चों को कहीं बोर तो कहीं कुएं से पानी पीना पड़ रहा । हसदेव एक्सप्रेस ने इस अव्यवस्था की वीडियो संलग्न कर प्रमुखता से समाचार प्रकाशित कर ध्यान आकृष्ट कराया था। हसदेव एक्सप्रेस ने बुधवार को सीधे कलेक्टर संजीव झा से आश्रम छात्रावासों में डीएमएफ के माध्यम से प्रदाय किए गए करोड़ों के आरओ प्लस यूवी टेक्नोलॉजी युक्त वॉटर प्यूरिफिकेशन सिस्टम,इन्वर्टर के खराब होने को लेकर उनका पक्ष जाना । कलेक्टर श्री झा ने दो टूक लहजे में कहा कि गारंटी अवधि में अगर आश्रम छात्रावासों में प्रदाय किए गए उपकरण खराब हो रहे हैं तो फर्म को बनाना पड़ेगा। खराब उपकरणों की मरम्मत कराई जाएगी। कलेक्टर के बयानों के बाद जिला प्रशासन के आगामी रुख को देखना दिलचस्प होगा।
28 दिन से गायब थे अधीक्षक ,नहीं हो रही प्रॉपर मॉनिटरिंग , कलेक्टर बोले- शायद आपको जानकारी नहीं ,मॉनिटरिंग के लिए पूरा रोस्टर बना रहता है
यहां बताना होगा कि आदिवासी विकास विभाग के माध्यम से जिले में 183 आश्रम छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है।शासन प्रशासन छात्रावासी बच्चों की सुविधाओं में हर साल बढोत्तरी कर रही है। ताकि वे स्वस्थ रहकर मन लगाकर विद्यार्जन कर सकें। लेकिन आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में आश्रम छात्रावास भष्ट्राचार का केंद्र बिंदु बन गए हैं वरन इन आश्रम छात्रावासों पर विभागीय नियंत्रण भी ढीली पड़ गई है।शासन द्वारा तमाम सुविधाएं दिए जाने के बावजूद आश्रम छात्रावासों की नियमित मॉनिटरिंग नहीं की जा रही। विकासखंड पोंडी उपरोड़ा के प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास सिरमिना का अधीक्षक गितेश सिंह 16 अगस्त से नदारत थे । 28 दिनों से बिना सूचना अनुपस्थित अधीक्षक की जनप्रतिनिधियों से शिकायत के बाद सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग ने 13 सितम्बर को औचक निरीक्षण कर जायजा लिया। जहाँ शिकायत सही मिली। सहायक आयुक्त के जांच प्रतिवेदन पर कलेक्टर ने अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस थमाया था। इससे जुड़े सवाल जब कलेक्टर संजीव झा से पूछा गया तो उन्होंने मीडिया कर्मियों को ही निरीक्षण रोस्टर का पाठ पढ़ा दिया। उन्होंने कहा कि शायद आपको जानकारी न हो आश्रम छात्रावासों के लिए एक निरीक्षण रोस्टर बना रहता है। जिसकी वे खुद ही मॉनिटर करते हैं। आश्रम छात्रावासों में कौन कहाँ जा रहा प्रशासन को पता रहता है । उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान वे खुद भी आश्रम छात्रावास जाकर इस व्यवस्था की तस्दीक करते हैं। कलेक्टर साहब भले यहां मीडिया को सरकारी व्यवस्था का पाठ पढ़ा गए हों पर ये भूल गए कि सिरमिना में 28 दिन से गायब अधीक्षक की जानकारी निरीक्षण रोस्टर से नहीं जनप्रतिनिधियों की शिकायत के बाद पता चला था। जो यह साबित करने में काफी है कि कागजों में भले ही व्यवस्थाएं बनाई गई हों पर जमीनी स्तर पर इसका क्रियान्वयन नहीं हो रहा।