कलेक्टर श्री झा ने सभी पांचों नए धान खरीदी केंद्रों में सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । जनकल्याणकारी मुद्दों को लेकर हसदेव एक्सप्रेस द्वारा जारी खबर ने एक बार फिर असर दिखाया है। जी हां आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले के रामपुर विधानसभा के सरहदी वनांचल क्षेत्रों श्यांग, लेमरू में प्रस्तावित उपार्जन केंद्रों की अनदेखी की हसदेव एक्सप्रेस द्वारा जारी खबरों को राज्य शासन से त्वरित संज्ञान लिया है।।खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता सरंक्षण विभाग के अवर सचिव अमितोष जॉन ने खबर प्रकाशन के दूसरे ही दिन 15 नवम्बर को प्रदेश में 47 नवीन उपार्जन केंद्रों की स्वीकृति दी है। जारी की गई इस दूसरी लिस्ट में कोरबा के रामपुर विधानसभा के प्रस्तावित लेमरू एवं चचिया उपार्जन केंद्र सहित पाली तानाखार विधानसभा क्षेत्र के पोटापानी उपार्जन केंद्र भी शामिल हैं। इसके साथ ही जिले के 41 समितियों में उपार्जन केंद्रों की संख्या अब बढ़कर 60 हो गई है। इस पहल से धान खरीदी केंद्रों के फासले कम हो गए हैं। 36 गांव के 1920 किसान सीधे तौर पर इससे लाभान्वित होंगे। कलेक्टर संजीव झा ने दोनों चरण में स्वीकृत सभी पांचों नए केंद्रों में भी सुचारू रूप से धान खरीदी हेतु माकूल इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
यहां बताना होगा कि प्रदेश में इस साल 1 नवंबर से धान खरीदी अभियान का आगाज हो गया है ।समर्थन मूल्य पर पंजीकृत किसानों से धान खरीदे जा रहे हैं। हर साल शासन किसानों की सुविधाओं को प्राथमिकता में रखकर धान खरीदी करती है। इन सुविधाओं में सबसे प्रमुख धान उपार्जन (खरीदी) केंद्र होते हैं। शासन का पिछले कुछ वर्षों से उपार्जन केंद्रों की संख्या बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित रहा है ,ताकि किसानों को धान बेचने लंबा फासला तय कर समय व धन का नुकसान न उठाना पड़े। इसी परिप्रेक्ष्य में हर साल कार्यालय उप पंजीयक एवं सहकारी बैंक के माध्यम से समितियों से प्रस्ताव मंगाती है । जिसे धान खरीदी शुरू होने से पूर्व मापदंडों में परखकर नवीन उपार्जन केंद्रों की स्वीकृति दी जाती है। जहां खरीदी के लिए भवन ,सुव्यवस्थित फड़ ,कर्मचारी ,खरीदी उपकरण से लेकर तमाम माकूल इंतजाम किए जाते हैं। किसानों को धान बेचने लंबा फासला तय न करना पड़े इसलिए इस साल 9 उपार्जन केंद्रों का प्रस्ताव भेजा गया था। इनमें 5 समिति स्तर से प्रस्तावित थे ,जिनमें रामपुर विधानसभा क्षेत्र से कोरकोमा समिति से चचिया,श्यांग समिति से लेमरू कटघोरा विधानसभा क्षेत्र से अखरापाली -भिलाईबाजार समिति से मुढाली ,उतरदा समिति से बोईदा एवं पाली तानाखार क्षेत्र से पाली समिति से बक्साही नवीन उपार्जन केंद्र के रूप में प्रस्तावित था। वहीं शासन स्तर से विधायकों की अनुशंसा पर सीधे 4 उपार्जन केंद्रों का प्रस्ताव भेजा गया था। ये सभी पाली -तानाखार विधासभा क्षेत्र से प्रस्तावित थे इनमें लाफा समिति से पोटापानी ,पोंडी समिति से बतरा ,चैतमा से रजकम्मा ,एवं बिंझरा से तानाखार शामिल है। इस तरह जिले से कुल 9 केंद्रों का प्रस्ताव भेजा जा चुका था । जिनमें पाली तानाखार विधासभा क्षेत्र से बिंझरा समिति से तानाखार व उतरदा से बोईदा को नवीन उपार्जन केंद्र की स्वीकृति मिली थी ।रामपुर विधानसभा क्षेत्र के दोनों नवीन उपार्जन केंद्रों के प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था । जबकि दोनों प्रस्तावित उपार्जन केंद्रों के किसानों को 18 से 25 किलोमीटर तक का फासला तय कर जंगली जानवरों के भय के बीच जर्जर रास्तों से गुजरकर धान बेचने जाना पड़ता है। दोनों क्षेत्र सर्वाधिक धान उपज वाले भी थे बावजूद इसकी अनदेखी ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए थे। विपक्ष के भाजपा विधायक ननकीराम कंवर के क्षेत्र के इन दोनों प्रस्तावित उपार्जन केंद्रों की अनदेखी को लेकर तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त थी। जिसे लेकर हसदेव एक्सप्रेस न्यूज ने 14 अक्टूबर को दोनों प्रस्तावित उपार्जन केंद्रों के तमाम आंकड़ों के साथ ‘ धान खरीदी अभियान में भी सियासत !कोरबा में सर्वाधिक उपज वाले रामपुर विधानसभा क्षेत्र के दोनों प्रस्ताव पेंडिंग ,सत्तारूढ़ विधायक के क्षेत्र से दो नवीन उपार्जन केंद्रों की मिली स्वीकृति ,प्रस्तावित 9 केंद्रों में से 2 को मिली स्वीकृति,7 को निराशा ,धान बेचने जाने फिर परेशान होंगे किसान नामक शीर्षक के साथ खबर प्रकाशन कर शासन का ध्यान आकृष्ट कराया था। हसदेव एक्सप्रेस द्वारा जारी खबरों को राज्य शासन से त्वरित संज्ञान लिया है।।खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता सरंक्षण विभाग के अवर सचिव अमितोष जॉन ने खबर प्रकाशन के दूसरे ही दिन 15 नवम्बर को प्रदेश में 47 नवीन उपार्जन केंद्रों की स्वीकृति दी है। जारी की गई इस दूसरी लिस्ट में कोरबा के रामपुर विधानसभा के प्रस्तावित लेमरू एवं चचिया उपार्जन केंद्र सहित पाली तानाखार विधानसभा क्षेत्र के पोटापानी उपार्जन केंद्र भी शामिल हैं। इसके साथ ही जिले के 41 समितियों में उपार्जन केंद्रों की संख्या अब बढ़कर 60 हो गई है। कलेक्टर संजीव झा ने दोनों चरण में स्वीकृत सभी पांचों नए केंद्रों में भी सुचारू रूप से धान खरीदी हेतु माकूल इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इससे पूर्व पाली तानाखार विधानसभा क्षेत्र के बिंझरा समिति से तानाखार एवं उतरदा समिति से बोईदा को नवीन उपार्जन केंद्र के तौर पर स्वीकृति मिली थी।
फासले हुए कम ,36 गांव के 1920 किसान होंगे लाभान्वित
कोरबा जिले में अब नए धान खरीदी केंद्रों की संख्या 5 हो गई है। इन सभी पांच धान खरीदी केंद्रों से 36 गांव के एक हजार 920 पंजीकृत किसान लाभान्वित होंगे। इसमें पोटापानी धान खरीदी केंद्र अंतर्गत ग्राम पोटापानी, अलगीडांड, बग्धरीडांड, गांव के 274 किसानों को फायदा होगा। चचिया धान खरीदी केंद्र से ग्राम चचिया, मदनपुर,पसरखेत,धौराभांठा,कुदमुरा, तौलीपाली गांव के 538 किसानों को लाभ मिलेगा।लेमरू धान खरीदी केंद्र से ग्राम अरसेना, अरेतरा, कुटुरवां,गढ़ उपरोड़ा, डोकर मना, देवपहरी,नकिया, बड़ गाव, लेमरू के 311 किसान को लाभ मिलेगा। तानाखार खरीदी केंद्र से तानाखार,बरपाली,अमलीभावना,घरी पखना,घुंचपुर, केनाडांड,दर्राभांठा, बांझीबन,डगनिया, कोड़ा, गुडरुमुड़ा, हथमार,किरगी कला, के 274 किसान लाभान्वित होंगे। इसी प्रकार बोईदा नवीन खरीदी केंद्र से ग्राम बोईदा, मुरली झांझ, कसियाडीह, ओझईयाइन,गांव के 523 किसान लाभान्वित होंगे।